जांच अधिकारी एनडी गुप्ता के अनुसार सिविल सर्जन ने गुरूवार को जिला अस्पताल में २२ डॉक्टरों की सूची बताते हुए 13 डॉक्टरों की उपस्थिति बताई। जबकि शेष 9 डॉक्टर अनुपस्थित रहे। वहीं स्टाफ नर्सो की 56 सूची में 35 की उपस्थिति दर्शाई। लेकिन उनका कहना था कि 13 डॉक्टरों की उपस्थिति में 6-7 डॉक्टरों को छोड़कर अन्य कहीं नहीं दिखें। अधिकांश डॉक्टरों के कक्ष बंद मिले। जबकि डॉक्टरों की ड्यूटी ऑवर सुबह 8 बजे दोपहर 1 बजे तक निर्धारित की गई है। अपने निरीक्षण के दौरान जांच अधिकारी ने सामान्य वार्ड के मरीजों के बिस्तर से सफेद चादर के गायब होने, स्लाईन स्टैंड कम होने, वार्डो में परिजनों की अधिक भीड़, अपर्याप्त सफाई व्यवस्था सहित स्त्री प्रसव कक्ष की पोस्ट प्रसव कक्ष में एक भी बिस्तर पर अस्पताल की चादर नहीं होने की कमी पाया। जांच अधिकारी का कहना था कि अस्पताल की जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेंगे, जिसके उपरांत प्रशासन आगे की व्यवस्था बनाएंगे।
विदित हो कि जिला कलेक्टर अजय कुमार शर्मा ने अक्टूबर माह के दौरान जिला अस्पताल सहित जिले के चारो विकासखंड के एसडीएम, सीईओ तथा शासकीय विभागों के प्रमुखों को अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों की नियमित भ्रमण कर वहां बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था बनाए जाने, डॉक्टरों की उपस्थिति नियमित बनाने, मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य योजनाओं की नियमित मॉनीटरिंग करने तथा परिसर को साफ-सुथरा बनाए रखने के आदेश जारी किया था। इसके लिए न्याययिक और प्रशासनिक अधिकारियों के नामों तथा तिथि आधारित की सूची तैयार की गई।
माहभर से नहीं हुआ निरीक्षण
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में अक्टूबर माह के निरीक्षण के उपरांत सभी स्वास्थ्य केन्द्रों की जांच निरीक्षण लगभग बंद हो गई। बताया जाता है कि अक्टूबर माह के लिए जारी सूची में 25 अधिकारियों में 10-12 अधिकारियों ने जांच का कार्य किया। शेष अधिकारियों ने कभी स्वास्थ्य केन्द्रों का दौरा नहीं किया ना ही कोई रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में अक्टूबर माह के निरीक्षण के उपरांत सभी स्वास्थ्य केन्द्रों की जांच निरीक्षण लगभग बंद हो गई। बताया जाता है कि अक्टूबर माह के लिए जारी सूची में 25 अधिकारियों में 10-12 अधिकारियों ने जांच का कार्य किया। शेष अधिकारियों ने कभी स्वास्थ्य केन्द्रों का दौरा नहीं किया ना ही कोई रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी।