कमिश्नर के मनाही के बाद भी उद्यान को उजाड़ कर बना रहे वन स्टॉप सेंटर की बिल्डिंग
अनूपपुरPublished: Oct 16, 2019 08:31:31 pm
पांच साल से जिला अस्पताल में रैनबसेरा के इंतजार में मरीजों के परिजन
कमिश्नर के मनाही के बाद भी उद्यान को उजाड़ कर बना रहे वन स्टॉप सेंटर की बिल्डिंग
अनूपपुर। जिला अस्पताल में परेशानियों के बीच मरीजों का उपचार करा रहे परिजनों को बारहों मास की गर्मी, ठंडी और बारिश से बचाने भले अस्पताल और जिला प्रशासन को रैनबसेरा के लिए अबतक जमीन नहीं मिल सकी। लेकिन कमिश्नर के मनाही के बाद भी जिला प्रशासन ने वन स्टॉप सेंटर की द्वितीय भवन के निर्माण के लिए उसी अस्पताल परिसर के उद्यान में जमीन उपलब्ध करा दी। यहां प्रशासन ने पिछले पांच सालों से लाखों की लागत से संजाए उद्यान को भी नष्ट कर दिया और मैदान के बीच भवन निर्माण की नींव खोद दी। जिसमें महिला बाल विकास विभाग द्वारा ४० लाख की लागत से महिला अपराध पीडि़त महिलाओं के पुर्नवास वनस्टॉप भवन का निर्माण कराया जाएगा। यह केन्द्र प्रवर्तित वन स्टॉप सेंटर उषा किरण योजना(राज्य मद) अंतर्गत किसी प्रकार की हिंसा से पीडि़त, महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस डेस्क, विधि साक्षरता, चिकित्सा एवं काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराएगी। विभागीय जानकारी के अनुसार वर्तमान ७७ महिलाएं पुर्नवास के लिए चयनित है। जिन्हें अलग अलग स्थानों पर विभाग द्वारा सुविधा मुहैया कराई जा रही है। लेकिन इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा अस्पताल या पुलिस चौकी समीपस्थ स्थल के पास भवन निर्माण कर यह समुचित सुविधा उपलब्ध कराया जा सकता था। बावजूद वर्षो से जमीन की समस्या से खुद की नवीन बिल्डिंग और सुविधाओं से जूझ रहे जिला अस्पताल परिसर में ही जिला प्रशासन ने सम्बंधित वन स्टॉप सेंटर भवन के निर्माण की अनुमति प्रदान कर दी। जबकि वन स्टॉप सेंटर भवन निर्माण की पूर्व प्रस्तावित योजना पर कमिश्नर शहडोल ने जिला अस्पताल भवन में जमीन की कमी सहित अन्य कारणों के पीडि़त महिला व बालिकाओं के उपर पडऩे वाले प्रभाव को देखते हुए निर्माण से मनाही कर दी थी। कमिश्नर का मानना था कि यहां भवन निर्माण से जिला अस्पताल की वर्तमान बिल्डिंग के साथ भविष्य में बनने वाली नवीन बिल्डिंग प्रभावित होगी। इसके अलावा यहां रोजाना पीएम के लिए आने वाले शवों, परिजनों की चीख पुकार और बीमार मरीजों से पीडि़त महिलाओं व बालिकाओं को मानसिक रूप से प्रभावित करेंगा। जिसे देखते हुए कमिश्नर ने वन स्टॉप सेंटर निर्माण से मनाही कर दी थी। लेकिन कमिश्नर की मनाही के बावजूद अनूपपुर एसडीएम ने जिला अस्पताल में ही भवन निर्माण के लिए जमीन बताकर निर्माण की अनुमति प्रदान कर दी।
बॉक्स: अस्पताल परिसर में नहीं परिजनों के ठहरने की सुविधा
जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य केन्द्र जिला अस्पताल में रोजाना ३५०-४०० मरीजों की आवाजाही होती है। इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य केन्द्र से रेफर के रूप में मरीजों और परिजनों की आवाजाही लगी रहती है। लेकिन मरीज के परिजनों के ठहरने के लिए अस्पताल परिसर में कोई रैनबसेरा की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण इन्हें मरीजों के साथ बिस्तर या अस्पताल के बरामदे पर असुरक्षा के माहौल में समय व्यतीत करनी पड़ती है। इसके लिए पूर्व में जिला प्रशासन ने पूर्व के बेकार पड़े भवन को बेहतर बनाकर अस्थायी सुविधा के रूप में रैनबसेरा के रूप में उपलब्ध कराते हुए नए भवन निर्माण के लिए प्रक्कलन तैयार करने के निर्देश दिए थे। लेकिन समय बीत गया रैनबसेरा के लिए अस्पताल प्रशासन को जमीन नहीं मिल सकी।
बॉक्स: प्रस्तावित तहसील कार्यालय का शौचालय अस्पताल परिसर में हुआ निर्माण
नगरपालिका द्वारा शुलभ कॉम्पलेक्स निर्माण की तैयारी में जब तहसील कार्यालय में प्रस्ताव तैयार किए गए तो एसडीएम ने अपने यहां जमीन की अनुपलब्धता बताते हुए इसे अस्पताल परिसर में बनाने के निर्देश दिए। जबकि अस्पताल परिसर में पूर्व से ही शौचालय कॉम्पलेक्स की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन आश्चर्य तहसील परिसर में जमीन खाली रहने तथा शौचालय सुविधा के अभाव के बाद भी एसडीएम ने शौचालय निर्माण की अनुमति परिसर में नहीं दी।
वर्सन:
मुझे इस सम्बंध में जानकारी नहीं है। पीडि़त महिलाओं को प्रावधानों के अनुसार सुविधा व एक स्थान के नीचे आश्रय प्रदान कराने वन स्टॉप सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है।
मंजूषा शर्मा, महिला सशक्तिकरण अधिकारी अनूपपुर।