अतिक्रमण के घेरे में उलझा राजेन्द्रग्राम स्वास्थ्य केन्द्र, 14 साल बाद भी नहीं हटे अतिक्रमण
अनूपपुरPublished: Apr 09, 2019 12:07:46 pm
हजार फीट जमीन पर अतिक्रमणों का कब्जा, मरीजों व परिजनों के लिए रेनबसेरा के लिए नहीं मिल रही जमीन
अतिक्रमण के घेरे में उलझा राजेन्द्रग्राम स्वास्थ्य केन्द्र, 14 साल बाद भी नहीं हटे अतिक्रमण
अनूपपुर। 30 बिस्तरों वाली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्रग्राम अतिक्रमणों में उलझा हुआ है। मरीजों व परिजनों की सुविधाओं के लिए नवनिर्माण योजनाओं को अब जमीनों के रकबे नहीं मिल रहे हैं। जबकि स्वास्थ्य केन्द्र की लगभग १००० फीट आसपास के अतिक्रमण में गुम है। स्वास्थ्य केन्द्र के लिए खड़ी की गई नई बिल्डिंग के सामने ५-६ दुकानों का अतिक्रमण १४ साल बाद भी नहीं हटाया जा सका है। जिसके कारण स्वास्थ्य केन्द्र में आने वाले मरीजों की सुविधाओं के साथ परिजनों के ठहरने, स्टाफों के लिए आवासीय परिसरों का निर्माण, वाहनों की पार्किंग सुविधा सहित स्वच्छ वातावरण के लिए गार्डन जैसी योजनाओं का शुभारम्भ तक नहीं हो सका है। परिणामस्वरूप पार्किंग के अभाव में स्वास्थ्य केन्द्र आने वाली एम्बुलेंस वाहन सहित अन्य निजी वाहनों की धमाचौकड़ी में मरीजों व परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि आवासीय परिसरों के निर्माण नहीं होने के कारण स्वास्थ्य केन्द्र के स्टाफों को निजी आवासों में गुजर-बसर करने की मजबूरी बनी हुई है। बताया जाता है कि इसके लिए पूर्व में एसडीएम पुष्पराजगढ़ सहित जिला कलेक्टर को भी अतिक्रमित जमीन को खाली कराने पत्राचार की गई थी, लेकिन अबतक किसी भी अधिकारी ने अतिक्रमण हटाने की सुधी नहीं ली। वहीं अतिक्रमण में शामिल परिवारों ने शासन द्वारा हेलीपैड के पास उपलब्ध कराए गए जमीन का मामला न्यायालय में विचाराधीन होने की बात कह अपनी दुकान और आवासीय परिसर हटाने से इंकार कर दिया है। बताया जाता है कि वर्ष १९५५-५६ के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्रग्राम के लिए संचालित हुई पुरानी इमारत को वर्ष २००४-०५ के दौरान धराशायी कर अधिक सुविधायुक्त स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कराया गया था। शासन द्वारा अधिग्रहित रही भूमि में ५-६ दुकानों को परिसर से हटाकर किरगी ग्राम पंचायत के कोहका गांव के पास जमीन उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन बाद में प्रभावित भू-स्वामियों ने जमीन को लेकर स्वास्थ्य केन्द्र प्रबंधक को बताया कि जमीन विवादित है तथा मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए हम फिलहाल जमीन खाली नहीं कर सकते हैं। इस मामले में पुन: पूर्व बीएमओ सहित वर्तमान बीएमओ सुरेन्द्र सिंह ने एसडीएम पुष्पराजगढ़ को पत्राचार किया। हालांकि मामले में बीएमओ पुष्पराजगढ़ ने सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर आगे की कार्रवाई ठहर सी गई।
बॉक्स: खुले मैदानों में रात काटने की मजबूरी
राजेन्द्रग्राम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बिल्डिंग के अलावा खाली मैदान या पार्किंग सुविधा की कमी में रोजाना आने वाले २५०-३०० ओपीडी मरीजों के लिए यह परिसर छोटा पडऩे लगा है। जबकि प्रस्तावित योजनाओं में रेन-बसेरा सहित स्टाफ आवास परिसरों के निर्माण नहीं होने के कारण मरीजों के परिजनों के लिए ठहरने या बैठने की कोई सुविधा नहीं है। बारहों मास खुले आसमान का सहारा लेना पड़ता है। राजेन्द्रग्राम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में रोजाना ४५-५० गांवों के लगभग २५०-३०० मरीज स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पहुंचते हैं। लेकिन अतिक्रमणकारियों के हिस्से में १००० फीट जमीन फंसे होने के कारण विकासी योजनाओं को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है।
वर्सन:
एसडीएम एसडीएम सहित प्रशासनिक अधिकारियों को पत्राचार कर जानकारी दी जा चुकी है। अपने स्तर से अतिक्रमण में शामिल दुकानदारों व परिवारों को नोटिस भी जारी किया है। लेकिन दुकानदारों का कहना है कि जो जमीन शासन द्वारा दिए गए हैं उसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
सुरेन्द्र सिंह, बीएमओ पुष्पराजगढ़।