अनूपपुर

सीएस के आदेश पालन तैयार नहीं डॉक्टर, एक बजते ही अस्पताल के ओपीडी से गायब हो गए सभी डॉक्टर

उपचार की आस में बैठे रहे मरीज, सीएस बोले एक दिन पूर्व दी जा चुकी है जानकारी

अनूपपुरJun 05, 2019 / 12:14 pm

Rajan Kumar Gupta

सीएस के आदेश पालन तैयार नहीं डॉक्टर, एक बजते ही अस्पताल के ओपीडी से गायब हो गए सभी डॉक्टर

अनूपपुर। मरीजों की जरूरतों को देखते हुए मप्र शासन ने शासकीय अस्पतालों में ओपीडी के समय में बदलाव किया है। जिसमें सुबह ८ बजे से दोपहर १ बजे की बजाय सुबह ९ बजे से शाम ४ बजे तक ओपीडी में डॉक्टरों का बैठना अनिवार्य किया, ताकि दिन के समय आने वाले मरीजों को आसानी से स्वास्थ्य लाभ मिल सके। लेकिन शासन के इस नए आदेश को डॉक्टर पालन करने तैयार नहीं दिख रहे है। जिला अस्पताल अनूपपुर में अस्पताल प्रशासन ने ३ जून को नए आदेश के पालनार्थ आदेश पत्र भी जारी कर डॉक्टरों को सूचित कर दिया। बावजूद ४ जून की दोपहर १ बजे ही पूरा अस्पताल परिसर खाली नजर आया। इमरजेंसी ड्यूटी में एक मात्र डॉक्टर की तैनाती रही। अन्य स्टाफ रूम में शिफ्ट के अनुसार स्टाफ नर्स मौजूद नजर आए। लेकिन ओपीडी चिकित्सकों का कहीं अता पता नहीं था। दवा काउंटर बंद रही, गायनो सेंटर में महिला डॉक्टरों की उपस्थिति नहीं नजर आई। जबकि अस्पताल आने वाले मरीज नए समय के अनुसार दोपहर बाद भी उपचार कराने जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां ओपीडी में कोई डॉक्टर नहीं बैठा नजर आया। जिसके कारण मरीज बैरंग ही वापस लौट गए। अधिकांश मरीज व उनके परिजन अब डॉक्टर आएंगे की आस लिए बंद दरवाजों के बाहर बैठे रहे। अस्पताल प्रबंधक का कहना था कि हमने नए आदेश का सर्कुलर जारी करते हुए पालनार्थ डॉक्टरों को सूचित भी कर दिया है। दोपहर एक बजे तक मैं अस्पताल में था तो कुछ डॉक्टर जरूर बैठे थे, लेकिन विभागीय कार्य से ऑफिस आ गया तो डॉक्टर शाम की ड्यूटी समाप्त किए पूर्व कैसे चले गए। हालांकि इस दौरान उन्होंने कार्रवाई की जगह पुन: इस पर गम्भीरता डॉक्टरों से कार्य करने के लिए दबाव बनाने की बात कही। लेकिन मंगलवार ४ जून को शासन के आदेश में जारी अस्पताल प्रशासन के सर्कुलर को मानने कोई डॉक्टर उपस्थित नहीं हुआ। जिसमें मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बॉक्स: सभी को हैं जानकारी
पत्रिका टीम द्वारा अस्पताल के स्टाफ नर्स और पदाधिकारियों से चर्चा की गई तो सभी ने कहा यह आदेश तो शासन द्वारा १ जून से ही लागू कर दिया गया है। इसकी जानकारी सभी को हैं। अस्पताल में भी इसे लागू कराने को लेकर चर्चा की जा रही थी और कल (सोमवार)से ही सिविल सर्जन द्वारा जारी कर दिए गए हैं। इसकी जानकारी सभी को है। लेकिन डॉक्टरों ने क्यों नहीं पालन किया हम कुछ नहीं कह सकते। स्टाफों का कहना था कि पूर्व में ड्यूटी को लेकर जो शिफ्ट सिस्टम बनाए गए हैं, उसके आधार पर सभी स्टाफ ड्यूटी पर मौजूद हो रहे हैं।
बॉक्स: दवा काउंटर भी हो गए बंद
डॉक्टरों के अभाव में अस्पताल का दीनदयाल उपाध्याय नि:शुल्क दवा केन्द्र भी दोपहर बाद बंद हो गया। मरीजों का कहना था कि दवा काउंटर बंद होने से अधिक परेशानी होती है। इमरजेंसी में डॉक्टरों द्वारा किए गए जाने वाले उपचार में उनके द्वारा लिखी गई दवाईयां बाहर से खरीदना पड़ता है। इसमें गरीब परिवार तो महंगी दवाईयां खरीद ही नहीं पाते। इसमें कुछ मरीज तो अगले दिन पुन: दवाई लेने अस्पताल पहुंचते हैं या फिर बिना दवाई ही जांच कराकर चुपचाप घर बैठ जाते हैं। अगर दवाईयां शाम तक मिलेगी तो मरीजों को बाहर नहीं भटकना पड़ेगा।
वर्सन:
हमने नए आदेश के सम्बंध में कल ही सर्कुलर जारी कर सूचना दे दिया था। दोपहर में डॉक्टर ओपीडी में जरूर बैठे थे, लेकिन बिना किसी सूचना अस्पताल कैसे छोड़ गए। मैं पुन: सभी डॉक्टरों को गम्भीरता के साथ आदेश पालनार्थ सूचना देता हूं, जरूरत पड़ी तो कार्रवाई भी की जाएगी।
डॉ. एसआर परस्ते, सिविल सर्जन जिला अस्पताल अनूपपुर।
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