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बिना पाइपलाइन बिछाए ठेकेदारों को हुए 72 लाख के भुगतान में कलेक्टर ने बैठाई तीन सदस्यी जांच टीम

locationअनूपपुरPublished: Oct 19, 2020 09:09:35 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

पीएचई में एक और नया घोटाला: जांच से बचने ठेकेदार ने अन्यत्र सामग्रियों के भंडारण की तैयारी, गांवों में नहीं खुदा गड्डा नहीं डाली पाइप

Collector made a three-member investigation team for the payment of 72

बिना पाइपलाइन बिछाए ठेकेदारों को हुए 72 लाख के भुगतान में कलेक्टर ने बैठाई तीन सदस्यी जांच टीम

अनूपपुर। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग विभाग में मोटर पम्प और रिपेयरिंग के नाम पर ३० लाख का फर्जी भुगतान के मामले के बाद एक और नया घोटाला सामने आया है। जिसमें जल जीवन मिशन योजना के तहत कराए जा रहे कार्य में विभाग ने तीन ठेकेदारों को बिना कार्य पूर्ण कराए ७२ लाख रूपए का भुगतान कर दिया है। जिसमें ठेकेदारों ने योजना के तहत अबतक न तो कार्य आरम्भ कराया और ना ही सामग्रियों का भंडारण मौके स्थल पर कराई। बावजूद विभाग ने बिना निर्माण कार्य का मूल्यांकन कराएं कार्यो की प्रगति जांचे लाखों-लाख का भुगतान कर दिया। पत्रिका में प्रकाशित खबर के बाद अब जिला कलेक्टर ने तीन सदस्यी टीम को जांच कमेटी के रूप में बैठाया है। जो जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे। कलेक्टर ने बताया कि मामले की जानकारी आई है। इसके लिए तीन सदस्यी टीम को जांच के लिए लगाया गया है, जांच रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालंाकि कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट के लिए अधिकारियों को समय सीमा निर्धारित नहीं किया है। लेकिन प्रशासन की इस कदम के बाद विभागीय अधिकारियों के साथ ठेकेदारों के हाथ पाव फूल गए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार कार्रवाई से बचने अब ठेकेदारों ने आनन फानन में मौके स्थल की बजाय अन्यत्र सामग्रियों को गिराकर गोदाम बताने की रणनीति तैयार की है। लेकिन आश्चर्य है कि इस घोटाले की गंूज के बाद भी विभागीय अधिकारी ने न तो इसकी जांच उचित समझी और ना ही आगे की कार्रवाई।
बॉक्स: क्या है मामला
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अनूपपुर के अंतर्गत जल जीवन मिशन के तहत ग्राम देवरी जैतहरी, ग्राम धनगवां पश्चिम जैतहरी तथा ग्राम छोहरी के लिए निविदा बुलाई गई थी। कार्यादेश जारी करते हुए ठेकेदारों को पाइप लाइन बिछाते हुए समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। लेकिन सक्षम अधिकारी द्वारा परीक्षण उपरांत सामग्री के कुल लागत का ६० प्रतिशत भुगतान के प्रावधानों की अनदेखी कर २८ सितम्बर ठेकेदारों को पूर्ण भुगतान कर दिया गया। इनमें फर्जी बिल बाउचर लगाकर कोतमा और अनूपपुर के अधिकारियों द्वारा खंड कार्यालय में तीनों फर्मो को कार्यालय यंत्री द्वारा नियम विरूद्ध भुगतान कराया है। तीनों ठेकेदारों को उनके खातों में २१ लाख, २३ लाख और लगभग २८ लाख का भुगतान किया जाना बताया जा रहा है।
बॉक्स: पूर्व में करोड़ो का रहा गबन केन्द्र
वर्ष २०१४ के दौरान रीवा लोकायुक्त ने कार्रवाई कर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री को बिना भुगतान के एवज में ४.४० लाख से अधिक रूपए लेते हुए रंगों हाथ पकड़ा था। वहीं वर्ष २०१७ जून माह के दौरान कार्यालय के स्टोर रूम में रखी १० लाख से अधिक के सामान में आग लग गई थी। जहां विभागीय अधिकारियों ने१० लाख के सामान की जगह १० हजार रूपए का सामान व कबाड़ बता दिया था। वर्ष २०१८ में एक सितम्बर को रीवा इओडब्ल्यू ने १० करोड़ से भी अधिक की सामग्री बिना टेंडर किए बाजार दर से १० गुणा ज्यादा पर खरीद कर शासन को लगभग ५ करोड़ रूपए की आर्थिक क्षति पहुंचाने तथा ७ फर्मो को २९ लाख का लाभ पहुंचाने के मामले में ६ अधिकारियों सहित ७ फर्मो के १३ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
वर्सन:
मामले की जानकारी मिली है, तीन सदस्यी टीम को जांच के लिए बैठाया है, जैसे ही रिपोर्ट मिलती है आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चंद्रमोहन ठाकुर, कलेक्टर अनूपपुर।
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