अनूपपुर। बंगाल से झारखंड और छत्तीसगढ़ के रास्ते अनूपपुर के कोतमा वनपरिक्षेत्र पहुंचे ३९ हाथियों का झुंड तीन नए नौनिहालों के साथ ५४ दिनों बाद भले ही छत्तीसगढ़ की ओर वापसी कर गया है, लेकिन उनके कदमों के पीछे दर्जनों गांव में आपदा के निशान छूट गए हैं। इन गांवों के लगभग ७०० किसानों की हजारो हेक्टेयर में लगी धान सहित अन्य फसलों को हाथियों ने आहार बनाते हुए कदमों से कुचल भी दिया है। यहीं नहीं लगभग दो दर्जन ग्रामीणों के आवास को भी क्षति पहुंचाई है। हाथियों के आंतक से ग्रामीण इतने त्रस्त हो गए थे कि उन्हें अपनी जीवन सुरक्षा के लिए प्रशासन के निर्देशों में लगभग दो माह तक पंचायत भवनों, स्कूल भवनों में अपनी रात व्यतीत करनी पड़ी। हालांकि इस दौरान शासन और प्रशासन ने ग्रामीणों की परेशानियों पर गंभीरता से तत्काल राजस्व और वनविभाग द्वारा प्रभावित ग्रामीणों का सर्वेक्षण कार्य कराते हुए मुआवजा वितरण के निर्देश दिए, जिसमें लगभग दो माह के दौरान राजस्व विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में लगभग ३९३ किसानों के बीच २८ लाख की राशि का मुआवजा क्षतिपूर्ति स्वीकृत कराया है। लेकिन इन प्रभावित किसानों के साथ अब भी राजस्व विभाग की सर्वेक्षण सूची में लगभग ३०० और किसान प्रभावित शेष है, जिनके लिए मुआवजा राशि स्वीकृत कराए जाने की प्रक्रियाओं को अमली जामा पहनाया जा रहा है। कोतमा नायब तहसीलदार मनीष शुक्ला ने बताया कि हाथियों के आगमन के उपरांत राजस्व विभाग अमला और वनविभाग द्वारा प्रभावित गांवों का सर्वे कराते हुए मुआवजा प्रकरण को तैयार किया गया है। जिसमें हाथियों के नुकसान में अब तक 393 कृषकों एवं 18 मकान क्षति से प्रभावित किसानों को 28 लाख 51 हजार 789 रुपए का मुआवजा भुगतान राशि स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा लगभग ३०० और प्रभावित किसान है, जिनका मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा रहा है। सम्भावना है कि सप्ताह भर के भीतर उनके मुआवजा को स्वीकृत कराते हुए खातों के माध्यम से उन्हें उपलब्ध भी करा दिया जाएगा। बॉक्स: पांच गांव सबसे अधिक प्रभावितनायब तहसीलदार मनीष शुक्ला ने बताया कि हाथियों के द्वारा पूर्व में प्रभावित किए गए गांवों के बाद हाल के दिनों में पांच गांव में सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। इनमें टांकी, पड्रीपानी, मलगा, फुलकोना, सेमरा गांव शामिल हैं, जहां लगभग ३०० और किसान प्रभावित हुए हैं। नायब तहसीलदार के अनुसार शासन की गाइडलाइन के अनुसार न्यूनतम ५ हजार मुआवजा दिया जाना है। इसमें प्रावधानों के अनुसार १६०००/ प्रति हेक्टेयर मुआवजा राशि है। इन मुआवजा में किसान की प्रभावित फसल, रकबा को भी देखा जाता है। बॉक्स: अब तक 28 लाख से अधिक की मुआवजा राशि हो चुकी है स्वीकृत राजस्व विभाग के अनुसार अब तक 393 कृषकों एवं 18 मकान क्षति से प्रभावित किसानों को 28 लाख 51 हजार 789 रुपए का मुआवजा भुगतान राशि स्वीकृत किया गया है। इनमें ग्राम भलमुड़ी के 7 कृषकों को 35 हजार रुपए, ग्राम फुलकोना के 61 किसानों को 3 लाख 5 हजार रुपए, ग्राम डूमरकछार के 21 कृषकों को 1 लाख 29 हजार 929 रुपए, ग्राम टांकी के 147 किसानों को 9 लाख 44 हजार 723 रुपए, ग्राम मलगा के 157 किसानों को 9 लाख 68 हजार 137 रुपए व मकान क्षति के 18 प्रकरणों में 4 लाख 69 हजार रुपए का मुआवजा स्वीकृत किया गया है। जबकि ग्राम भाठीसरई में 168 कृषकों, पडऱीपानी में 118, सेमरा में 5, फुलकोना में 137 कृषकों का सर्वे कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिसके प्रकरण तैयार करने की कार्रवाई की जा रही है। फुलकोना में 5, मलगा में 1 तथा डूमरकछार में 7 मकान क्षति के सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है।वर्सन: हाथियों द्वारा फसलों और घरों के नुकसान पहुंचाने की सूचना के बाद सर्वेक्षण कार्य आरम्भ कर दिए गए थे, इनमें खुद मंत्री सहित सीसीएफ ने भी क्षेत्र का भ्रमण कर अधिकारियों को निर्देशित किया था। पूर्व में ३९३ का मुआवजा स्वीकृत हुआ है, शेष को सप्ताहभर के भीतर स्वीकृत कर वितरित करा दिया जाएगा।सोनिया मीणा, कलेक्टर अनूपपुर।[typography_font:18pt;” >———————————————————