अनूपपुर जिले के वर्ष २००३ में बनने के उपरांत विधानसभा क्षेत्रों में शासकीय योजनाओं के तहत विकासी कार्य कुछ हद तक तक अवश्य पूरे हुए हैं। लेकिन जिला मुख्यालय अनूपपुर का विकास पिछले १७ सालों में नहीं हो सका। इसमें मुख्य सडक़ों के साथ जिला अस्पताल की २०० बिस्तरों वाला नवीन बिल्डिंग, रेलवे ओवरब्रिज, औद्योगिक क्षेत्र, बाईपास सडक़ योजना, कन्या महाविद्यालय, अनूपपुर बस स्टैंड, नवीन सब्जी मंडी स्थल चयन और निर्माण, पेयजल, सिंचाई परियोजनाएं सहित बेरोजगारी दूर करने रोजगार के अवसर की तलाश जैसी मुख्य चुनौतियों आज भी बरकरार है। बिसाहूूलाल सिंह ने पूर्व कांग्रेस कार्यकाल के दौरान से लेकर भाजपा के दामन थामने तक प्रेसवार्ताओं में अनूपपुर विधानसभा का सर्वांगींण विकास की प्राथमिकता की बात दोहराई है। जिसे लेकर अब फिर से जिला मुख्यालय में विकास की योजनाओं को लेकर नागरिक आशांवित हो गए हैं।
बॉक्स: घर से करनी होगी विकास की शुरूआत
जनपद पंचायत अनूपपुर के परासी निवासी वर्तमान केबिनेट मंत्री एवं पूर्व विधायक बिसाहूलाल सिंह को विकास की शुरूआत अपने गांव से ही करनी होगी। आज भी गांव की बदहाल सडक़ के साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, गांवों तक पहुंच के लिए परिवहन व्यवस्थाएं, लतार डैम से आसपास के गंावों तक सिंचाई के लिए व्यवस्थाएं समस्याएं बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना कि कांग्रेस कार्यकाल में मंत्री बनने के दौरान जो विकास हुआ, उसके बाद फिर नहीं हुआ। हालांकि जैतहरी से जमुना तक सीसी सडक़ का निर्माण कार्य आरम्भ हो गया है।
बॉक्स: चुनाव में भाजपा-कांग्रेस समर्थकों के बीच समीकरण की चुनौती
भले ही बिसाहूलाल सिंह ने कांग्रेस को छोडक़र भाजपा का दामन थामा है। लेकिन आज भी बिसाहूलाल के प्रति कांग्रेस समर्थकों का बेहतर समन्वय स्थापित है। जिसके कारण कांग्रेस छोडक़र कार्यकर्ता व पदाधिकारी भाजपा में शामिल होते जा रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर भाजपा में पूर्व से कार्यरत पदाधिकारी और बिसाहूलाल से कट्टरता रखने वाले समर्थकों के कारण चुनावी समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। यह भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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