चिटफंड कंपनी का मुख्य एजेंट गिरफ्तार
अनूपपुरPublished: Sep 02, 2018 06:06:42 pm
अगस्त माह से अब तक 4 चिटफंड कंपनियों के 11 लोगो की हो चुकी गिरफ्तारी
चिटफंड कंपनी का मुख्य एजेंट गिरफ्तार
अनूपपुर। जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में दोगुनी राशि का लालच देकर ग्रामीणों की राशियों को चिटफंड कंपनियों की आड़ में हड़पने के मामले में पुलिस ने 31 अगस्त को चिटफंड कंपनी के मुख्य एजेंट पंचूलाल प्रजापति को गिर$फ्तार किया है। इससे पूर्व कोतवाली पुलिस ने आरबीएन इंफ्राटेक्चर इंडिया लिमिटेड कंपनी ग्वालियर के सीनियर एजेंट त्रिवेणी प्रजापति एवं एजेंट रामपाल महरा निवासी ग्राम पयारी को 12 अगस्त को गिरफ्तार करते हुए फर्जीवाड़े व 120 बी निपेक्षको के संरक्षण अधिनियम की धारा ६ के तहत कार्रवाई करते हुए न्यायालय में पेश किया था। बताया जाता है कि पुलिस ने ग्रामीण क्षेत्रो में कम अवधि में रूपए को दो गुना करने का लालच देकर कई हितग्राहियों से करोडो रूपए जमाकरा धोखाधडी किए जाने की शिकायत पर 4 चिटफंड कंपनियों जिनमें सनराइज फ्यूचर लैंड इंडिया लिमिटेड, बीएनजी ग्लोबल इंडिया लिमिटेड, सांईराम रियेलटेक कंपनी दिल्ली एवं आरबीएन इंफ्राटेक्चर इंडिया लिमिटेड ग्वालियर पर कार्रवाई की थी। उप निरीक्षक अभय राज ङ्क्षसह ने बताया कि माह अप्रैल से 4 चिटफंड कंपनी के 11 लोगो को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनमें सनराईज फ्यूचर लैंड इंडिया लिमिटेड के रामपाल महरा, राकेश चौधरी, बीएनजी ग्लोबल इंडिया लिमिटेड के एजेंट दशरथ नाई निवासी लोहसरा थाना बिजुरी, शिवचरण पुरी निवासी कोरजा एवं कंपनी के मैनेजर विष्णु प्रसाद पिता रामदास सोनी निवासी कोतमा, सांईराम रियलटेक कंपनी दिल्ली के शाखा डायरेक्टर अजय विश्वकर्मा निवासी शहडोल, फील्ड ऑफिसर संतोष कुर्रे निवासी ग्राम कोहका छग हाल निवासी बस्ती रोड, शेर सिंह आयाम निवासी भरनी थाना अमरकंटक, आरबीएन कंपनी के सीनियर एजेंट त्रिवेणी प्रजापति, एजेंअ रामपाल महरा निवासी ग्राम पयारी एवं मुख्य एजेंट पंचूलाल प्रजापति पिता बुद्धराम प्रजापति निवासी पाली उमरिया शामिल हैं। विवेचके अनुसार ३१ अगस्त को गिरफ्तार हुए पंचूलाल प्रजापति एलआईसी एजेंट है, जिसनेे अपने अनुभव का लाभ उठाते हुए जिले के स्थानीय लोगो से संपर्क कर उन्हे एजेंट बनाते हुए उनकी जमा पूंजी को कम अवधि में दो गुना से ज्यादा दिए जाने का लुभवाना वादा देते हुए उनकी राशि कंपनी में जमा करवाई थी, वहीं इसके बादले एजेंटो को 18 से 20 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था।