अब तक जिले में 55 फीसदी बोवनी
कृषि विभाग की माने तो अबतक जिले में मात्र 50-55 फीसदी अनुमानित रकबे में बोवनी सम्भव हो सकी है। इसका मुख्य कारण अनूपपुर, जैतहरी और कोतमा विकासखंडों में पिछले 7 जुलाई से 25 जुलाई के बीच बारिश का नहीं होना बताया जाता है। अधीक्षक भू-अभिलेख विभाग शशिशंकर मिश्रा का कहना है कि जिले में अबतक सामान्य वर्षा के रिकार्ड के अनुसार 464.6 मिमी बर्षा हो जाना चाहिए था। लेकिन जिले में अबतक मात्र 387.4 मिमी बर्षा दर्ज की गई। जबकि पिछले वर्ष 2018 में सामान्य से कम बारिश के रिकार्ड में 27 जुलाई तक हुई बारिश का आंकड़ा 424.9 मिमी हुआ है। लेकिन इस वर्ष यह स्थिति पिछले साल की तुलना में भी अबतक कम बरसी है। इनमें हालांकि पिछले तीनों से रोजाना कुछ समय के लिए बारिश की बौछार जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गिर रही है। लेकिन वर्षा रिकार्ड के अनुसार यह बौछार खरीफ फसलों के लिए अपर्याप्त है। वहीं बीच-बीच तेज गर्मी के साथ निकलने वाली धूप जमीन की नमी को सुखाते हुए फसलों को प्रभावित कर रही है। जिले में इस वर्ष वैंकटनगर, बिजुरी तथा जैतहरी सबसे कम वर्षामापी केन्द्र के रूप में सामने आए हैं। अगर ऐसे ही बारिश के हालात बने तो अनूपपुर जिला सूखा क्षेत्र सम्भावित हो सकता है।
कहां कितना रकबे पर खरीफ की फसल
जिले में इस वर्ष 1.75 लाख हेक्टेयर खरीफ की बुवाई का लक्ष्य रखा है। धान के लिए 115.20 हजार हेक्टेयर, ज्वार 200 हेक्टेयर, मक्का13.95 हजार हेक्टेयर, कोदो कुटकी 15 हजार हेक्टेयर, दलहन फसलो में अरहर 9.95 हजार हेक्टेयर, मूंग 0.80 हजार हेक्टेयर, उड़द 4 हजार हेक्टेयर तथा तिलहन की फसलों में मूंगफली 1 हजार हेक्टेयर, तिल 2 हजार हेक्टेयर, सोयाबीन 5 हजार हेक्टेयर, रामतिल 8 हजार हेक्टेयर सहित कुल 175.56 हेक्टेयर भूमि में बोनी का लक्ष्य रखा गया है।