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अनूपपुर

कांग्रेस से रूठे विधायक बिसाहूलाल को शिवराज मंत्रीमंडल में मिली जगह

अनूपपुर में विकास की योजनाओं को मिलेगी गति, चुनाव में अपनों के साथ रूठे को मनाने की भी रहेगी चुनौती

अनूपपुरJul 03, 2020 / 08:43 pm

Rajan Kumar Gupta

Bisahulal, a disgruntled MLA from Congress, got a place in Shivraj's c

कांग्रेस से रूठे विधायक बिसाहूलाल को शिवराज मंत्रीमंडल में मिली जगह

अनूपपुर। मध्यप्रदेश की सियासत में कांग्रेस से नाराज होकर भाजपा का दामन थामने वाले अनूपपुर पूर्व विधायक बिसाहूलाल सिंह को आखिरकार 2 जुलाई को शिवराज सिंह चौहान की विस्तारित मंत्रीमंडल में केबिनेट मंत्री के रूप में जगह मिल ही गई। बिसाहूलाल सिंह ने भोपाल में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इसके साथ ही बिसाहूलाल के मंत्री बनने के साथ साथ आगामी अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की ओर से उम्मीदवारी का भी दूसरा मौका मिल गया है। बिसाहूलाल के मंत्री बनने के बाद भाजपा खेमें में खुशी की लहर दौड़ गई है। वहीं जिलेवासियों को अब जिले में फिर से विकास होने की आशाएं दिखने लगी है। बिसाहूलाल सिंह कांग्रेस के दिग्विजय सिंह शासन काल में पांच विभागों खनिज, पशुपालन और डेयरी, आदिवासी विकास विभाग, पीडब्ल्यूडी और उर्जा विभाग में मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा अनूपपुर विधानसभा में वर्ष 1980 से राजनीति कैरियर की शुरूआत करते हुए कांग्रेस की उम्मीदवारी में विधायक बने थे। जिसके बाद अनूपपुर का अबतक 8 विधानसभा चुनावों में 5वीं जीत हासिल किया था। लेकिन वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर वरिष्ठता के आधार पर मंत्री बनाए जाने की उम्मीदों में बार बार सूची से नाम काटे से नाराज हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने मार्च में कांग्रेस का साथ छोड?र विरोध दर्ज करा दिया और बाद में कांग्रेस की सत्ता गिर गई थी। आगामी अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की ओर से विधानसभा प्रत्याशी के रूप में नाम तय है। लेकिन इस दौरान कांग्रेस का दामन छोडक़र भाजपा में आए बिसाहूलाल सिंह के लिए उपचुनाव में अपनों के साथ रूठों को मनाने में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
बॉक्स: राजनीति दौड़ में ८ चुनावों में ५ बार रहे विजेता
आदिवासी पिछड़ा अनूपपुर जिले में जनजातीय चुनावी समीकरण हमेशा मतदान में हावी रहे हैं। जिसका नतीजा यह रहा कि यहां भाजपा और कांग्रेस के अधिकांश उम्मीदवारों में भाजपा प्रत्याशी रामलाल रौतेल और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बिसाहूलाल सिंह के अलावा अन्य किसी प्रत्याशी ने एक के बाद एक हार जीत का आंकड़ा नहीं छुआ। वर्ष १९८० से बिसाहूलाल ने अनूपपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा और ८ चुनावों में तीन हार कर पांच बार जीत दर्ज कराई।
वर्ष भाजपा कांग्रेस विजेता
१९८० कमलेश्वर प्रसाद बिसाहूलाल सिंह बिसाहूलाल सिंह
१९९० लक्ष्मीबाई आर्मो बिसाहूलाल सिंह लक्ष्मीबाई आर्मो
१९९३ सूरजदीन बिसाहूलाल सिंह बिसाहूलाल सिंह
१९९८ रामलाल रौतेल बिसाहूलाल सिंह बिसाहूलाल सिंह
२००३ रामलाल रौतेल बिसाहूलाल सिंह रामलाल रौतेल
२००८ रामलाल रौतेल बिसाहूलाल सिंह बिसाहूलाल सिंह
२०१३ रामलाल रौतेल बिसाहूलाल सिंह रामलाल रौतेल
२०१८ रामलाल रौतेल बिसाहूलाल सिंह बिसाहूलाल सिंह
बॉक्स: पांच साल बाद फिर से अनूपपुर का विकास
अनूपपुर जिले के वर्ष २००३ में बनने के उपरांत विधानसभा क्षेत्रों में शासकीय योजनाओं के तहत विकासी कार्य कुछ हद तक तक अवश्य पूरे हुए हैं। लेकिन जिला मुख्यालय अनूपपुर का विकास पिछले १७ सालों में नहीं हो सका। इसमें मुख्य सडक़ों के साथ जिला अस्पताल की २०० बिस्तरों वाला नवीन बिल्डिंग, रेलवे ओवरब्रिज, औद्योगिक क्षेत्र, बाईपास सडक़ योजना, कन्या महाविद्यालय, अनूपपुर बस स्टैंड, नवीन सब्जी मंडी स्थल चयन और निर्माण, पेयजल, सिंचाई परियोजनाएं सहित बेरोजगारी दूर करने रोजगार के अवसर की तलाश जैसी मुख्य चुनौतियों आज भी बरकरार है। बिसाहूूलाल सिंह ने पूर्व कांग्रेस कार्यकाल के दौरान से लेकर भाजपा के दामन थामने तक प्रेसवार्ताओं में अनूपपुर विधानसभा का सर्वांगींण विकास की प्राथमिकता की बात दोहराई है। जिसे लेकर अब फिर से जिला मुख्यालय में विकास की योजनाओं को लेकर नागरिक आशांवित हो गए हैं।
बॉक्स: घर से करनी होगी विकास की शुरूआत
जनपद पंचायत अनूपपुर के परासी निवासी वर्तमान केबिनेट मंत्री एवं पूर्व विधायक बिसाहूलाल सिंह को विकास की शुरूआत अपने गांव से ही करनी होगी। आज भी गांव की बदहाल सडक़ के साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, गांवों तक पहुंच के लिए परिवहन व्यवस्थाएं, लतार डैम से आसपास के गंावों तक सिंचाई के लिए व्यवस्थाएं समस्याएं बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना कि कांग्रेस कार्यकाल में मंत्री बनने के दौरान जो विकास हुआ, उसके बाद फिर नहीं हुआ। हालांकि जैतहरी से जमुना तक सीसी सडक़ का निर्माण कार्य आरम्भ हो गया है।
बॉक्स: चुनाव में भाजपा-कांग्रेस समर्थकों के बीच समीकरण की चुनौती
भले ही बिसाहूलाल सिंह ने कांग्रेस को छोडक़र भाजपा का दामन थामा है। लेकिन आज भी बिसाहूलाल के प्रति कांग्रेस समर्थकों का बेहतर समन्वय स्थापित है। जिसके कारण कांग्रेस छोडक़र कार्यकर्ता व पदाधिकारी भाजपा में शामिल होते जा रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर भाजपा में पूर्व से कार्यरत पदाधिकारी और बिसाहूलाल से कट्टरता रखने वाले समर्थकों के कारण चुनावी समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। यह भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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