भाई-भाभी और भतीजे को कमरे में बंद कर जिंदा जलाया फिर खुद लगा ली फांसी
अनूपपुरPublished: Nov 26, 2020 01:09:42 pm
पुलिस मामले में ग्रामीणों से पूछताछ कर अन्य बिन्दूओं पर कर रही जांच
भाई-भाभी और भतीजे को कमरे में बंद कर जिंदा जलाया फिर खुद लगा ली फांसी
अनूपपुर। जिले के जैतहरी थानांतर्गत अंतर्गत ग्राम धनगवां में बड़ी घटना सामने आई है। जिसमें दीपक नामक युवक ने पारिवारिक विवाद के कारण बीती रात करीब 1.30 से 2.00 बजे के बीच अपने सौतेल भाई-भाभी और दो बच्चों को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया है और उसके बाद वह खुद भी फांसी के फंदे पर झूल कर खुदकुशी कर ली है। बताया गया कि आरोपी मृतक दीपक विश्वकर्मा का अपने भाई से विवाद था। आए दिन इस झगड़े से वह मानसिक रूप से काफी परेशान था। बीती रात करीब 1.30 बजे के आसपास जब उसका भाई-भाभी, भतीजी और भतीजा सब सो रहे थे, उसी दौरान उसने उन सब को आग के हवाले कर दिया। भाई ४४ वर्षीय ओंमकार विश्वकर्मा, ४२ वर्षीय भाभी कस्तूरियाबाई विश्वकर्मा तथा 17 साल की भतीजी और १८ साल का भतीजा आशीष विश्वकर्मा था। जिसमें से 3 की मौके पर जलकर मौत हो गई और आशीष की हालत गंभीर बताई जा रही है ,जिसे जैतहरी से अनूपपुर और फिर शहडोल रेफर कर दिया गया है। वहीं भाई भाभी और भतीजी भतीजे को जिंदा जलाने के मामले में मृतक दीपक विश्वकर्मा के कमरे से दीवार पर लिखी कुछ बातें सामने आई है। जिसमें उसने घटना से पूर्व अपने कमरे के दिवाल पर 22 नवम्बर को लिखा था कि मेरे कमरे में घुस कर मुझे मारे है और कहते है कि तेरा यहां कुछ नही है और घर से भगा रहे है। आरोप लगाते है कि जुआं सट्टा खेलते हो । घटना में मृतकों का सौतेला भाई था आरोपी मृतक दीपक विश्वकर्मा।
पुलिस के अनुसार मृतक ओंमकार के पिता ने दो शादियां की थी, जिसमें एक मां से ओंमकार व चेतराम दो भाई थे। तथा दूसरी मां से दीपक विश्वकर्मा था। पुलिस अधीक्षक मांगीलाल सोलंकी ने बताया कि प्रारम्भिक घटना से यह बात स्पष्ट हो रही है कि घटना पारिवारिक कारणों में घटी। मृतक दीपक जैतहरी में गैराज में काम करता था। पुलिस मामले में ग्रामीणों से पूछताछ कर अन्य बिन्दूओं पर जांच कर रही है।