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4 साल बाद भी नहीं बना पुल, जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं स्कूली छात्र

locationअनूपपुरPublished: Jan 08, 2022 07:15:24 pm

Submitted by:

Faiz Faiz Mubarak

-अनूपपुर जिले में चार साल बाद भी पुल का काम अधूरा-जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं छात्र-पुल निर्माण कंपनी ने बीच में छोड़ा काम-दूसरी कंपनी के निर्माण कार्यो में नहीं गति-बारिश में बनती है लोगों की मुसीबत

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4 साल बाद भी नहीं बना पुल, जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं स्कूली छात्र

अनूपपुर. मध्य प्रदेश के अनुपपुर जिले के जैतहरी विकासखंड अंतर्गत चचाई स्थित सोन नदी में बाबा कुटी से बकेली गांव को जोड़ने वाले पुल का काम पिछले चार साल से अधूरा है। पुल निर्माण की स्वीकृति 2017 में मिली थी, लेकिन चार साल बीत गए। लेकिन पुल बनाने का कार्य अभी आधा भी पूरा नहीं हो सका है। पुल के निर्माण में हो रही लेटलतीफी के चलते ग्रामीणों को नाव या फिर जान जोखिम में डालते हुए नदी पार कर आना-जाना करना पड़ रहा है।

पुल नहीं बनने से स्कूली विद्यार्थी और चचाई प्लांट में काम करने आने वाले मजदूर इससे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। पुल की निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी ब्रिज कारपोरेशन बनी है, जिसे इस 210 मीटर लंबे पुल को बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन 2 साल की जगह 4 साल बीत जाने और निर्माण एजेंसी भी बदल जाने के बाद भी पुल का कार्य अधूरा पड़ा है।

बताया जाता है कि, जनदर्शन यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जब चचाई आए थे। तब क्षेत्र के नागरिकों ने सोन नदी पुल बनाए जाने की मांग रखी थी। इसपर उन्होंने घोषणा की थी। निर्माण की राशि 469 लाख रुपए शासन ने मंजूर की और इस कार्य का टेंडर अमफा इंफ्रास्ट्रेक्चर न्यू दिल्ली को मिला। पुल बनाने का कार्य आदेश 9 मार्च 2017 को जारी हुआ था और 8 मई 2019 पुल बनाने की तारीख निर्धारित की गई थी। जिसके बाद 2 वर्ष का समय और लग गया। लेकिन पुल का काम अभी अधूरा पड़ा हुआ है। आलम, ये है कि जिस एजेंसी को पहले टेंडर दिया गया था, उसने कार्य बीच में ही छोड़ दिया। अब दूसरी एजेंसी इस काम को कर रही है। लेकिन कार्य में गति नहीं आ रही है।

 

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स्कूल आवागमन के लिए प्रतिदिन नाव ही एक मात्र सहारा

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पुल निर्माण कार्य अधूरा होने की वजह से प्रतिदिन लगभग आधा दर्जन गांव में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को स्कूल जाने के लिए नाव से नदी पार कर चचाई आना पड़ता है। नदी पार कर गांव से चचाई की तरफ आने वाले ग्रामीणों को बारिश के दिनों में नाव का सहारा लेना पड़ता है। एक बार का करीब 20 रुपए देने पड़ते हैं। कई बार नाव बंद रहने के कारण मजदूरों, दूध विक्रेताओं और स्कूली छात्रों को 20 किमी दूर अनूपपुर होकर चचाई आना पड़ता है।

पुल निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण बारिश के दौरान उफनाती सोन को नाव से पार करने के दौरान ग्रामीणों व बच्चों में भय का माहौल बना रहता है। डगमग करती नईया से किसी भी अप्रिय घटना की आशंका बनी रहती है। लेकिन अन्य कोई विकल्प नहीं होने के कारण बारहो मास नाव से नदी पार करने की विवशता बनी रहती है। अनूपपुर एसडीएम कमलेश पुरी का कहना है कि, ब्रिज कॉर्पोरेशन के अधिकारियों से बातचीत कर निर्माण कार्य जल्द पूरा कराया जाएगा।

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