कोरोना: साबुन तेल का नहीं जुगाड़, बेटा पढ़ाई के साथ कर रहा मजदूरी
अनूपपुरPublished: May 25, 2020 09:05:04 pm
भूमिहीन किसान पीएम आवास के लिए सालभर से लगा रहा चक्कर, राशन के अलावा नहीं कोई कर्ज की मदद
कोरोना: साबुन तेल का नहीं जुगाड़, बेटा पढ़ाई के साथ कर रहा मजदूरी
अनूपपुर। कोरोना संक्रमण के कहर में भूमिहीन ग्रामीणों का जीवन मुश्किलों भरा हो गया, जहां पेट भरने के साथ साथ दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए पंचायत स्तर पर रोजगार भी नहीं मिल पा रहे हैं। हालात तो यह है कि बूढे पिता की जगह स्कूल पढऩे वाला १५ वर्षीय पुत्र अपनी पढ़ाई को जारी रखने और घर के साबुन तेल की जुगाड़ के लिए मजदूरी करने लगा है। पुष्पराजगढ़ विकासखंड के भेजरी ग्राम पंचायत ग्राम भेजरी निवासी राम प्रसाद सिंह भूमिहीन परिवार की श्रेणी में है। घर में पति पत्नी और दो बच्चे हैं। जिसमें पुत्री ७वीं कक्षा और पुत्र १० वीं कक्षा का छात्र है। कोरोना से पूर्व गांव में ही मजदूरी कर परिवार का जीवनयापन कर रहे थे, लेकिन पिछले दो माह से लगातार जारी जिले में लॉकडाउन और कफ्र्यू के कारण अब उनको मजदूरी भी छिन गई है। गांव के साथ साथ आसपास के गांवो में भी कोई रोजगार नहीं मिल पा रहा है। यहां तक कि घर बनवाने पिछले सालभर से पंचायत का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन पीएम आवास स्वीकृत नहीं हो रहा है। खुद छोटा मोटा व्यापार करना चाहते हैं, लेकिन बिना जमीन के दस्तावेज के बैंक कोई लोन नहीं दे रही है। पंचायत से भी मदद मांगी, लेकिन सभी ने हाथ खड़े कर दिए हैं। जिसके कारण अब मात्र शासन के दिए राशन से घर का पेट भर रहा है, शेष घर की जरूरतों के लिए पुत्र जो कुछ मजदूरी कर लाता है उससे जरूरतें पूरी हो रही हैै। पुत्र के मजदूरी पर रामप्रसाद कहता है कि अब मेरा शरीर जवाब दे रहा है, काम नहीं मिलने के कारण घर में रोजी रोटी की जरूरतों को भी पूरा करना मुश्किल हो रहा है। अब पुत्र ही एक मात्र सहारा है, जो मजदूरी कर खुद और परिवार की जिम्मेदारी सम्भाल रहा है।
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