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संदिग्धावस्था में घायल वृद्ध ने उपचार के दौरान तोड़ा दम, परिजनों ने सडक़ पर शव रख किया ***** जाम, पुलिस पर लगाए अनदेखी का आरोप

locationअनूपपुरPublished: Sep 04, 2018 09:06:56 pm

Submitted by:

shivmangal singh

संदिग्धावस्था में घायल वृद्ध ने उपचार के दौरान तोड़ा दम, परिजनों ने सडक़ पर शव रख किया ***** जाम, पुलिस पर लगाए अनदेखी का आरोप

During the treatment, the injured elderly broke during the treatment,

संदिग्धावस्था में घायल वृद्ध ने उपचार के दौरान तोड़ा दम, परिजनों ने सडक़ पर शव रख किया ***** जाम, पुलिस पर लगाए अनदेखी का आरोप

गले और चेहरे में चोट देख जताई हत्या की आशंका, घंटाभर बंद रहा अमरकंटक-राजेन्द्रग्राम मार्ग
अनूपपुर। राजेन्द्रग्राम थाना के बेलगंवा गांव निवासी ५५ वर्षीय वृद्ध़ मुन्नालाल पिता दसई चौधरी के संदिग्ध घायलावस्था में मसनाटोला गांव के सडक़ किनारे पाए जाने तथा जबलपुर में उपचार के दौरान २ सितम्बर को हुई मौत के बाद सोमवार ३ सितम्बर की दोपहर परिजनों व ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ नाराजगी जताते हुए शव को राजेन्द्रग्राम-अमरकंटक मुख्य मार्ग के घुसरवार बस स्टैंड के पास रखकर ***** जाम कर दिया। जिसके कारण राजेन्द्रग्राम-अमरकंटक मुख्य मार्ग पर घंटाभर के लिए वाहनों की आवाजाही थम गई। सडक़ जाम तथा वाहनों की लगती कतार की सूचना पर राजेन्द्रग्राम पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को मनाने का प्रयास किया। लेकिन इस दौरान परिजनों व ग्रामीणों के गुस्से के सामने पुलिस की एक नहीं चली। परिजनों व ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस ने २५ अगस्त को संदिग्ध परिस्थितियों में घायल पड़े मुन्नालाल चौधरी को महज सडक़ हादसा का मामला बता इससे दूरी बनाई, जबकि यह हत्या का मामला है। वहीं घायल की मौत की सूचना के बाद भी परिजनों से मिलने पुलिस घर नहीं पहुंची। परिजनों का कहना है कि मृतक मुन्नालाल चौधरी अपने निजी काम से २५ अगस्त को राजेन्द्रग्राम गया हुआ था, जो शाम 7 बजे वाहन से घर आ रहा था। मसनाटोला के पास सडक़ के किनारे उसे घायलावस्था में पाया गया। जिसे ग्रामीणों ने देख 100 डायल पुलिस को सूचना दी। पुलिस उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुष्पराजगढ़ में इलाज के लिए लाई। लेकिन गंभीर हालत देखकर जिला अस्पताल अनूपपुर रेफर कर दिया गया। वहीं जिला अस्पताल में हालात बिगड़ता देखकर डॉक्टरों ने जिला अस्पताल अनूपपुर स मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर कर दिया गया, जहां पांच दिन के इलाज के दौरान २ सितम्बर को मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि २५ अगस्त को मुन्नालाल चौधरी जिस टेक्सी से अपने घर आ रहा था वह टेक्सी उसी गांव के व्यक्ति की है जिससे मुन्नालाल व परिजनों का पहले से घरेलू विवाद चल रहा है। बताया जाता है कि टेक्सी चालक व मालिक ने जबरजस्ती मुन्नालाल को अपनी टेक्सी में बैठाया था। लेकिन पुलिस इसे हत्या की जगह सडक़ हादसा बता रही है। जबकि पुलिस द्वारा कहा गया था जब तक हम नहीं आते तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाए। लेकिन बार बार सूचना देने के बाद भी जब पुलिस नहीं पहुंची तब गुस्से में ग्रामीणों ने सडक़ पर शव रख ***** जाम कर और शासन व प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
ग्रामीणों का कहना है कि मुन्नालाल चौधरी को मसना टोला के पास मार के फेंक दिया गया था, लेकिन किसी तरह उसकी सांसे चल रही थी। अभी तक पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई शुरू नहीं की। मौत की सूचना पर पुलिस ने कहा हमारे आने से पहले दाह संस्कार नहीं करना, एक दिन इंतजार करने के बावजूद नहीं पहुंची। पुलिस ने कहा हम नहीं आ सकते। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस के पास समय नहीं था तो अब क्यों आई?। हालंाकि बाद में पुलिस की कार्रवाई के आश्वासन पर परिजन माने और शव को दोपहर अंत्येष्ठि के लिए गांव वापस ले जाने को तैयार हुए।
बॉक्स: घंटाभर यातायात रही प्रभावित
एक ओर परिजनों ने पुलिस के खिलाफ रोष जताते हुए ***** जाम किया, वहीं चालू राजेन्द्रग्राम-अमरकंटक मार्ग पर घंटाभर के लिए यातायात प्रभावित हो गई। दोनों छोरों पर आधा सैकड़ा वाहनों की लम्बी कतार लग गई। वहीं श्रीकृष्णाष्टमी होने के कारण अमरकंटक जाने वाले श्रद्धालुओं सहित हजारों ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
वर्सन:
परिजनों व ग्रामीणों को पीएम के लिए कुछ संदेह था, जिसमें वे चाह रहे थे कि दोबारा पीएम कराई जाए। जिसपर पुलिस के समझाने पर परिजन मान गए हैं। पुलिस पूर्व में मामला दर्जकर चुकी थी मामले की जांच जारी है।
तिलक सिंह, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर।

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