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भुगतान में देरी के डर से ठेकेदार नहीं कर रहे सडक़ों का डामरीकरण, नहीं आ रहे आवेदन

locationअनूपपुरPublished: Jan 15, 2020 11:46:09 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

दर्जनभर जर्जर सडक़ पर नहीं चढ़ा मरम्मत की परत, 13 में छह सडक़ के डामरीकरण के लिए नहीं आए एक भी निवेशक

For fear of delay in payment, contractorscontractors are not doing asp

भुगतान में देरी के डर से ठेकेदार नहीं कर रहे सडक़ों का डामरीकरण, नहीं आ रहे आवेदन

अनूपपुर। जिले में दर्जनभर से अधिक सडक़ों की जर्जरता पर डामरीकरण की चादर नहीं चढ़ सकी है। मरम्मती कार्य के अभाव में दर्जनों सडक़ दिनोंदिन और जर्जर होते जा रहे हैं। इससे जहां सडक़ का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है, वहीं सडक़ के गड्ढे हादसों का कारण बनती जा रही है। बावजूद पीडब्ल्यूडी विभाग के बुलाए जा रहे टेंडर के लिए कोई निवेशक कार्य के लिए आगे नहीं आ रहा है। इनमें कुछ सडक़ें ऐसी भी जिसके लिए विभाग ने चार नहीं पांच नहीं बल्कि छठवीं और आठवीं बार भी टेंडर जारी किया है। लेकिन विभाग की प्रस्तावित डामरीकरण की सूची में आधा दर्जन सडक़ के लिए एक भी आवेदक सामने नहीं आए हैं। जिसके कारण सडक़ों की मरम्मती पर अब संशय खड़ा हो गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो सडक़ो का मरम्मतीकरण कार्य कराना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही जर्जर सडक़ों के मरम्मती लागत पर खर्च भी अधिक आएगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि बजट के अभाव में ठेकेदारों का लम्बी अवधि तक भुगतान का मामला अटकने के कारण ठेकेदार निर्माण कार्य में दिलचस्पी नहीं ले पा रहे हैं। इसमें कभी विभाग बजट की कमी बताकर शासन द्वारा भुगतान नहीं प्राप्त होने की बात कह आनाकानी करता है तो कभी निर्माण में बजट से अधिक खर्च की सम्भावनाओं पर विभाग भुगतान से हाथ खड़ा कर देता है। जिसमें ठेकेदार को पैसे निकासी में परेशानियों के साथ कम मुनाफा हाथ आता है साथ पैसे के अभाव में ठेकेदार का आगामी कार्य प्रभावित होता है। वहीं विभागीय अधिकारी भी कार्य के प्रति गम्भीरता नहीं दिखाते, जिसमें सारी जिम्मेदारी ठेकेदार को ही निर्वहन करना पड़ता है। जिले में वर्ष २०१९ के दौरान लगभग १३ सडक़ें ऐसी है जिसपर डामरीकरण की परत चढ़ाना अनिवार्य है। इनमें पर डामरीकरण का कार्य कराए तीन से चार साल से अधिक समय बीत चुका है। इनमें कुछ ऐसे सडक़ है जो चलने लायक तक नहीं बचे हैं। लेकिन विभाग के जारी टेंडर में कोई निवेशक सामने आने को तैयार नहीं है। विभाग के १३ प्रस्तावित कार्य में आधा दर्जन सडक़ के लिए कुछ निवेशक आए हैं, जबकि आधा दर्जन के लिए एक भी ठेकेदार नहीं मिले हैं।
जानकारी के अनुसार विभाग के पास प्रस्तावित ९८१.२३ लाख की राशि से कोतमा केशवाही बंजारी चौक से बुरहानपुर पतेराटोला होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग ४३ तक पहुंच मार्ग, एवं ठोहका रोड से बसखला पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य, ग्राम पंचायत खेतगांव से मझौली से शिवालय घाट नर्मदा तट तक मार्ग का निर्माण, जमुना परासी धुरवासिन मार्ग प्रस्तावित कार्य ७ किलोमीटर, पोड़ी करंगरा पगना मार्ग प्रस्तावित लम्बाई ३ किलोमीटर, दुलहरा कांसा पंगना मार्ग लम्बाई ३.९० किलोमीटर, लटपा से चोरभटी प्रस्तावित कुल लम्बाई ३ किलोमीटर, धनगवां गुवारी अमगवां मार्ग प्रस्तावित लम्बाई २.८० किलोमीटर, दारसागर बंगडुमरा मार्ग कुल लम्बाई ६.२० में प्रस्तावित ४.८० किलोमीटर, अनूपपुर मेडियारास अमलाई मार्ग प्रस्तावित लम्बाई ५ किलोमीटर, जैतहरी सिवनी सेमरवार मार्ग प्रस्तावित लम्बाई ७ किलोमीटर, कपिलधारा पहुंच मार्ग लम्बाई ६.२० किलोमीटर प्रस्तावित कार्य ५.२६ किलोमीटर, कबीर चबूतरा पहुंच मार्ग प्रस्तावित कार्य २ किलोमीटर में बीटी रिन्युवल का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है।
बॉक्स: कहां कितने आए आवेदन
कोतमा केशवाही मार्ग के लिए जारी टेंडर में ५ निवेशक, खेतगांव से मझौली से शिवालय नर्मदा तट मार्ग के लिए ६ निवेशक, जमुना परासी धुरवासिन के लिए ३ निवेशक, दुलहरा कांसा मार्ग के लिए १ निवेशक, दारसागर बंगडुमरा के लिए १ निवेशक, लटपा चोरभटी के लिए २ निवेशक ने टेंडर डाला है। जबकि कबीर चबूतरा, कपिलधारा पहुंच मार्ग, जैतहरी सिवनी, अनूपपुर मेडियारास, पोंडी करंगरा, जैतहरी सिवनी सेमरवार के लिए एक भी निवेशक नहीं हैं।
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