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भू-अर्जन और मुआवजे से नाराज किसानों ने घेर लिया एसडीएम का कार्यालय

locationअनूपपुरPublished: Nov 07, 2017 04:55:43 pm

Submitted by:

Shahdol online

बैलगाड़ी में सवार हजारों किसानों ने निकाली रैली, तैनात रही पुलिस

Farmers angry with land acquisition and compensation, surrounded the SDMs office

Farmers angry with land acquisition and compensation, surrounded the SDMs office

कोतमा. आमाडांड ओसीपी भू-अधिग्रहण तथा हजारों किसानों को अबतक नहीं मिले मुआवजे व रोजगार के विरोध में सोमवार ६ नवम्बर को तहसील भर के हजारो किसानों ने नाराजगी जताते हुए कोतमा एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। जिसमें हजारों की तादाद में अन्नदाताओ ने बैलगाडी में सवारी करते एसडीएम कार्यालय पहुंचे।
आमाडांड से आरम्भ हुई विशाल रैली और धरना प्रदर्शन का नेतृत्व राष्ट्रीय किसान संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा (कक्का जी) एंव स्थानीय किसान नेता इंजीनियर अनूप कुमार त्रिपाठी द्वारा किया गया। अपने सम्बोधन में शिव कुमार शर्मा ने प्रदेश के मुखिया पर निशाना साधते हुए कहा शिवराज सिंह घोषणावीर मुख्यमंत्री है, जो सिर्फ जगह-जगह घोषणा करते हैं। उनके राज्य में किसान सूखे, भूखमरी एंव कर्ज से प्रताडित होकर आत्महत्या कर रहे हंै। लेकिन सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है। यदि जल्द ही किसानो को रोजगार नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन होगा, जिसका परिणाम प्रशासन को भुगतना पडेगा। हालांकि इससे पूर्व वहीं प्रशासन ने न्यायालय परिसर मे लगे टेंट को न्यायालय की गाईड लाईन एंव अनुमति ना होने का हवाला देकर हटवा दिया, जिसको लेकर भी किसानों में नाराजगी देखी गई। आनन फानन में सभा स्थल जनपद कार्यालय के सामने बनाया गया, जहां मंचासीन अतिथियों में राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मनोज सराफ, रामानंद पांडेय, अशोक त्रिपाठी, सुनील सराफ, राकेश शुक्ला, शिवचरण पुरी, मनोज सोनी, नरेश सिंह, अशोक जेठानी, अनूप त्रिपाठी सहित अन्य लोग शामिल रहे। इस मौके पर प्रदेश के राज्यपाल के नाम एसडीएम कार्यालय को ज्ञापन सौंपा गया।
जिसमें तहसील क्षेत्र के ३-३ वर्षो से सूखे की चपेट में होने के बाद भी सूखा घोषित नहीं किए जाने, आमांडाड खुली खदान एंव हसदेव क्षेत्र के कोरजा खदान के पीडित किसान को रोजगार, आमाडांड खुली खदान से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश का पालन सुनिश्चित कराने, जबलपुर उच्च न्यायालय के आदेश का भी पालन किए जाने, खदान प्रभावित बेरोजगार किसानो को 5 हजार रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिए जाने, खदान में होने वाले मनमाने विस्फोट पर रोक लगाने, खदान प्रभावित 8 किलोमीटर दूरी के ग्रामो को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने, एंव आमाडांड खुली खदान के 699.99 हेक्टयर भूमि में भू-अर्जन पुर्नवासन एंव पुर्नव्यवस्थापन अधिनियम 2013 की धारा 24/2 का अक्षरथ: पालन कराने की बात शामिल की। जबकि पूर्व में जैतहरी में हुए मोजरबेयर कांड तथा कक्काजी के कार्यक्रम को देखते हुए मंदसौर की पुर्नावृत्ति न हो सम्भाग स्तरीय पुलिस बलों को तैनात किया गया, जिसकी मॉनीटरिंग स्वयं डीआईजी आरसी अरूसिया कर रहे थे। जबकि प्रशासनिक अमले में अपर कलेक्टर डॉ. आरपी तिवारी, एसडीएम मिलिन्द्र नागदेवे, एड. एसपी वैष्णव शर्मा, एसडीओपी अनूपपुर उमेश गर्ग, राजेन्द्रग्राम, सहित आरआई कमलेश परस्ते, थाना प्रभारी कोतमा राजकुमार मिश्रा, केके त्रिपाठी, महेन्द्र सिंह चौहान, ज्ञानेन्द्र सिंह, नरेन्द्र पाल, थाना प्रभारी धनपुरी सतीश द्विवेदी, अमलाई अरुण पांडेय सहित भारी संख्या में पुलिस अमला व्रज वाहन सहित सुरक्षा साधनों जुटे रहे।

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