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न्यायालय ने तत्कालीन सृष्टिवेयर इंटस्ट्रिज लिमिटेड के संचालकों की जमानत याचिका की खारिज

locationअनूपपुरPublished: Aug 10, 2019 01:40:24 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

पांच साल में दोगुनी राशि देने के झांसे में 3 करोड 10 लाख 59 हजार रूपए लेकर भागी थी कंपनी

Court dismisses bail plea of operators of erstwhile Srishtiware Enterp

न्यायालय ने तत्कालीन सृष्टिवेयर इंटस्ट्रिज लिमिटेड के संचालकों की जमानत याचिका की खारिज

अनूपपुर। जिला मुख्यालय में वर्ष 2014 से वर्ष 2016 तक सृष्टिवेयर इंटस्ट्रिज लिमिटेड के नाम कार्यालय खोलकर ग्रामीणों को पांच साल में दोगुणा राशि का झांसा देकर ३ करोड़ १० लाख से अधिक की राशि लेकर भागने के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार दो आरोपियों जगदीश प्रसाद चर्मकार एवं नन्दौआ राठौर तत्कालीन संचालक की जमानत याचिका जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दी। ८ अगस्त को आरोपियों द्वारा दूसरी बार जमानत याचिका लगाई गई थी। इससे पूर्व भी ११ जनवरी को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनूपपुर ने खारिज कर दिया था। विशेष लोक अभियोजक एवं जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि आरोपीगण सृष्टिवेयर इंटस्ट्रिज लिमिटेड कम्पनी अनूपपुर जो वर्ष 2014 से वर्ष 2016 तक न्यायालय के निकट जैतहरी रोड में संचालित थी। संचालक पद पर पदस्थ कर्मचारियों द्वारा हितग्राहियों के साथ कपटपूर्वक छल कर यह विश्वास दिलाकर की यह शासकीय बैंक है एवं इसमें पैसा जमा करने पर पांच साल में डबल तथा हर माह 700 रूपए बोनस मिलेंगे। ऐसा लालच देकर बेईमानी पूर्वक ढंग से हितग्राहियों का 3 करोड 10 लाख 59 हजार तीन सौ एक रूपए जमा कराकर कार्यालय में ताला लगाकर भाग गए थे। प्रकरण के दोनों आरोपीगणों ने न्यायालय में अपनी जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। जहां विशेष लोक अभियोजक एवं थाना प्रभारी कोतवाली अनूपपुर के द्वारा इस आधार पर जमानत आवेदन का विरोध किया गया कि आज तक पीडित हितग्राहियो का जमा किया गया पैसा वापस प्राप्त नहीं हुआ है, कम्पनी नॉन-बैंकिग की आड़ में बैंकिग का कार्य कर बैंकिग विधि का उल्लघंन कर पीडि़त हितग्राहियों के साथ एवं शासन के साथ भी छल कारित किया है। यदि जमानत का लाभ दिया गया तो वे विवेचना में व्यवधान उत्पन्न करेंगे।

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