अनूपपुर। पिछले नौ दिनों से चली आ रही चैत्र नवरात्रि के व्रत में बुधवार को भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर भगवान और सीता के साथ दुर्गा और हनुमान की भी पूजा की गई। हालांकि जिले में कोरोना महामारी के कारण घोषित लॉकडाउन के कारण जिला मुख्याल अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, बदरा, पसान, बिजुरी, राजेन्द्रग्राम और अमरकंकट के मंदिरों में वीरानी पसरी रही। इस प्रकार की वीरानी का यह दूसरा मौका रहा जब लॉकडाउन के कारण मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ ईष्टदेवों के दर्शन और पूजा के लिए अधिक संख्या में नहीं जुटे। लोगों का घरों से बाहर निकलना प्रतिबंधित रहा। जबकि जिन मंदिरों में पुरोहित विराजमान रहे, उन मंदिरों में श्रद्धालुओं ने कोरोना गाइडलाइन के अनुसार अधिकतम पांच की संख्या में पहुंचकर पूजा पाठ किया और मंदिरों में पूजा और हवन किए गए। श्रद्धालुओं को सुरक्षित रखने पांच से अधिक के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। इस मौके पर अधिकांश श्रद्धालुओं ने घरों में ही भगवान श्रीराम के साथ आदिशक्ति मां दुर्गा के स्वरूप की आराधना कर हवन-पूजन के साथ नवरात्रि को विराम दिया। रामनवमी जन्मोत्सव के साथ ही चैत नवरात्रि का पर्व सम्पन्न हो गया। इस मौके पर महिलाओं ने शक्ति स्वरूपणी छोटी कन्याओं को आंगन में बैठाकर कन्या भोज कराया। पौराणिक मान्यओं के अनुसार मर्यादा पुरुर्षोत्तम भगवान राम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या में हुआ था। भगवान श्रीराम के जन्मदिवस को राम नवमी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान राम की पूजा करने से जीवन में यश और सम्मान की प्राप्ति होती है। रामजानकी मंदिर के पुरोहित पं. नरेन्द्र तिवारी के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 20 अप्रैल मंगलवार की देर रात 12 बजकर 43 मिनट से है। इसका समापन 21 अप्रैल दिन बुधवार को देर रात 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। [typography_font:18pt;” >————————————————