मानको के विपरीत बना दिया भवन, इस वर्ष भी मैकनिकल और इलेक्ट्रिकल कोर्स का नहीं होगा संचालन
अनूपपुरPublished: Aug 03, 2019 03:26:15 pm
इंजीनियर की खामियाजा भुगत रहे पॉलीटेक्निक के छात्र, एआईसीटीई ने कोर्स संचालन नहीं दी अनुमति
मानको के विपरीत बना दिया भवन, इस वर्ष भी मैकनिकल और इलेक्ट्रिकल कोर्स का नहीं होगा संचालन
अनूपपुर। जिला मुख्यालय अनूपपुर में अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद नई दिल्ली के तहत संचालित पॉलीटेक्निक कॉलेज के छात्रों को मानको के विपरीत बनाए गए भवन का खामियाजा इस वर्ष भी भुगतना होगा। इस वर्ष भी एआईसीटीई ने मैकनिकल और इलेक्ट्रिकल कोर्स के संचालन करने की अनुमति नहीं प्रदान की है। जिसके कारण फिलहाल दोनों संकायों से सम्बंधित छात्रों को इस वर्ष भी शिक्षा से वंचित होना होगा। इन कोर्सो को संचालित करने एआईसीटीई के तहत तय किए मानकों के अनुरूप पॉलीटेक्निकल कॉलेज का निर्माण नहीं हुआ था। मप्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल परियोजना सम्भाग शहडोल द्वारा ७.१० करोड़ की लागत से बनाई गई बिल्डिंग में निर्माणक एजेंसी ने लापरवाही बरत करते हुए प्राक्कलन के अनुरूप वर्कशॉप, सेमीनार हॉल और कैफिट एरिया सहित दक्षिण दिशा में बनाए गए भवन में क्लास रूमों का निर्माण नहीं कराया है। जिसे देखते हुए एआईसीटीई ने बिल्डिंग की खामियों के बाद वर्ष २०१८-१९ से आरम्भ होने वाले मैकनिकल और इलेक्ट्रिकल कोर्स के संचालन की अनुमति देने से ही इंकार कर दिया। हालांकि वर्ष २०१९-२० के लिए कॉलेज अधिकारियों द्वारा संकाय संचालन के आश्वासन दिए गए थे। लेकिन अबतक एआईसीटीई ने कोर्स संचालन सम्बंधित कोई अनुमति प्रदान नहंी की है। इन कोर्सो में शामिल होने वाले लगभग पांच सैकड़ा शिक्षार्थियों को अनूपपुर से दूर ही शिक्षा ग्रहण करनी होगी। कॉलेज सूत्रों के अनुसार वर्ष २०१८-१९ से अनूपपुर में दो नए पाठ्यक्रमों इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल कोर्स संचालन के लिए अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद में आवेदन दिए गए थे। जहां बिल्डिंग के डिजाईन और उपलब्ध व्यवस्थाओं पर एआईसीटीई ने मनाही कर दी।
बताया जाता है कि चंदास नदी पार ४ एकड़ भूमि में शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज भवन निर्माण का प्रस्ताव बनाया गया था। जिसमें वर्ष २०१३ से आरम्भ हुए निर्माण कार्य को चार बाद पूरा किया गया। इसमें निर्माण पूर्ण कराने दोबारा री-टेंडर की प्रक्रिया अपनाई गई। बावजूद निर्माण एजेंसी की अनदेखी में ठेकेदारों ने बिल्डिंग के नक्शे ही उलट दिए। ७.१० करोड़ की लागत से बनी ३४ कमरो वाली पॉलीटेक्निक कॉलेज बिल्डिंग में प्रस्तावित २०० वर्ग मीटर के २ वर्कशॉप नहीं बनाए गए, १५० वर्ग मीटर के सेमीनार हॉल नहीं बने, जबकि १५० वर्ग मीटर के ही कैफिट एरिया का निर्माण नहीं कराया गया। वहीं प्रस्तावित नक्शे के अनुरूप भवन के दक्षिण दिशा की पूरी विंग में ही किसी क्लास रूम को नहीं बनाया गया। कॉलेज प्राचार्य के अनुसार नक्शे में जबकि एआईसीटीई के तहत बिल्डिंग के नक्शे बनाए गए थे। लेकिन निर्माण के दौरान एजेंसी ने नक्शों के उलट ही बिल्डिंग खड़ी कर दी। जिसपर अब आपत्ति जताते हुए कॉलेज प्रशासन ने उच्च शिक्षण विभाग को पत्र लिखकर जानकारी दी है। हालंाकि मामले में उच्च शिक्षण विभाग ने अभी चुप्पी साध रखी है। लेकिन इन चुप्पी का खामियाजा अब छात्रों को उठाना पड़ेगा।
बॉक्स: यहां यह भी कमी
पॉलीटेक्निक कॉलेज में जरूरतों को देखते हुए शासन ने अब हॉस्टल तथा खेल मैदान सहित स्टाफों के परिसरों का प्रस्ताव की मांग की है। जिसमें कॉलेज प्रशास ने ५ एकड़ की मांग करते हुए ५० सीटर गल्र्स हॉस्टल, १०० सीटर ब्याय हॉस्टल तथा स्टफ क्वार्टर को शामिल कर प्रस्ताव भेजा है।