इसके बाद मैंने 1 साल पढ़ाया जो मेरे प्रीपरेशन के लिए एक अच्छा अनुभव रहा है। खुद से स्ट्डी कर सिविल जज की परीक्षा पास की। जिसमें मुझे 21 रैंक में जगह मिला।
यह भी पढ़ेंः एक के पिता कोर्ट में ड्राइवर, दूसरे के पिता बुक सेलर, दोनों की बेटियां बन गई सिविल जजधैर्य बहुत जरूरी
दिव्यानी सिंह ने बताया कि जो प्रतिभागी तैयारी कर रहे हैं कड़ी मेहनत के साथ ही धैर्य बनाए रखें, क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं में मेहनत के साथ ही धैर्य भी बहुत जरूरी है। जैसी आपकी मेहनत और जितनी परीक्षा में परफॉर्मेंस रहेगा उतना ही बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
मां-भाई का सपोर्ट
दिव्यानी ने बताया कि मेरे इस चयन में सबसे बड़ा सपोर्ट मां रोमा सिह और भाई अनिरुद्ध सिंह का है, जिन्होंने मेरे प्रीपरेशन पर पूरा साथ दिया, उनके सपोर्ट के बिना मैं आज यहां तक नहीं पहुंच पाती। पढ़ाई के साथ बड़े का सपोर्ट और कमियों को पूरा करने से आगे की पढ़ाई आसान और बेहतर बनती है।