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कक्षा 9वीं व 11वीं का वार्षिक परिणाम होगा प्रभावित

locationअनूपपुरPublished: Feb 10, 2018 05:38:05 pm

Submitted by:

brijesh sirmour

35 फीसदी छात्र पाठ्य पुस्तकों से रह गए वंचित

Class 9th and 11th annual results will be affected

Class 9th and 11th annual results will be affected

अनूपपुर. फरवरी माह के दौरान माशिमं की आयोजित हो रही कक्षा ९ और ११ वीं की वार्षिक परीक्षा के परिणाम बच्चों के वास्तविक शिक्षा को कम प्रदर्शित करेगी। जिसमें सालभर दिन-रात मेहनत की पढ़ाई के उपरांत भी बच्चों को कम अंक से संतुष्टि करना पड़ेेगा। क्योंकि लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा कक्षा ९ से १२ तक नि:शुल्क प्रदाय की जाने वाली पाठ्य पुस्तकों में जिले के ३२४६० बच्चों में ३५ फीसदी से अधिक बच्चें शासन की इस योजना से वंचित रह गए। इनमें विज्ञान और गणित सहित वाणिज्यिक विषयक के अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हैं। जिसके कारण हाल के दिनों में हुए आयोजित विज्ञान और गणित विषयक की वार्षिक परीक्षा में अधिकांश बच्चें ने सही उत्तरों का सही संकलन नहीं किया है। हालांकि स्कूल के शिक्षकों का भी मानना है कि किताबों के अभाव में बच्चों की परीक्षाओं की तैयारी सही तरीके से नहीं हो सकी है। शिक्षकों के अनुसार स्कूल में दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुसार शिक्षण संचालनालय द्वारा प्रदाय की जाने वाली अधिकांश विषयों के पाठ्य पुस्तकें स्कूलों तक नहीं पहुंची। जो पहुंची भी दिसम्बर माह के दौरान पहुंची। जबकि विभागीय सूत्रों के अनुसार चारों विकासखंड के अधिकांश स्कूलों के प्राचार्य ने पुस्तक आवंटन में दिलचस्पी नहीं दिखाई, यहां तक कुछ स्कूलों में आज भी आवंटित पुस्तकें बोरियों में भरी गोदाम के कोनों में रखी हुई है। लेकिन इसके बावजूद शिक्षा विभाग और विकासखंड के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अपनी ओर से जिले के सभी स्कूलों में पुस्तक वितरण की १०० फीसदी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। स्कूल के प्राचार्यो का कहना है कि जब स्कूलों में पुस्तकें मिली ही नहीं तो शत प्रतिशत किताबों का वितरण कैसे हो गया?
शिक्षा विभाग की जानकारी के अनुसार कक्षा ९ से १२ तक कुल ५० विषय की पुस्तके वितरित की जाती है। इनमें ९ वीं के छात्र-छात्राओं को ६ विषयक सेट जिसमें हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान तथा संस्कृत। जबकि कक्षा ११वीं में हिन्दी, अगंं्रजी के साथ गणित, भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान , वाणिज्यिक व कृषि व सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक दोनों तथा अंग्रेजी वर्क बुक की पुस्तकें प्रदाय की जाती है। लेकिन जिले में कक्षा ९ से कक्षा १२ वीं तक शामिल लगभग ३२४६० छात्र-छात्राओं में विद्यार्थियों की संख्या को गुणा भाग किए मात्र २२५११० (अन्य विषय भी शामिल) की पुस्तकें आवंटित कराई। जबकि कक्षा ९ वीं में १३६४२, कक्षा १०वीं में ७६८९, कक्षा ११वीं ६२४० और कक्षा १२वीं में ४८८९ विद्यार्थी शामिल है।
आंकड़ों में देखा जाए तो कक्षा ९ के लिए ८१८५२ पुस्तकों तथा कक्षा ११ के लिए ६२४०० किताबों से अधिक की आवश्यकता है। इसमें अधिकांश स्कूलों में गणित, और विज्ञान की पुस्तकें आवंटित ही नहीं हो पाई। उदाहरण में जिला मुख्यालय शासकीय कन्या हाईस्कूल ९ वीं में गणित एवं ११वीं में जीव विज्ञान की एक भी पुस्तकें आजतक किसी बच्चोंं को उपलब्ध नहीं हो सका। जबकि शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अनूपपुर में गणित के १९३ छात्र-छात्राओं में मात्र ८० को पुस्तकें उपलब्ध हो सकी, शेष छात्र-छात्राओं को बाहर से किताबें खरीदनी पड़ी। मामलों में अब शिक्षा विभाग सहित ब्लॉक अधिकारियों ने किताबों की कमी से मुंह फेरते हुए जो किताबें मिली उसे बंटाने की बात कह क्यों नहीं मिली पुस्तकों से पल्ला झाड़ लिया है।
इनका कहना है
हमारे यहां ९वीं कक्षा की पूरी सेट बांट दी गई तथा ११ वीं निगम द्वारा हिन्दी और अंग्रेजी की किताबे आवंटित कराई गई थी उसे भी बंटवा दिया गया है। विज्ञान की मुझे नहीं जानकारी।
एनबी सिंह, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पुष्पराजगढ़।
स्कूल में कक्षा ११ वीं की गणित विषय की पुस्तकें कम आई थी, शेष बच्चों ने बाहर से खरीदी की। इस सम्बंध में शिक्षा विभाग को रिपोर्ट भेजी गई थी।
अनिल कुमार गुप्ता, प्राचार्य एक्सीलेंस स्कूल अनूपपुर।
कक्षा ९ वीं में जीव विज्ञान और ११वीं गणित की पुस्तकें बच्चों को नहीं प्रदाय की जा सकी है। इस सम्बंध में शिक्षा विभाग को जानकारी दी गई थी।
पीके लारिया, प्राचार्य शासकीय कन्या उमावि अनूपपुर।
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