अनूपपुर। जिला मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय दो वर्ष बाद फिर से सुर्खियों में सामने आया है, जहां वर्ष २०१९ में दवाई खरीदी के लिए जारी टेंडर में गड़बड़ी करते हुए कंपनी को लाभ पहुंचाने की गई हेरफेल के मामले की जांच में ४ अगस्त की सुबह आर्थिक अपराध शाखा रीवा की टीम अनूपपुर पहुंची है। जहां दो सदस्यी टीम निविदा से सम्बंधित सारे दस्तावेजों को एकत्रित कर रही है। हालांकि शाम तक कार्यालय द्वारा दस्तावेजों को उपलब्ध नहीं कराया गया है। जांच अधिकारी का कहना है कि जब तक सारे दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाते तब तक टीम द्वारा कार्रवाई जारी रखी जाएगी। आर्थिक अपराध शाखा के उपनिरीक्षक आशीष मिश्रा के साथ आरक्षक धनश्याम त्रिपाठी रात तक दस्तावेजों को खंगालते रहे। बताया जाता है कि २९ नवम्बर २०१९ को स्थानीय खरीदी के लिए निविदा सम्पन्न हुई थी। निविदा के माध्यम से लगभग १५०० दवाओं, उपकरणों, एवं अन्य सामग्रियों की दर अनुबंध कर उक्त वस्तुओं को स्थानीय स्तर पर क्रय किया जाना था। लेकिन यहां कार्यालय में उपस्थित अधिकारी व कर्मचारियों ने दवा कंपनियों के साथ मिलकर निविदा की फाइनेंसियल बिड के साथ मूल प्रारूप प्रारूप में छेड़छाड़ करते हुए निविदा प्रकाशित करवा दी। वहीं चहेती कंपनी की फर्जी फाइनेंसियल बिड भी स्वीकार कर ली। यहीं नहीं ऑनलाइन में भ्रामक निविदा परिणाम भी जारी कर दी गई। बताया जाता है कि इस टेंडर में लगभग ५ कंपनियां शामिल हुई। लेकिन निविदा मात्र एक का खोला गया। विभागीय सूत्रों के अनुसार टेंडर लगभग ७ करोड़ से अधिक की थी, जिसमें ५ करोड़ का भुगतान होना बताया जा रहा है। फिलहाल आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में वर्ष २०२१ में दर्ज हुई शिकायत के आधार पर रीवा की जांच टीम जांच के लिए पहुंची है। बॉक्स: वर्ष २०२० में ही सामने अया था मामला, जिसमें सीएमएचओ कार्यालय सहित कार्यालय मंत्री लोक स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मप्र, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा को भी पत्र लिखकर इस गड़बड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। लेकिन अबतक इस मामले में कार्रवाई ठंडे बस्ते में पड़ी रही।[typography_font:18pt;” >—————————————————————