अनूपपुर। मानसून पूर्व नगर की सफाई व्यवस्थाओं सहित जल निकासी समस्याओं को लेकर नगरीय प्रशासकों द्वारा अबतक बरती जा रही बेसुधगी अब जिला शहरी विकास अभिकरण की नींद टूटती नजर आ रही है, जहां पत्रिका में प्रकाशित खबर के बाद जिला शहरी विकास अभिकरण अधिकारी ने सभी नगरीय प्रशासकों को आदेश जारी किए हैं। जिसमें सभी नगरपालिकाओं को मानसून की बारिश से पूर्व साफ-सफाई सहित पानी निकासी और गंदगी सम्बंधित अव्यवस्थाओं को तत्काल व्यवस्थित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही नगरीय प्रशासकों को इसके लिए १५ दिनों की मोहलत देते हुए व्यवस्थाओं को पूरा कराए जाने की जानकारी मांगी है। यही नहीं आदेश की अनदेखी करने वाले नगरीय प्रशासकों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी भी दे डाली है। डिप्टी कलेक्टर एवं परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण विजय डहेरिया द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वर्षा ऋतु के पूर्व साफ-सफाई, नाला-नालियों के उचित बहाव के लिए अतिक्रमणकों को हटाने, व्यवधानों को दूर करने, जल प्रदाय, सीवरेज परियोजनाएं, सडक़ मरम्मत के कार्य तथा किसी भी क्षेत्र में पानी संचित न हो उसके उपाय, सड़ी गली सब्जियों को नष्ट करने, संक्रमण रोगों से बचाव, वाहनों की मरम्मत तथ शुद्ध पानी के लिए आवश्यक रसायानों की व्यवस्था किया जाना है। वहीं आदेश में यह चेतावनी दी कि आवश्यक कार्रवाई १५ दिनों के अंदर पूर्ण कर की गई कार्रवाईयों की प्रगति कार्यालय को अवगत कराए। आदेश के बाद नगरीय प्रशासकों में हडक़म्प मचा हुआ है। बताया जाता है कि अभी तक कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण अधिकांश नगरीय क्षेत्रों में नगर की समस्याओं को लेकर कभी न तो बैठक का आयोजन किया गया और ना ही समस्या सम्बंधित स्थलों को चिह्नित करने की कार्रवाई की गई। जबकि मानसून ने ३ जून से केरल की तट पर दस्तक दे दिया है। बॉक्स: पत्रिका ने उठाया था मुद्दाइस मामले में पत्रिका ने ३ जून को खबर प्रकाशित करते हुए प्रशासन का ध्यान आगामी दिनों बनने वाली अव्यवस्थाओं की ओर दिलाया था। जिसमें जिला मुख्यालय एवं नगरपालिका क्षेत्र अनूपपुर में प्रत्येक मानसून के दौरान नालियों की सफाई के अभाव में सडक़ पर जलजमाव, ड्रेनेज व्यवस्था नहीं होने के कारण निचले वार्डो से पानी की निकासी नहीं होने, पेड़ों की छंटाई नहीं होने से बिजली व्यवस्था प्रभावित होने, सकरी नालियों के उफान भरकर उसके कचरे सडक़ों पर भर आना, अधिकांश स्थानों पर नाली की कमी होने पर सडक़ पर ओवरफ्लो कर पानी बहना जैसी स्थिति बनती रहती है। जबकि अन्य नगरीय क्षेत्र कोतमा, बिजुरी, पसान, अमरकंटक, तहसील कार्यालय मुख्यालय क्षेत्र राजेन्द्रग्राम, जैतहरी सहित नवगठित बनगवां(राजनगर) डोला और डूमरकछार नगरंपचायतों की भी यही स्थिति बनी रहती है। जहां प्रत्येक वर्ष मानसून के दौरान पानी निकासी पर लाखों रूपए खर्च किए जाने के बाद भी नगरीय क्षेत्र में पानी सडक़, निचले वार्ड, बस्तियों पर लबालब भर आता है। जबकि जिले के किसी भी नगरीय क्षेत्र में ड्रेनेज की सुविधा नहीं है।बॉक्स: मशीनें खराब, कोरोना में नहीं मिल रहे मजदूरएक ओर जहां प्रशासनिक अधिकारी ने आदेश जारी कर दिए, वहीं नगरपालिका कार्यालयों में उपलब्ध मशीनरी वाहनें मरम्मत के अभाव में बेकार पड़ी है। कहीं चालक नहीं, तो जेसीबी खराब, कहीं सडक़ों के निर्माण अधूरे, तो कहीं स्टाफो की कमी है। वहीं कोरोना संक्रमण के कारण नगरपंचायत जहां स्टाफों की उपलब्धता नहीं बनी है वहां मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं। वर्सन:कोरोना के कारण विलम्बता हुई है। लेकिन सभी नगरीय प्रशासकों को आदेश जारी कर १५ दिनों में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। अगर लापरवाही बरती गई तो कार्रवाई भी की जाएगी। विजय कुमार डहेरिया, डिप्टी कलेक्टर एवं परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण।[typography_font:18pt;” >————————————————