मकरसंक्रांत पर श्रद्धालुओं ने नर्मदा सहित नदीघाटों पर लगाई डुबकी, मंदिरों में किया विशेष पूजन अर्चन
अनूपपुरPublished: Jan 15, 2021 11:39:37 am
अमरकंटक सहित जिलेभर में जगह जगह आयोजित हुआ मेला उत्सव, दो दिन तक रहेगी चहल-पहल
मकरसंक्रांत पर श्रद्धालुओं ने नर्मदा सहित नदीघाटों पर लगाई डुबकी, मंदिरों में किया विशेष पूजन अर्चन
अनूपपुर। नई फसल की कटाई और सूर्यदेव के उत्तरायण पर पौराणिक मान्यताओं में१४ जनवरी को मनाए जाने वाले मकर संक्रांति का पावन पर्व पूरे श्रद्धा व हर्षोउल्लास के आरम्भ हुआ। जिले की पवित्रनगरी अमरकंटक के नर्मदा सहित जिला मुख्यालय के सोन-तिपान नदी संगम पर श्रद्धालुओं ने नदियों में आस्था की डुबकी लगाई। जबकि राजेन्द्रग्राम, कोतमा, जैतहरी, राजनगर, बिजुरी सहित अन्य क्षेत्रों से गुजरती नर्मदा, सोन, जुहिला, तिपान, केवई सहित अन्य नदियों के नदीघाटों पर भी लोगों ने स्नानकर इष्टदेवों की विशेष पूजा अर्चना की। मकरसंक्रांत के अवसर पर जिले के अनेक स्थानों पर मेले का भी आयोजन किया गया है। हालांकि ज्योतिष पंचांग के अनुसार इस वर्ष भी मकर संक्रांति का शुभ मुहूत्र्त दो दिनी रूप में मनाया जा रहा है। जिसके कारण यह पर्व दो दिनी मनाया जा रहा है। लेकिन प्रथम दिन ही जिले में पर्व की पौराणिक निर्धारित तिथि की महत्ता में मकरसंक्रांत हर्षाेउल्लास के साथ शुभारम्भ हुआ। पुराणों के अनुसार मकर संक्राति का पर्व बह्मा, विष्णु, महेश, गणेश सहित आदि शक्ति और सूूर्य की उपासना एवं आराधना का पावन व्रत माना जाता है। संत महर्षियों के अनुसार इनके प्रभाव से प्राणी की आत्मा शुद्ध होती है, संकल्प शक्ति बढ़ती है, ज्ञान का विकास होता है। मकर संक्रंाति इसी चेतना को विकसित करने वाला पर्व है। यह सम्पूर्ण भारतवर्ष में किसी न किसी रूप में आयोजित होता है। जबकि अन्य मान्यताओं में गंगा को धरती पर लाने वाले महाराज भागीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इसी दिन तर्पण किया था। उनका तर्पण स्वीकार करने के बाद इस दिन गंगा समुद्र में मिली थी। इसलिए मकर संक्राति पर गंगा-सागर में मेला लगता है।
मकर संक्राति पर्व के मौके पर रविवार की सुबह पावन नगरी अमरकंटक में हजारो श्रदलुओं की भीड़ जुटी रही। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा उद्गम कुंड में डुबकी लगाकर माता नर्मदा का पूजन अर्चन किया। साथ ही तिल-चावल, गुड़ सहित अन्य सामग्रियों का दान दिया। प्रदेश की जीवनदायिनी नदी मां नर्मदा का उद्गम स्थल होने के कारण इस दिन यहां देश- प्रदेश से हजारों की तादाद में श्रद्धालुु एवं पर्यटक पूजा अर्चना के साथ मेला देखने आते हैं। जबकि इस वक्त अमरकंटक में अत्याधिक ठंड पड़ता है, जिसके कारण दूधधारा, कपिलधारा से निकलने वाली दूधिया भाप पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना रहता है।
बॉक्स: गोंगपा सम्मेलन में उमड़ रहे आदिवासी परिवार
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा दशकों से आयोजित की जा रही अखिल गोंगपा सम्मेलन १३ जनवरी से आरम्भ हुआ, जिसमें १४ जनवरी की सुबह मां नर्मदा की पूजा अर्चना के बाद सैकड़ों की तादाद में आदिवासी समुदायों ने नगर भ्रमण यात्रा निकाली। इस गोंगपा सम्मेलन में गोंडी, धर्म, सांस्कृतिक, साहित्य सम्मेलन एवं फडापेन महापूजन का आयोजन किया जाता है। इस दौरान हजारों की तादाद में प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों से आदिवासी परिवार सम्मेलन में पहुंचे। वहीं अमरकंटक में विशेष सुरक्षाबलों को तैनात कर पर्यटक पुलिस चौकी को चौकसी बरतने की हिदायत दी गई है। जबकि मुख्यलाय स्थित सोन-तिपान नदी संगम घाट पर आयोजित होने वाले मेले के लिए दर्जनभर जवानों को तैनात किया गया है।
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