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लक्ष्य पर संकट के बादल, 28 दिनों में कैसी होगी 25 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदारी

locationअनूपपुरPublished: Apr 28, 2019 02:57:21 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

डेढ़ माह बाद भी 8 केन्द्रों से मात्र 487 क्विंटल गेहूं की खरीदी, चार केन्द्रों पर एक-एक किसान की पहुंच

Crisis clouds on target, how would be 25 thousand quintals of wheat pr

लक्ष्य पर संकट के बादल, 28 दिनों में कैसी होगी 25 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदारी

अनूपपुर। कृषि विभाग द्वारा १६० रूपए प्रोत्साहन राशि के साथ गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य १८४० रूपए प्रति क्विंटल उपार्जन की दी जा रही राशि के बाद भी किसानों का मन जिले के उपार्जन केन्द्रों की ओर नहीं दौड़ रहा है। वर्ष २०१९-२० रबी उपार्जन में अनूपपुर जिले के दिए लक्ष्य २५ हजार क्विंटल की खरीदारी में पर संकट के बादल अभी से मंडराने लगे हैं। पिछले लगभग डेढ माह के दौरान मात्र ४८७.५० क्विंटल गेहूं की खरीदारी हो सकी है। जबकि गेहूं की खरीदारी के लिए जिले में बनाए गए ८ उपार्जन केन्द्रों में मात्र ४ उपार्जन केन्द्रों पर अधिकांश किसानों ने अपना गेहूं को बेचा है, जबकि ४ उपार्जन केन्द्रों पर एक-एक किसान की अपनी उपज की विकवाली की है। इसका मुख्य कारण अनूपपुर जिले में विलम्ब से हुई रबी फसल की बोवाई के साथ फसल तैयारी के उपरांत गांवों में व्यापारियों द्वारा गेहूं खरीदी में उंची बोल माना जा रहा है। इसमें किसानों से गेहूं खरीदी में बिचौलिएं और व्यापारी किसानों को उंची कीमत देकर गांवों से ही गेहूं का परिवहन कर रहे हैं। जबकि दूसरी और उपार्जन केन्द्र पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ उपार्जन केन्द्रों की मनमानी में पंजीकृत किसान भी उपार्जन केन्द्रों की बजाय घर से कम लगात में अधिक कीमत पर गेहूं को बेच रहे हैं। इससे किसानों को लाभ तो मिल ही रहा है वहीं बिचौलिएं और बाहरी व्यापारियों को लाभ पहुंच रहा है। पिछले माहभर के बाद भी ८ उपार्जन केन्द्रों से ४८७.५० क्विंटल गेहूं की खरीदी खाद्य आपूर्ति विभाग के हिस्से आई है। जहां विभाग यह मान कर चल रही है कि खरीदी की यह रफ्तार रही तो लक्ष्य की पूर्ति कोसो दूर रह जाएगी। जानकारी के अनुसार अनूपपुर जिले में १५ मार्च से गेहूं का उपार्जन किया गया था, जो आगामी २४ मई तक जारी रहेगा। जिसमें १९३३ किसानों को पंजीकृत करते हुए विभाग ने रकबे के अनुसार लगभग २५ हजार क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन १५ मार्च से आरम्भ हुई खरीदी में २६ अपै्रल तक मात्र २५ किसानों से ४८७.५० क्विंटल गेहूं की खरीदारी सम्भव हो सकी। इनमें अनूपपुर उपार्जन केन्द्र पर पंजीकृत ३७३ किसानों में ५ किसान ने १६०.५० क्विंटल, उपार्जन केन्द्र जैतहरी में पंजीकृत ०००० किसानों में १ किसान ने १५.५० क्विंटल, उपार्जन केन्द्र दुलहरा में पंजीकृत ४४९ किसानों में १ किसान ने १८ क्विंटल, उपार्जन केन्द्र भेजरी में पंजीकृत ११२ किसानों में ४ किसान से ५४.५० क्विंटल, राजेन्द्रग्राम उपार्जन केन्द्र में पंजीकृत २३४ किसानों में से १ किसान ने ४ क्विंटल, बेनीबारी उपार्जन केन्द्र पर पंजीकृत ११७ किसानों में से १ किसान ने ३८ क्विंटल, मलगा आमाडांड कोतमा उपार्जन केन्द्र पर पंजीकृत ७८ किसानों में से ३ किसानों ने ४२.५० क्विंटल गेहंू, तथा निगवानी उपार्जन केन्द्र पर पंजीकृत ८० किसानों से ९ किसानों ने १५४.५० क्विंटल गेहंू को उपार्जन केन्द्र तक पहुंचाया है जो ८ लाख ९७ हजार रूपए की खरीदारी बताई गई है।
बॉक्स: व्यापारी खरीद रहे ढाई हजार से अधिक उंची कीमत पर गेहूं
एक ओर जहां शासन २००० प्रति क्विंटल दर के हिसाब से किसानों को भुगतान कर रही है। वहीं व्यापारी और बिचौलिए भी किसानों को ५००-७०० रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिक राशि भुगतान कर उनका गेहूं उठाव कर रहे है। किसानो की मानें तो घर बैठे २५०० से अधिक की राशि प्राप्त हो रही है। जबकि उपार्जन केन्द्रों पर गेहंू की चमकहीन सहित अन्य खामियां बताकर उन्हें परेशान किया जाता है। फिलहाल विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें खींची हुई है।
वर्सन:
माहभर हो गए है लेकिन गेहूं का उपार्जन संतोषजनक नहीं हुआ है। अभी कुछ स्थानों पर कटाई का काम चालू है सम्भव है कि अब किसान उपार्जन केन्द्रों का रूख करेंगे।
विपिन पटेल, खाद्य आपूर्ति विभाग अनूपपुर।
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