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तालाब में उतर रहा खदान का काला पानी, कोरजा वार्डवासी उपयोग करने को मजबूर

locationअनूपपुरPublished: May 20, 2019 01:31:55 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

3 हैंडपम्प के सहारे एक हजार की आबादी, जलस्तर के अभाव में निजी कुंए भी पहुंचा सूखने की कगार पर

Black water of the mine coming into the pond, Koraja ward is forced to

तालाब में उतर रहा खदान का काला पानी, कोरजा वार्डवासी उपयोग करने को मजबूर

अनूपपुर। बिजुरी नगर का वार्ड क्रमांक 13 कोरजा गांव, नगरीय क्षेत्र का हिस्सा होते हुए भी नगरीय सुविधाओं से वंचित है। एक हजार की आबादी वाले इस वार्ड में लोग काला पानी पीने को विवश है। 5 साल पूर्व पानी की समस्या पर ग्रामीणों की मांग में कॉलरी ने बिना फिल्टर प्लाट के कोरजा खदान का काली पानी सीधे खदान से वार्ड के तालाब में उतार दिया है। जिसके कारण तालाब के पानी का रंग भी कोयले के सामान काला दिखता है। तालाब का यह काला पानी बर्तन धोने तथा निस्तार कार्य में उपयोग किया जाता है। जबकि नगरीय प्रशासन द्वारा लोगों की जलापूर्ति सुविधा के लिए लगाए गए 11 हैंडपम्प में 3 हैंडपम्प चालू और 8 हैंडपम्प लगभग बेकार है। इन बेकार 8 हैंडपम्पों से रह-रहकर थोड़ा पानी की धार निकलकर बंद हो जाता है। पानी की समस्या से बचने ग्रामीणों द्वारा निजी खर्चो पर घरों में कराए गए कुंए ने भी जबाव दे दिया है। गर्मी की इस भीषणता में घरों में खोदो गए कुंए सूखने के कगार पर पहुंच गई है। जिसके कारण वार्डवासियों के साथ साथ वार्ड से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या बन गई है। लेकिन नगरपालिका बिजुरी द्वारा इस समस्या पर कोई पहल नहीं कर रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि पानी की समस्या से पिछले पांच सालों से कोरजावासी परेशान है। पहले वार्ड की इस तालाब में बारिश का पानी भरे रहने से लोग नहाने के साथ साथ घरेलू उपयोग भी कर लिया करते थे। लेकिन बाद में कॉलरी प्रशासन ने कोरजा भूमिगत खदान से निकलने वाले काला पानी को सीधे तालाब के हलक में उतार दिया है, जिसके कारण आज यह तालाब सिर्फ सामान्य जरूरतों तक सीमित रह गई है। विदित हो कि बिजुरी से सटे तीन गांवों भगता, कैनापारा तथा कोरजा को भी नगरीय क्षेत्र में शामिल किया गया है। लेकिन आज भी इन गांवों की दशा नगरीय क्षेत्र में तब्दील नहीं हो सकी है।
बॉक्स: पांच सालों से तालाब में भर रहा काला पानी
कोरजा गांव के नगरपालिका में शामिल होने पर गांव में पानी की समस्या बनी, जिसपर ग्रामीणों ने नगरपालिका और कॉलरी प्रशासन से जलापूर्ति की अपील। इसमें कॉलरी प्रशासन ने प्रावधानों के अनुसार कोरजा गांव में पानी आपूर्ति में कोरजा भूमिगत खदान से निकलनी वाले पानी को सीधी पाईपलाइन के माध्यम से तालाब तक पहुंचा दिया। हालात यह है कि पिछले पांच सालों से खदान से निकलने वाला दूषित पानी सीधे तालाब में भर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब का काला पानी अगर मवेशी भी पीता है तो वह बीमार हो जाता है। जिसके कारण अब सिर्फ बर्तन धोने और निस्तार के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
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