कलेक्टर की अपील पर धरना प्रदर्शन समाप्त, कोर्ट जाने की सलाह पर माने मजदूर व किसान संघ
एक सप्ताह से कोयला उत्पादन का कार्य रहा प्रभावित, पूर्व में प्रबंधन ने थाने में दर्ज कराई थी शिकायत

अनूपपुर। एसईसीएल अंतर्गत संचालित आमाडांड खुली खदान परियोजना में पिछले एक सप्ताह से जारी धरना प्रदर्शन सोमवार २५ जनवरी की शाम कलेक्टर की अपील के बाद समाप्त हो गया है। कॉलरी प्रबंधन द्वारा निकाले गए ५८ कर्मचारियों के विरोध में गोंगपा मजदूर प्रतिष्ठा मंच बैनर तले किसान, निकाले गए कर्मचारी व उनके परिजन २० जनवरी से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे थे। जिसमें कॉलरी द्वारा निकाले गए कर्मचारियों की वापसी की मांग की गई थी। इससे पूर्व अपर कलेक्टर सरोधन सिंह ने भी मौके स्थल पर पहुंचकर प्रबंधन और किसानों से चर्चा की थी। बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट व कॉलरी द्वारा कार्रवाई की दी गई जानकारी के बाद सोमवार को कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर खदान पहुंचे, जहां आंदोलनकारियों को दो टूक में कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया जा सकता है। लेकिन कोयले का उत्पादन प्रभावित नहीं किया जा सकता। अगर कोर्ट के निर्णय से किसी तरह को आपत्ति है तो इसकी अपील की जा सकती है। लेकिन विधि विरुद्ध आंदोलन होता है तो कार्रवाई की जाएगी। प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए राजी हो गए और देर शाम कोयला खदान में उत्पादन भी शुरू हो गया। विदित हो कि आमांडाड खुली खदान प्रयोजना में मजदूरों की भर्ती 1३ वर्ष पूर्व की गई थी। लेकिन वर्ष 2020 के बाद 58 कर्मचारियों को प्रबंधन द्वारा नौकरी से निकाल दिया गया। जिसमें कॉलरी ने कोर्ट के आदेश में काम से निकालने की प्रक्रिया बताई। गोंगपा के जिला अध्यक्ष ललन सिंह परस्ते ने कहा कि इस मामले में कोर्ट की शरण लेंगे और शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन जारी रखेंगे।
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