गलत तरीके से खुदाई तथा सड़़कों को क्षतिग्रस्त करने पर नाराजगी जताई
इस दौरान स्मार्ट सिटी कार्य में जुड़ी दो अलग अलग निर्माण एंजेसियों को भी अल्टीमेटम जारी करते हुए अपने निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने निर्देशित किया। एमके आचार्या ने अमरकंटक पहुंचने पर नगर के विभिन्न वार्डो का भ्रमण किया। नगर के मुख्य मार्गो सहित वार्डो में सीवरलाइन की गलत तरीके की गई खुदाई तथा सड़के को क्षतिग्रस्त करने पर नाराजगी जताई और कहा सीवरलाइन बिछाने में सड़कों का उपयोग नहंी किया जाना था। इससे भविष्य में सीवरलाइन के मरम्मत कार्य या अन्य जरूरी कार्यो में पुन: सड़क को क्षतिग्रस्त कर ही सुधार करने की गुंजाईश बनी रहेगी। सीवरलाईन के गड्ढों की भराई नहीं होने पर भी नाराजगी जताई। प्रमुख अभियंता ने जबलपुर की मॉनीटरिंग टीम से जुड़े अधिकारियों को दो टूक शब्दों में निर्माण कार्यो में विलम्बता बर्दाश्त नहीं होगी की चेतावनी दी।
गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए
परियोजना से जुड़े दोनों प्रोजेक्ट मैनेजर चंद्रा निर्माण प्रायवेट लिमिटेड(सीवरलाइन) के प्रोजेक्ट मैंनेजर समीर मिश्रा को विशेष तौर पर निर्देशित किया है कि सीवरलाईन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए, आगामी 10 वर्षो तक सीवर लाइन की जिम्मेदारी आपकी ही होगी। जबकि स्मार्ट सिटी अंतर्गत सड़क, दुकान, नदी-घाट निर्माण व आवास योजना को जल्द मूत्र्तरूप देने के निर्देश दिए। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर सुधीर पांडेय ने बताया कि स्मार्ट सिटी से जुुडे निर्माण लगभग 50 फीसदी पूर्ण हो चुके हैं। विदित हो कि 15 करोड़ 2 लाख की लगात से अमरकंटक को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाना है। जबकि सीवरलाइन व फिल्टर प्लांट के लिए शासन द्वारा 18 करोड़ की राशि आवंटित कराई गई है। इस परियोजना में नर्मदा उद्गम सहित यहां से निकलने वाली जलधारा को प्रदूषण से मुक्त रखते हुए अमरकंटक नगर को भी पर्यटन स्थल में विकसित किया जाना प्रस्तावित है। नगर की दूषित जलों को सीवरलाइन से फिल्टर प्लांट तक पहुंचाते हुए उसके शुद्ध जलों को विभिन्न उपयोगों में लाया जाएगा। सीवर लाइन को चंद्रा निर्माण प्रा. लिमिटेड रायपुर तथा स्मार्ट सिटी को अरूण कंस्ट्रेशन रीवा को जिम्मेदारी सौपी गई है।
दो माह में 104 दुकानें बनाने के निर्देश
स्थानीय व्यापारियों के लिए उपलब्ध कराए जाने दुकानें के अबतक कार्य पूर्ण नहीं होने तथा बेस तक सिमटे निर्माण कार्य पर प्रमुख अभियंता ने नाराजगी जताते हुए निर्माण एजेंसी को दो माह के भीतर 104 दुकानों को तैयार करने का निर्देश दिया। निर्माण में गुणवत्ता के साथ उनके मापदंडों के आधार पर ही निर्माण कार्य करने की चेतावनी दी है। वहीं स्मार्ट सिटी में आवास योजना को स्थापित करने राजस्व विभाग द्वारा भूमि आवंटन नहीं होने पर निर्माण कार्य रूकने की जानकारी अधिकारियों ने दी। आवास योजना के लिए शासन द्वारा 3 करोड़ की राशि प्रस्तावित है।