लोकार्पण के बाद वीरान 27 करोड़ की नवीन कन्या शिक्षा परिसर बिल्डिंग, परेशान 227
छात्राएं
अनूपपुरPublished: Feb 16, 2020 09:54:42 pm
सहायक आयुक्त ने दिए मौखिक निर्देश, प्राचार्य ने कन्याओं के साथ नवीन भवन जाने से कर दिया इंकार
लोकार्पण के बाद वीरान 27 करोड़ की नवीन कन्या शिक्षा परिसर बिल्डिंग, परेशान 227 छात्राएं
अनूपपुर। अनूपपुर-जैतहरी मार्ग स्थित तिपाननदी किनारे १२ एकड़ में २७ करोड़ ४६ लाख की लागत से बनाई गई शासकीय कन्या शिक्षा परिसर की नवीन बिल्डिंग लोकार्पण के माहभर बाद भी वीरान पड़ी है। सर्वसुविधायुक्त इस नवीन बिल्डिंग में कन्याओं की कक्षाओं में न कोई शोर सुनाई दे रहा है और न ही शिक्षकों की आवाज सुनाई दे रही है। ना ही परिसर में शिक्षकों व बच्चों की चहल पहल बनी हुई है। नए भवन का लोकापर्ण जिला प्रभारी मंत्री प्रदीप जायसवाल ने १२ जनवरी को किया था। जिसमें अधिकारियों ने आश्वस्त किया था कि नवीन भवन के लोकार्पण के उपरांत वर्तमान में शासकीय एकलव्य स्कूल परिसर में संचालित शासकीय कन्या शिक्षा परिसर की समस्त २२७ छात्राओं को इस नवीन भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। लेकिन आश्चर्य माहभर पूर्व २७ करोड़ ४६ लाख ९४ हजार की लागत से बनी नवीन बिल्डिंग में बच्चों को स्थानांतरित नहीं किया जा सका है। जबकि परिसर को सर्वसुविधायुक्त बनाते हुए स्कूल परिसर, कक्षा ६ वीं से लेकर ८वीं तक के लिए ३५१ सीटर व कक्षा ११ वीं और १२वीं पोस्ट मैट्रिक के लिए १४० सीटर दो आवासीय परिसर के साथ एफ, जी, एच और आई टाइप के शिक्षकों के लिए आवासीय परिसर की व्यवस्था बनाई गई है। वर्तमान में मुख्य मार्ग से परिसर के बीच पहुंच मार्ग निर्माणाधीन है। बताया जाता है कि मामले में सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग ने शासकीय कन्या शिक्षा परिसर के प्राचार्य को मौखिक निर्देश में भवन खाली करने तथा बच्चों को नवीन में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे, जिसमें प्राचार्य ने अधिकारी के आदेश को मानने से इंकार करते हुए लिखित आदेश में ही स्थानांतरण करने की बात कही। प्राचार्य का कहना था कि बालकों का मामला होता तो सोचा जा सकता था। लेकिन बालिकाओं के मामले में बिना अधिकारी के लिखित आदेश नवीन भवन में कन्याओं को शिफ्ंिटग नहीं किया जाएगा। हालात यह बने हुए है कि मामले में अबतक न तो सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग और ना ही जिला कलेक्टर ने नवीन भवन में बच्चों को शिफ्ंिटग करने के आदेश जारी किए हैं। जबकि लोकार्पण के उपरांत बिल्डिंग जिला प्रशासन या सम्बंधित विभागाधिकारी को सुपुर्द कर दिया जाता है।
एक ओर जहां लगभग २७.४७ करोड़ की नवीन बिल्डिंग वीरान पड़ी है, वहीं वर्तमान में शासकीय एकलव्य आवासीय परिसर में संचालित कन्या शिक्षा परिसर में अध्ययरत बच्चों को परेशानियों के बीच शिक्षा ग्रहण करना उनकी विवशता बनी हुई है। जगह और कमरों के अभाव में १ बिस्तर पर वर्षो से दो छात्राएं सो रही है। यहां तक कि कक्षाओं के अभाव में मात्र ४ कमरों में ७ कक्षाएं संचालित कराई जा रही है। इन्हीं चार कमरों की कक्षा में स्कूल प्राचार्य का कार्यालय, लाइब्रेरी, प्रयोगशालाएं जैसी व्यवस्थाएं बनी हुई है। लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन और आदिवासी विभाग अधिकारियों की नजर कन्याओं व शिक्षकों की इन अव्यवस्थाओं की ओर बिल्कुल नहीं पहुंच रही है। बताया जाता है कि यह हालात आज की नहीं बल्कि शुरूआत समय से ही बनी रही। जहां निरीक्षण के लिए आने वाले हरेक अधिकारी ने छात्राओं की समस्याओं पर सिर्फ आश्वासन देकर व्यवस्थाओं को बनाने से दूरी बना ली। इस सम्बंध में अनेक बार छात्राओं ने भी जिला प्रशासन के समक्ष अपनी परेशानियों से रूबरू कराया है।
बॉक्स: किस आम आएगी करोड़ों की बिल्डिंग
जिला प्रभारी मंत्री द्वारा नवीन बिल्डिंग के लोकार्पण के दौरान उपस्थित अतिथियों ने जमकर बिल्डिंग की तारीफ करते हुए कन्याओं के इस भवन में अध्ययन करने के उपरांत उनके भविष्य की सुखद कामना की थी। साथ ही कहा था कि जिले में इस प्रकार की बिल्डिंग शिक्षा जगत में अबतक की अनोखी बिल्डिंग है। वहीं जिला प्रशासन ने जल्द ही कन्या शिक्षा परिसर को उपलब्ध कराते हुए बच्चों को नए भवन में शिफ्ट कराने के आश्वासन दिए थे। लेकिन अबतक इसका लाभ शासकीय कन्या शिक्षा परिसर में अध्ययनरत छात्राओं को नहीं मिल पाया है।
वर्सन:
इस सम्बंध में प्राचार्य से बातचीत कर आगे की व्यवस्था बनाता हूं। जल्द ही बच्चों को नवीन भवन में शिफ्ट कराने की कार्रवाई की जाएगी।
विवेक पांडेय, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अनूपपुर।
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