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प्रदेश सरकार के विरोध में माकपा का जंगी प्रदर्शन

locationअनूपपुरPublished: Dec 07, 2017 04:39:35 pm

Submitted by:

Shahdol online

आमसभा आयोजित कर गिनाई भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियां

CPI (M) 's martyrdom demonstration against the state government

CPI (M) ‘s martyrdom demonstration against the state government

अनूपपुर. मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार की १२ वर्ष के कार्यकाल की अवधि तथा उनके द्वारा गिनाई जाने वाली उपलब्धियों के विरोध में बुधवार ६ दिसम्बर को माक्र्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी ने इंदिरा तिराहा पर जंगी प्रदर्शन कर आमसभा आयोजित की। जिसमें माकपा के पदाधिकारियों ने सरकार को किसान विरोधी नीतियां बनाकर किसानों, मजदूरों, और युवाओं को छलने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सरकार की नीतियों में किसान विरोधी नीतियां भी गिनाई। दोपहर आयोजित आमसभा में माकपा के राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय किसान सभा कामरेड बादल सरोज, प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति मप्र. का. नीना शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष कोयला श्रमिक संगठन सीटू का. रामविलास गोस्वामी, प्रांतीय अध्यक्ष कोयला श्रमिक संघ का. महेश श्रीवास्तव ने कहा राज्य एवं केन्द्र सरकार की किसान विरोधी, मजदूर विरोधी एवं आमजन विरोधी नीतियों के कारण प्रदेश और देश की स्थिति बदतर हो गई है।
देश और प्रदेश में लूट, भ्रष्टचार, बेेरोजगारी दीमक की भांति सरकारी संस्थाओं को खा रही है। वही सरकार के विधायक मंत्री और उनके कार्यकर्ता शासकीय योजनाओं के प्रचार प्रसार करने के बहाने लूट मचा रहे हैं। इस मौके पर कुछ वक्ताओं ने ग्रामीण अंचलों में शासकीय स्तर पर कराए जा रहे कार्यो में शासन की निर्धारित दर से आधी रकम पर मजदूरों से कार्य लेने की बात रखते हुए मस्टर रोल में पूरी राशियां दिखाने की बात कही। वहीं अपनी मुख्य मांगों को प्रशासन द्वारा पूरा किए जाने की अपील में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच अपर कलेक्टर अजय कुमार शर्मा को ज्ञापन सौंपा। माकपा द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में अनूपपुर जिला को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए किसानों के समस्त कर्जा माफ, पेयजल संकट दूर करने, विद्युत दरों की बढ़ोत्तरी को रोकने, किसानों को सिचाई सुविधा उपलब्ध कराने विशेष रणनीति बनाने, रोजगार गारंटी में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टचार पर अंकुश लगाने, आदिवासियों को वनाधिकार कानून के तहत जमीनी पट्टा दिलाए जाने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं तथा आशा-उषा कार्यकर्ताओं को मासिक न्यूनतम मजदूरी १८ हजार किए जाने, संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन जैतहरी के द्वारा मजदूर एवं किसानों के हितों में रखे गए सभी मांगों को तत्काल पूरा करते हुए अनशन समाप्त कराने सहित अन्य मांगें शामिल रखी।

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