अनूपपुर

हाथियों की वापसी को लेकर असमंजस में वन विभाग, 24 घंटे निगरानी में लगा अमला

डिंडौरी के गोरखपुर से सटे छग की सीमा पर हाथियों का झुंड, अन्य झुंड के पहुंचने की भी आशंका

अनूपपुरApr 03, 2020 / 08:12 pm

Rajan Kumar Gupta

हाथियों की वापसी को लेकर असमंजस में वन विभाग, 24 घंटे निगरानी में लगा अमला

अनूपपुर। राजेन्द्रग्राम वनपरिक्षेत्र के पुरगा ग्राम पंचायत के तीन गांव लंघवाटोला,मझौली और नौसा में २ अप्रैल को डिंडौरी जिले की सीमा से नर्मदा नदी पार कर पहुंचे दर्जनभर हाथियों के दल द्वारा खेतों में काम कर रहे तीन ग्रामीणों को कुचल कर मारने की घटना के बाद वनविभाग लगातार सीमा क्षेत्र पर निगरानी बनाए हुए हैं। इसके लिए वनमंडलाधिकारियों ने पांच-छह ग्राम पंचायत के सचिव और सरपंच से गांवों में मुनादी कर ग्रामीणों को जंगल क्षेत्र में शाम ४ बजे से सुबह ८ बजे तक नहीं जाने की हिदायत भी दे रखी है। इसके अलावा वनमंडलाधिकारी ने रात के समय वन पदाधिकारियों के साथ पुरगा ग्राम पंचायत सहित आसपास के वनीय क्षेत्रों पर निगरानी बनाए रखी। हालांकि ३ अप्रैल की सुबह तक हाथियों के मूववेंट की कोई सूचना नहीं मिली। वनमंडलाधिकारी एमएस भगदिया ने बताया कि हाथियों का झुंड डिंडौरी-छग की सीमा गोरखपुर के पास नजर आया है। जो राजेन्द्रग्राम वनपरिक्षेत्र से ५०-५५ किलोमीटर दूर है। सम्भावना है कि वे छग की सीमा में वापस लौट जाएंगे। वनमंडलाधिकारी ने बताया कि हाथियों के रहवास के हिसाब से राजेन्द्रग्राम का यह क्षेत्र अनुकूल नहीं है। लेकिन डिंडौरी में पिछले दिनों समय गुजारने के उपरांत २ अप्रैल को जब नर्मदा नदी पार कर अनूपपुर सीमा रेखा में पार किया था तो उस दौरान सर्वप्रथम खलिहान में बैठे प्रेम सिंह ने मवेशियों की जगह उसे भगाने के प्रयास में शोर मचाया था, जिससे हाथियों के दल ने हमला कर उसके कुचलकर मार डाला था, इसके बाद उनके रास्ते में चंद दूरी उपरांत आने वाली दो महिलाओं को भी कुचल डाला था। ४० वर्षीय कुंतीबाई अपने पति राम सिंह खेत में काम कर रहा था, जहां हाथियों के पहुंचने पर पति राम सिंह भागने में सफल रहा था और पत्नी कुंतीबाई पैरा के ओट में छिपने का प्रयास की था, लेकिन हाथियों ने उसे देख लिया था। तीनों ग्रामीणों को कुचलने के उपरांत हाथियों का झुंड वापस डिंडौरी की ओर भाग निकला था। जिसके बाद दोबारा झुंड ने वापसी नहीं की है। वहीं वनविभाग अब छग की सीमा पर मौजूद अन्य २५ से अधिक हाथियों के झुंड को लेकर भी चिंतित है। ग्रामीणों के अनुसार डिंडौरी और छग की सीमावर्ती गांव गोपालपुर के पास कुछ हाथियों के समूह को देखा गया है। लेकिन वनविभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की है। उनका कहना है कि अगर हाथियों का झुंड का मूववेंट मप्र की सीमा में होता है तो डिंडौरी में उनका प्रवेश हुआ, अनूपपुर से वर्तमान में हाथियों का झुंड काफी दूर है।बावजूद वनविभाग ने राजेन्द्रग्राम वनपरिक्षेत्र सहित अमरकंटक वनपरिक्षेत्र, अहिरगवां वनपरिक्षेत्र सहित अनूपपुर के वन पदाधिकारियों और कर्मचारियों को निगरानी में लगाया है। डीएफओ ने बताया कि जैसे ही हाथियों का दल छग की सीमा में वापसी करेगा अमला वापस लौट आएगा। लेकिन सुरक्षा के लिहाज से आगामी दो-तीन दिनों में पदाधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी हाथियों के मूववेंट की निगरानी में लगाई गई है। विदित हो कि एक बच्चा सहित दर्जनभर हाथियों के झुंड ने ५० वर्षीय पुरूष प्रेम सिंह पिता छोटू सिंह निवासी लंघवाटोला, ३० वर्षीय जानकी बाई पति पंचम सिंह निवासी मझौली और ४० वर्षीय कुंतीबाई पति राम सिंह निवासी ग्राम नौसा मझौली को कुचलकर मार डाला था।
वर्सन:
सुबह तक अनूपपुर जिले की सीमा में हाथियों का मूववेंट नहंी दिखा गया है। डिंडौरी और छग की सीमावर्ती क्षेत्र में उपस्थिति जरूर है। लेकिन अब वे अनूपपुर की ओर वापसी नहीं करेंगे। फिर भी सुरक्षा में पदाधिकारियों व कर्मचारियों को तैनात रखा गया है।
एमएस भगदिया, वनमंडलाधिकारी अनूपपुर।
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