गांव के खेतों में पहुंचा हाथियों का दल, तीन ग्रामीणों को कुचलकर मार डाला
अनूपपुरPublished: Apr 02, 2020 08:56:22 pm
डिंडौरी से नर्मदा पार कर आया हाथियों का दल घटना के बाद लौटा वापस
गांव के खेतों में पहुंचा हाथियों का दल, तीन ग्रामीणों को कुचलकर मार डाला
अनूपपुर। राजेन्द्रग्राम वनपरिक्षेत्र के पुरगा ग्राम पंचायत के तीन गांव लंघवाटोला,मझौली और नौसा में २ अप्रैल को डिंडौरी जिले की सीमा से नर्मदा नदी पार कर पहुंचे दर्जनभर हाथियों के दल ने खेत में काम कर रहे तीन ग्रामीणों को कुचल कर मार डाला। मृतकों में ५० वर्षीय पुरूष प्रेम सिंह पिता छोटू सिंह निवासी लंघवाटोला, ३० वर्षीय जानकी बाई पति पंचम सिंह निवासी मझौली और ४० वर्षीय कुंतीबाई पति राम सिंह निवासी ग्राम नौसा मझौली शामिल हैं। इनमें प्रेम सिंह और जानकी बाई की मौत मौके स्थल पर हो गई थी, जबकि गम्भीर रूप से घायल कुंतीबाई ने उपचार के लिए राजेन्द्रग्राम स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचने के दौरान दम तोड़ दिया। घटना की सूचना पर वनमंडलाधिकारी एसएस भगतिया, एसडीओ वन ओजी गोस्वामी, राजेन्द्रग्राम वनपरिक्षेत्र रेंजर, अमरकंटक वनपरिक्षेत्र रेंजर सहित राजेन्द्रग्राम तहसीलदार, थाना प्रभारी राजेन्द्रग्राम सहित अन्य राजस्व अधिकारी मौके पर पहुंचे, जहां शवों का पंचनामा तैयार कर चिकित्सीय टीम के द्वारा पीएम कराकर परिजनों को सौंप दिया। वनमंडलाधिकारी एमएस भगदिया ने बताया कि घटना सुबह ५.४५ बजे के आसपास की है। एक बच्चा सहित १२ हाथियों का दल सुबह डिंडौरी सीमा का लांघते हुए नर्मदा पार कर अनूपपुर जिला की सीमा क्षेत्र में प्रवेश किया था, जहां खेत में रखवाली कर रहे प्रेम सिंह व उनका पोता आत्माराम सिंह ने हाथियों के झुंड को देखा। इस दौरान प्रेम सिंह हाथियों के झुंड को देखकर उसे भगाने के उद्देश्य से हाथ दिखाते हुए आवाज लगाई। लेकिन इसी दौरान हाथियों ने प्रेम सिंह की ओर दौड़ लगा दिए। जहां दादा और पोता भाग खड़े हुए। लेकिन इसी दौरान दादा प्रेम सिंह खेत में जा गिरा और हाथियों ने प्रेम सिंह को सूंड और पैर से बुरी तरह कुचल कर मार डाला। इसके बाद हाथियों का दल २ किलोमीटर की दूरी में सुबह ६.३० बजे के आसपास मझौली गांव पहुंचा, जहां खेत में फसल काट रही जानकी बाई को कुचलकर मार डाला। इसके बाद लगभग २ किलोमीटर दूरी की अंतराल में नौसा गांव पहुंचकर खेत में काम कर रही कुंतीबाई को कुचल डाला। इसके बाद हाथियों का दल पुन: डिंडौरी की ओर वापस लौट गया। घटना की सूचना गांव में फैलते ही सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण खेत की ओर दौड़े। जहां कुंतीबाई की सांसे चलता देखकर ग्रामीणों ने तत्काल राजेन्द्रग्राम स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे। लेकिन यहां पहुुचते ही कुंतीबाई की सांसे उखड़ गई। अस्पताल की सूचना पर पुलिस ने कुंतीबाई के शव का पंचनामा तैयार कर पीएम उपरांत परिजनों को सौंप दिया। वनमंडलाधिकारी ने बताया कि हाथियों का दल सामान्यत: सुबह ४ बजे के आसपास किसी गतंव्य की ओर रवाना होता, जहां ८ बजे तक वह गर्मी के कारण जंगल का सहारा लेकर विश्राम करता है। सम्भावना है कि नर्मदा नदी पार करने के उपरांत रास्ते में प्रेम सिंह सहित दोनों महिलाओं का सामना हाथियों के झुंड से हुआ होगा और इस प्रकार की घटना सामने आ गई। हाथियों से बचाव के लिए वनमंडलाधिकारी ने आसपास के पांच-छह ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए सभी ग्राम पंचायत के सचिव और सरपंच से गांव में मुनादी कराते हुए ग्रामीणों को आगामी ३-४ दिनों तक शाम ४ बजे से सुबह ८ बजे तक खेतों की ओर नहंी जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही खुद के साथ वन अमला को आज की रात मझौली गांव में रहकर निगरानी बनाए रखने की बात कही है। डीएफओ ने बताया कि हाथियों के झुंड ४-५ दिन पूर्व ही छत्तीसगढ़ के अचानक मार्ग से होते हुए करंजिया जिला डिंडौरी पहुंचा था। यहां कुछ समय बीताने के बाद हाथियों का दल बजाग क्षेत्र की ओर गया था। इसके बाद २ अप्रैल की अहले सुबह नर्मदा नदी को पार कर अनूपपुर जिले की सीमा में दाखिल हुआ था।
वर्सन:
हाथियों के दल ने सुबह ही नदी पार कर अनूपपुर की सीमा में दाखिल हुआ था, जहां तीन गांवों में खेत में काम कर रहे ग्रामीणों को कुचल कर मार डाला। परिजनों को ४-४ लाख का मुआवजा प्रदान किया जाएगा। साथ ही सचिव और सरपंच से मुनादी कर खेतों में शाम और सुबह नहीं जाने की अपील कराई गई है।
एमएस भगदिया, वनमंडलाधिकारी अनूपपुर।
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