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दिव्यांग पुत्र ने कहा बारिश में भींग जाते है बूढे मां-बाप, टूटे घर की मरम्मत करवा दो

locationअनूपपुरPublished: Jun 19, 2019 03:43:52 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

साप्ताहिक जनुसनवाई में बिना पैसे दूसरे की वाहन से दिव्यांग पहुंचा कलेक्ट्रेट, लगाई मदद की गुहार

Divyang's son said, "Due to rain, the old parents and the broken house

दिव्यांग पुत्र ने कहा बारिश में भींग जाते है बूढे मां-बाप, टूटे घर की मरम्मत करवा दो

अनूपपुर। साहब! आंधी तूफान में मेरे घर की दीवाल सहित छत की सीमेंट वाली चादर टूट चुकी है, जब जब बारिश होती है परिजनों को भींगना पड़ता है। हमारे पास उससे बचने कोई व्यवस्था भी नहीं है। दीवार मिट्टी की जोर से बनी है, कभी भी गिर सकती है। मैं दिव्यांग हंू भिक्षा मांगकर खुद व अपने बूढे मां-पिता का पेट भर रहा हूं।, छोटा भाई अपने परिवार के साथ अलग रहता है। अब तो मेरी १० साल पुरानी ट्राय साइकिल भी जर्जर होकर टूट चुकी है। साइकिल के बिना लाचार हो गया हूं। किसी तरह बस और ऑटो चालकों से अपील कर आपके पास पहुंचा हूं। मेरी मदद कर मेरा घर सुधारवा दीजिए, बारिश का मौसम आरम्भ होगा परिजनों को परेशानी होगी। अगर मुझे ट्रायसाइकिल मिल जाए तो कहीं आने जाने के लिए किसी का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। यह बात विवेकनगर से आए ४० वर्षीय दिव्यांग राकेश कुमार पनिका ने जनसुनवाई के दौरान जिपं सीईओ सरोधन सिंह से कही। जिसके बाद जिपं सीईओ ने तत्काल दिव्यांग के पास पहुंचते हुए एसडीएम अनूपपुर अमन मिश्रा से छत सुधार के लिए आर्थिक व्यवस्था बनाने तथा ट्राय साइकिल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिपं सीईओ ने तत्काल कार्यालय से ट्रायसाइकिल मदद के रूप में भेंट की, वहीं एसडीएम ने आर्थिक मदद दिलाया।
जनसुनवाई के दौरान अनूपपुर वार्ड क्रमांक ९ निवासी लालू राठौर ने इंदिरा तिराहा से तुलसी महाविद्यालय तक बनाई जा रही सीसी सडक़ व उसके दोनों किनारे बना नाला का गंदा पानी उसके खेतों में उतर रहा है। निर्माण एजेंसी ने दोनों नालियों को एक साथ जोडक़र खेत में उतारा है, जिसमें शहरा का पूरा गंदा पानी शामिल होता। इससे उसके फसल नुकसान हो रहे है। खेत एवं बाड़ी गंदा पानी से भरा रहता है। इससे पूर्व गेहंू और गोभी की फसल लगाई गई थी, जिसकी अनुमानित उपज एक लाख थी पानी के बाद बर्बाद हो गई। इस सम्बंध में नगरपालिका से शिकायत की गई थी, ेलेकिन नगरपालिका कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है। इसके बाद कलेक्टर से भी शिकायत की, लेकिन कर्मचारियों ने बजट की कमी बताकर कार्रवाई से दूरी बना ली।

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