बिटियों ने समझा पापा के कारोबार और ड्यूटी, काम में हाथ बंटा कहा पापा करते हैं बहुत काम
अनूपपुरPublished: Sep 25, 2018 08:43:49 pm
बिटियों ने समझा पापा के कारोबार और ड्यूटी, काम में हाथ बंटा कहा पापा करते हैं बहुत काम
बिटियों ने समझा पापा के कारोबार और ड्यूटी, काम में हाथ बंटा कहा पापा करते हैं बहुत काम
कम्प्यूटर पर देखी दवाईयों की स्टॉक और भंडारण, कम्प्यूटर पर सर्च की साईंस विषयक सम्बंधी जानकारी
अनूपपुर। बिटिया इन ऑफिस के तहत सोमवार को कई अधिकारियों और व्यवसासियों ने अपनी अपनी बिटिया लेकर अपने कार्य स्थल पहुंचे और उनको अपनी कार्य पद्धति को विस्तार से समझाया। इस दौरान कई बिटियों ने अपने अपने पापा ओर मम्मी के कार्यो में हाथ बटाया। अधिकांश बिटियों को पापा और मम्मी के काम का पहली बार एहसास हुआ और उन्हें बेहद खुशी भी हुई कि उनके पापा और मम्मी इतना सारा काम करते हैं। तभी तो उनके घर आने में देरी हो जाती है। कई बिटियों को तो उनके पापा का कार्य इतना अच्छा लगा कि वे आगे भी पापा के साथ बैठकर कार्यो को सम्पादित करने की इच्छा जाहिर की। इस मुहिम के लिए बिटियों ने पत्रिका को धन्यवाद कर कहा कि यह अभियान नहीं चलता तो शायद वह अपने पापा के कार्यो से रूबरू नहीं हो पाती।
कम्प्यूटर पर देखी दवाईयों की स्टॉक और भंडारण
ऑफिस: मेडिकल स्टोर अनूपपुर।
बिटिया का नाम: आंचल गुप्ता
पिता का नाम: राजेश कुमार गुप्ता
अब समझ में आया है कि यह काम कितना कठिन है। मैं तो हमेशा से पापा जिद करती थी कि जल्द काम पूरा कर घर आ जाया करो। आज पापा के साथ स्टोर पर जाकर समझ में आ रहा है कि कितना मुश्किलभरा है। आज पता चला है कि पापा देर रात क्यों घर वापस लौटते हैं। दिन-भर दवाईयों का वितरण तथा रात को कम्प्यूटर में उसके स्टॉक में खर्च और शेष के आंकड़ों के साथ ब्रिकी दवाईयों की खर्च में अपडेट फीडिंग कितना महत्वपूर्ण है। मरीजों को दवाईयां देखकर देना, सलाह देना और दवाईयों की बारीकि से जांच पड़ताल करना, सभी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। इस दौरान बेटी ने पिता से कई सवाल भी पूछे। यहां पर बेटी ने खुद पिता के कम्प्यूटर में फीड दवाईयों की स्टॉक में शामिल भंडारण तथा खर्च का भी आंकलन किया।
आंचल गुप्ता
—–
कम्प्यूटर पर सर्च की साईंस विषयक सम्बंधी जानकारी
ऑफिस: लाइब्रेरी कक्ष
बिटिया का नाम: अनुभूति सिंह
पिता का नाम: डॉ. कौशलेन्द्र सिंह
स्कूल की पढाई के दौरान लाइब्रेरी में पापा को कप्यूटर के सामने घंटे बैठ देखकर यह सोचती थी कि पापा सिर्फ कम्प्यूटर पर काम करते हैं। आज बिटिया एट द वर्क पत्रिका अभियान के दौरान जब पापा के साथ कम्प्यूटर लैब में पहुंची तो, समझ में आया कि पापा कम्प्यूटर पर घंटो बैठ क्या सर्च करते हैं। सच में पापा का काम बेहद चुनौती वाला है। पापा कम्प्यूटर पर साईंस सम्बंधी विषयक जानकारी एकत्रित कर स्कूली छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराते हैं, क्योंकि अधिकांश पुस्तकों में दिए गए मॉड्यूल बच्चों की समझ में नहीं आता, या फिर कुछ ऐसे तथ्य या उदाहरण जिसकी जानकारी महत्वपूर्ण होती। और बच्चों को पढाते समय उन मॉड्यूल का उपयोग कर कठिन प्रश्नों को सरल और आसानी रूप में बच्चों को समझाया जा सकता है। पत्रिका अभियान की सराहना करते हुए कहा कि अब यहां आकर पता चला ह कि पापा किन कामों पर इतना व्यस्त रहते हैं।
अनुभूति सिंह
—
आज पता चला मम्मी ऐसे करती है आपराधिक मामलों की जांच पड़ताल
ऑफिस: कोतवाली पुलिस अनूपपुर।
बिटिया का नाम: कीर्ति मिश्रा
माता का नाम: किरण मिश्रा (सहायक उपनिरीक्षक)
कभी कभी मम्मी देर रात थाना से वापस लौटती है। कभी रात के दौरान ही थाना के लिए रवाना हो जाती है। आज मुझे मम्मी अपने साथ थाना परिसर लेकर आई, तब समझ में आया कि मम्मी देर रात या रात के समय भी थाना के लिए क्यों रवाना हो जाती है। यहां अपराधियों की जांच विवेचना के साथ साथ आरोपियों को पकडऩे, महिला अपराध में महिलाओं के बयान दर्ज करने, सहित महिलाओं को समझाने जैसे काम करने पड़ते हैं। आरोपी की सूचना पर तत्काल उसकी गिरफ्तारी के लिए निकलना भी मम्मी की ड्यूटी में शामिल है। मम्मी ऐसे मामले की विवेचना के साथ सम्बंधी जानकारी की रिपोर्टिंग भी विभाग को देती है। इस प्रोफेशन में दिन-रात जैसे शब्दों का कही कोई जगह नहीं दिखा, वाकई पुलिस की कार्यशैली इतनी व्यस्त होती है। पत्रिका अभियान में थाना की कार्यप्रणाली को समझने के साथ पुलिस की मेहनत भी देखने का मौका मिला।
कीर्ति मिश्रा