अनूपपुर। कोतमा नगर पालिका अंतर्गत वार्ड क्रमांक 4 मवेशी बाजार के पास स्थित तालाब की मेड पर नगर पालिका की आपत्ति के बाद भी पक्के निर्माण कार्य लगातार जारी है। इस मामले में नगर पालिका के द्वारा भवन निर्माण करा रहे 6 व्यक्तियों को नोटिस जारी करते हुए तालाब एवं शासकीय भूमि का सीमांकन कार्य होने तक निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई थी। जिसे निर्माण कार्य करा रहे व्यक्तियों द्वारा अनदेखा करते हुए लगातार भवन निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इनके देखा-देखी अन्य अतिक्रमणकारियों द्वारा भी नगरपालिका के आदेश की अनदेखी करते हुए अतिक्रमण का दायरा बढ़ाया ही जा रहा है। बताया जाता है कि नगर पालिका कोतमा अंतर्गत वार्ड क्रमांक 4 में स्थित तालाब की मेड पर वर्तमान में 6 भवनों का निर्माण किया जा रहा है। जिनके भू स्वामियों के द्वारा वर्ष 2018 में भवन निर्माण की अनुमति नगर पालिका से प्राप्त की गई थी। जिस पर भवन निर्माण का कार्य के 3 वर्ष बाद 2 महीने पूर्व प्रारंभ किया गया। जिसके बाद तालाब की मेड पर किए जा रहे निर्माण पर स्थानीय लोगों के द्वारा की गई आपत्ति तथा शासकीय भूमि की आशंका जताए जाने के बाद नगर पालिका के द्वारा 22 सितंबर 2021 को भवन निर्माण करा रहे 6 व्यक्तियों को नोटिस जारी करते हुए तत्काल निर्माण कार्य रोके जाने के निर्देश दिए गए थे। जिसकी अनदेखी करते हुए निर्माण कर्ताओ के द्वारा लगातार भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है।बॉक्स: जल स्रोत के नजदीक निर्माण पर नपा ने जताई थी आपत्तिनिर्माण कार्य करा रहे व्यक्तियों को नोटिस जारी करते हुए नपा द्वारा उल्लेखित किया गया था कि भूमि विकास अधिनियम 2012 के प्रावधान के अनुसार जल स्रोत के 30 मीटर की दूरी में होने के कारण पूर्व में जारी किया गया भवन निर्माण की अनुमति निरस्त योग्य है। इसके साथ ही जिन खसरा नंबरों पर अनुमति मांगी गई थी उनकी जांच के संबंध में तहसीलदार को पत्र लिखते हुए शासकीय भूमि का सीमांकन होने तक भवन निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश जारी किए गए थे। इसके बाद भी भवन निर्माण कार्य करा रहे व्यक्तियों के द्वारा रसूख के दम पर तालाब की मेड पर भवन निर्माण जारी है।बॉक्स: राजस्व अमले की उदासीनताइस मामले में नगर पालिका के द्वारा राजस्व अमले को पत्राचार करते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगाए जाने की मांग किए जाने के साथ ही तालाब परिसर में स्थित शासकीय भूमि का सीमांकन कराए जाने की मांग की गई है। जिसके 2 माह बीत जाने के बाद भी अब तक राजस्व अमले के द्वारा न तो शासकीय भूमि को संरक्षित करने के लिए शासकीय भूमियों का सीमांकन कराया गया और ना ही निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई है।[typography_font:18pt;” >———————————————————