अनूपपुर। जिले में मानसून की अच्छी बारिश से इस वर्ष खरीफ की फसलों से किसानों के चेहरे पर खुशियां बिखेर दी हैं। पिछले तीन सालों में इस वर्ष धान की खेती में बेहतर उत्पादन होने की सम्भावनाएं जताई जा रही है। जिसे लेकर प्रशासन के साथ कृषि विभाग भी अधिक लक्ष्य की तैयारियों में जुटा है। हालंाकि वर्तमान में किसानों का पंजीयन कार्य जारी है, जिसमें पंजीयन कार्य के बाद जिले में धान उपार्जन का लक्ष्य विभाग द्वारा तय किया जाएगा। वहीं प्रशासन द्वारा इस वर्ष खरीफ -विपणन 2021-22 की उपार्जन नीति अनुसार महिला स्वसहायता समूहों व कृषि उत्पादक कम्पनी संगठन को भी उपार्जन का कार्य दिए जाने शासन द्वारा निर्देशित किया गया है। जिसमें महिला स्वसहायता समूहों व कृषि उत्पादक कम्पनी संगठनों को उपार्जन कार्य के लिए तैयार करने व चयन की कार्रवाई की जा रही है। विभाग का कहना है कि जिन क्षेत्रों में समितियां उपार्जन के लिए अपात्र हो गईं हैं ऐसे क्षेत्रों में उपार्जन के लिए महिला स्वसहायता समूहों का चयन किया जाएगा।फिलहाल जिले में कृषि विभाग इस वर्ष १.७८ लाख हेक्टेयर खरीफ की बुवाई का लक्ष्य रखा था। जिसमें धान के लिए १२२.०० हजार हेक्टेयर, ज्वार २०० हेक्टेयर, मक्का १४.५० हजार हेक्टेयर, बाजरा २० हेक्टेयर, कोदो कुटकी ७ हजार हेक्टेयर सहित कुल अनाज १४३.७२ हेक्टेयर में जबकि दलहन फसलो में अरहर ११ हजार हेक्टेयर, मूंग ०.९० हजार हेक्टेयर, उड़द ५.६० हजार हेक्टेयर, कुल्थी व अन्य ०.५० हेक्टेयर तथा तिलहन की फसलों में मूंगफली १.२० हजार हेक्टेयर, तिल २.५० हजार हेक्टेयर, सोयाबीन ५.१० हजार हेक्टेयर, रामतिल ७.५० हजार हेक्टेयर कुल १६.३० हजार हेक्टेयर सहित कुल १७८.०२ हेक्टेयर भूमि है।बॉक्स: तीन वर्ष से सर्वाधिक उपज की सम्भावनाकृषि उपंसचालक एनडी गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2021-22 में 9 से 10 हजार मैट्रिक टन धान उपार्जन की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिसमें अब तक 13045 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है। जबकि जिले में वर्ष 2019-20 में 10636 किसानों का पंजीयन किया गया था। जिनमें 8793 किसानों से 45 हजार 617 मैट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया। वर्ष 2020-21 में 16069 किसानों का पंजीयन कराया गया था, जिसमें 13500 किसानों से 71036 मैट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया था। यह अब तक अनूपपुर जिले से सर्वाधिक धान उपज का आंकड़ा होगा। खरीफ विपणन के लिए जिले में 24 किसान पंजीयन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। जिनमें से 1 पंजीयन केन्द्र तहसील जैतहरी के ग्राम सिवनी में महिला स्वसहायता समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है।बॉक्स: पंजीयन के बाद होगा लक्ष्य का निर्धारणकृषि उपसंचालक का कहना है कि इस वर्ष मानसून की बारिश के दौरान आंधी या तूफान जैसी आपदा नहीं आई। बारिश भी फसल के अनुरूप तेज और मध्यम रूप में बरसी, जिसके कारण जिलेभर में धान के लिए १२२.०० हजार हेक्टेयर रकबे पर बुवाई हुई धान से बेहतर उत्पादन के आसार बने हुए हैं। कलेक्टर द्वारा पंजीकृत किसानों के पंजीयन, रकबे व फसल के सत्यापन का कार्य एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार को सौंपी गई है, जिनमें पंजीयन के साथ-साथ 22 अक्टूबर तक पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए है। किसानों का पंजीयन व सत्यापन कार्य पूर्ण होने पर धान उपार्जन का अनुमानित लक्ष्य भी निर्धारित किया जाएगा। वर्सन: इस वर्ष बेहतर उपार्जन की सम्भावनाएं हैं। पिछले वर्ष की तुलना में दो-तीन हजार एमटी धान का अधिक उपार्जन माना जा रहा है। पंजीयन कार्य जारी है, जल्द ही जिले में उपर्जान के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा।एनडी गुप्ता, उपसंचालक कृषि विभाग अनूपपुर।[typography_font:18pt;” >——————————————