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अनूपपुर

रेलवे निरीक्षण पर अटका अनूपपुर ओवरब्रिज का निर्माण, रेलवे बार बार बदल रहा डिजाइन का प्रस्ताव

अब 36 की जगह 60 मीटर लम्बी स्पान पर रेलवे ने पुल निगम को कार्ययोजना बनाने दिए निर्देश

अनूपपुरJun 21, 2019 / 02:20 pm

Rajan Kumar Gupta

Construction of Anuppur overbridge stuck on railway inspection, Railwa

रेलवे निरीक्षण पर अटका अनूपपुर ओवरब्रिज का निर्माण, रेलवे बार बार बदल रहा डिजाइन का प्रस्ताव

अनूपपुर। रेलवे फाटक अनूपपुर पर प्रस्तावित ओवरब्रिज निर्माण प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ रेलवे अधिकारियों की टालमटोल का शिकार बन गया है। जहां पूर्व में जिला प्रशासन की सुस्त गति में भूमि सीमांकन सहित अधिग्रहण और प्रभावित भू-स्वामियों के मुआवजे में साल गुजार दी। वहीं अब रेलवे पदाधिकारियों ने भी अपनी रेलवे की सीमा में खड़ी होने वाली ओवरब्रिज को लेकर बार बार डिजाईन बदलाव कर प्रस्तावित योजना को अधर में अटकाएं रखा। पुल निगम शहडोल द्वारा बार बार बदले गए डिजाईन और निरीक्षण की अपील पर रेलवे आजकल की रट लगाए हुई है। पुल निगम शहडोल का कहना है हमारे तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है, अब सिर्फ रेलवे निरीक्षण का इंतजार है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के अधिकारियों के निरीक्षण के उपरांत ही रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण सम्भव हो सकेगा। बताया जाता है कि पूर्व में रेलवे द्वारा अपने क्षेत्राधिकार में खड़ी होने वाले पुल में ३६ मीटर लम्बी स्पान की मंजूरी दी थी। लेकिन जब पुल निगम ने डिजाईन के साथ उसे रेलवे अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया तो अधिकारियों ने उसे ४५ मीटर स्पान बनाकर लाने के निर्देश दिए। इसके बाद जब पुल निगम ने पुन: ४५ मीटर लम्बी स्पान का डिजाईन कर दिया तो रेलवे ने पुन: उसपर अडंगा लगाते हुए ५४ मीटर स्पान के डिजाईन बनाने के लिए कहा। इसी क्रम में चौथी बार रेलवे अधिकारियों ने पुन: ६० मीटर लम्बी स्पान की डिजाईन बनाकर पेश करने को कहा। जिसपर पुल निगम ने आपत्ति जताते हुए निर्देशों के तहत ६० मीटर लम्बी स्पान की डिजाईन तैयार की है। पुल निगम का कहना है कि सम्भावना है कि रेलवे ७२मीटर स्पान के लिए भी अपनी योजनाएं बना रही है। फिलहाल रेलवे और राजस्व विभाग अनूपपुर की गैर जिम्मेदारी में पिछले तीन सालों के बाद भी रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य आरम्भ नहीं हो सका है। शहरवासियों के लिए रोजाना हर पांच मिनट पर बंद होती रेलवे फाटक पर १०-२० मिनट का ट्रेनों के गुजरने का इंतजार उनकी विवशता बनी हुई है। नगरवासियों का कहना है कि अगर रेलवे ओवरब्रिज को लेकर प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने तत्परता दिखाया होता तो साल के काम तीन साल में तब्दील नहीं होते। फिलहाल पुल निगम शहडोल द्वारा रेलवे के प्रस्तावों के अनुसार डिजाईन और कार्ययोजनाएं तैयार कर उनके निरीक्षण का इंतजार कर रही है। दरअसल वर्ष २०१६ के दौरान शासन द्वारा जिला प्रशासन के प्रस्तावित मांग पर ९० फीट चौड़ी ओवरब्रिज निर्माण के लिए ११ करोड़ ७० लाख की राशि आवंटित करते हुए ६१२ मीटर लम्बी फ्लाईओवर निर्माण के लिए अनुमति प्रदान की थी। इसमें विरोध के उपरांत अनेक बार पुल की चौड़ाई में बदलाव करते हुए प्रशासन ने अंत में २२ मीटर चौड़ी ओवरब्रिज निर्माण की योजना पर मंजूरी प्रदान की गई। इसमें ११-११ मीटर चौड़ी पुल के साथ ५-५ मीटर सर्विस लाईन का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित किया गया है। वहीं पुल के प्रभाव में प्रभावित होने वाले भू-स्वामियों के लिए शासन द्वारा ७ करोड़ ६३ लाख ५४ हजार की मुआवजा राशि भी उपलब्ध कराई गई। मुआवज राशि में कुछ परिवारों को छोडक़र शेष का वितरण हो चुका है।
बॉक्स: जनप्रतिनिधि दे रहे बार बार आंदोलन की चेतावनी
रेलवे ओवरब्रिज निर्माण में राजस्व विभाग अपनी तरफ से पूरी तैयारी कह रही है, वहीं पुल निगम भी डिजाईन और टेंडर के साथ निर्माण के लिए खड़ी है। बावजूद स्थानीय पूर्व विधायक रामलाल रौतेल ओवरब्रिज निर्माण को लेकर बार बार आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। इससे पूर्व भी जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप जल्द निर्माण की मांग की थी। जबकि इससे पूर्व भी पूर्व विधायक ने ओवरब्रिज निर्माण की मांग में एक दिनी आमरण अनशन व विरोध प्रदर्शन किया था। लेकिन बताया जाता है कि पूरा मामला अब रेलवे प्रशासन पर अटका पड़ा है।
वर्सन:
अपनी तरफ से पूरी तैयारी हो चुकी है, रेलवे बिलासपुर के अधिकारियों के निरीक्षण के उपरांत ही ओवरब्रिज निर्माण की प्रक्रिया पर सहमति हो पाएगी। अभी निरीक्षण की तिथि निर्धारित नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही निरीक्षण होगा।
गोपीकृष्णा चतुर्वेदी, एसडीओ पुल निगम शहडोल
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