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क्षेत्रीय समस्याएं राजनीतिक पार्टियों के लिए बनेंगी चुनौतियां

locationअनूपपुरPublished: Sep 05, 2018 05:34:25 pm

Submitted by:

shivmangal singh

राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ीं: आगामी विधानसभा के लिए उम्मीदवारों ने ठोकी ताल

Challenges will create regional problems for political parties

क्षेत्रीय समस्याएं राजनीतिक पार्टियों के लिए बनेंगी चुनौतियां

अनूपपुर. आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर राजनीतिक पार्टियां में जहां रणनीतियां बनाने का दौर जारी है, वहीं क्षेत्र स्तर पर अपनी उम्मीदवारी की दाव लेकर सम्भावित उम्मीदवारों की कशमसाहट भी सामने आने लगी है। राजनीतिक पार्टी से लेकर क्षेत्रीय स्तर तक और निर्दलीय पार्टी सम्भावित उम्मीदवार भी अपनी उम्मीदवारी पर जोर आजमाईस में जुटा है। हालांकि पूर्व की भांति इस बार की विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टियों में एकाध दावेदार की अपेक्षा चार-पांच उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारों की अटकलों में उम्मीद लगाएं बैठे। इसके अलावा अन्य गैर राजनीतिक पार्टियों के साथ कुछ नामचीन व्यक्तियों के राजनीतिक में दाव आजमाने की अटकलें सामने आने लगी है।
कोतमा विधानसभा
अनूपपुर जिले के कोतमा विधानसभा क्षेत्र में विधायक की दावेदारी में भाजपा से आधा दर्जन दिग्गजों के मैदान में उतरने के कयास लगाए जा रहे हैं। सम्भावना है कि अपनी टिकट दावेदारी में कोतमा पूर्व विधायक दिलीप जायसवाल के साथ विधानसभा चुनाव पूर्व हारे प्रत्याशी व नपा अध्यक्ष राजेश सोनी के अलावा ब्रजेश गौतम, अनिल गुप्ता, मनोज द्विवेदी, लवकुश शुक्ला, अजय शुक्ला जैसे नए सरीखों का नाम सामने आ रहा है। जबकि कांग्रेस की ओर से वर्तमान विधायक मनोज अग्रवाल के साथ जिला किसान मोर्चा अध्यक्ष सुनील सराफ तथा कोतमा पूर्व नपा अध्यक्ष रामनरेश गर्ग के नाम नए सम्भावित उम्मीदवार के रूप में सामने आए हैं। बसपा से खुर्शीद अहमद, तथा निर्दलीय से अशोक द्विवेदी के नाम उभर रहे हैं। इनमें पूर्व विधायक दिलीप जायसवाल के साथ पूर्व हारे भाजपा प्रत्याशी राजेश सोनी दो ऐसे पुराने चेहरे हैं, जो लगभग तीन दशक से राजनीति में अपना हाथ आजमाए हुए हैं और पार्टी के पक्ष में अधिक जनाधार सुनिश्चित किए हैं। जबकि कांग्रेस में वर्तमान विधायक मनोज अग्रवाल के प्रथम कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में कुछ जनाधार बने, लेकिन पानी, स्वास्थ्य, सड़क सहित अन्य मूलभूत समस्याओं को लेकर विधायक की कार्यशैली सुस्त रही। अधिक गुटबाजी के कारण लोगों का रूझान अब भी भाजपा के पक्ष में अधिक दिख रहा है। सुनील सराफ के टिकट उम्मीदवारी पर क्षेत्र में अटकलें अधिक है, लेकिन हालांकि हाल के दिनों में कांग्रेस की वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में अन्य सम्भावित नामों ने वर्तमान विधायक मनोज अग्रवाल के पक्ष में अपना समर्थन पत्र सौंपा है। इसके अलावा कुछ अन्य नाम दीपक सेन, मोहम्मद दस्तगीर, धीरेन्द्र सोनी, दीपेन्द्र सिंह चंदेल और मोहम्मद आरफीन जैसे समाजसेवी भी चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। कोतमा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती क्षेत्र की समस्याओं के साथ खुद की पार्टी के अंदर बनी गुटबाजी। इसके अलावा कांग्रेस के पक्ष में वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का प्रचार प्रसार का अभाव भी उनकी उम्मीदवारों को कमजोर कड़ी बनाती है।
पुष्पराजगढ़ विधानसभा
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अब कुछ समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। अबतक जहां भाजपा की ओर से दो प्रमुख नामों पूर्व विधायक सुदामा सिंह सिंग्राम व वर्तमान जनपद अध्यक्ष पुष्पराजगढ़ हीरा सिंह श्याम की सम्भावित उम्मीदवारी मानी जा रही थी, अब पांच नाम उभरकर सामने आ रही है, इनमें नर्बदा सिंह, प्रदेश अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष नरेन्द्र मरावी तथा रेवा सिंह शामिल हैं। जबकि कांग्रेस की ओर से वर्तमान विधायक फुंदेलाल सिंह के साथ साथ राम सिंह आर्मो, यशोदा सिंह पाटले, तथा भूतपूर्व शहडोल सांसद तथा नरेन्द्र मरावी की पत्नी व उपलोक सभा शहडोल की हारी कांग्रेस प्रत्याशी हिमाद्री सिंह कांग्रेस उम्मीदवारों की दावेदारी में शामिल हैं। आमपार्टी की ओर से रिटार्यड शिक्षक ललन सिंह के नाम प्रस्तावित हैं। इसके अलावा स्थानीय क्षेत्रीय पार्टी में निर्दलीय के रूप में जगतदेव व गोंगपा से ललन सिंह परस्ते के नाम शामिल हैं। जबकि लकी शुक्ला, रितेश कुमार गुप्ता, राजेन्द्र जायसवाल, संजय भट्ट, योगेश साहू समाजसेवी भी चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। बताया जाता है कि क्षेत्र की समस्याओं में वर्तमान विधायकी निष्क्रियता तथा विकास के लिए सदन में आवाज नहीं उठाने से क्षेत्रवासी खासे नाराज हैं। पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण सड़कों के साथ साथ मुख्य मार्गो का अभाव है, पानी की समस्या आदिवासी अंचल की सबसे बड़ी समस्या है। इसके अलावा जिले के सबसे बड़े विकासखंड में स्वास्थ्य, बिजली व शिक्षा जैसी समस्याओं का अभाव है। वहीं कांग्रेस की उपलोकसभा चुनाव प्रत्याशी रही हिमाद्री सिंह के साथ उसके पति भाजपा कार्यकर्ता व अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष नरेन्द्र मरावी का क्षेत्र से टिकट पाने की होड़ तथा जीत में दोनों पार्टियों के नुकसान की आंकलनों ने चुनौती खड़ा कर दिया है।
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