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अक्षय तृतीया पर जमकर हुई खरीदारी, व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर बरसी लक्ष्मी

locationअनूपपुरPublished: Apr 18, 2018 08:31:15 pm

Submitted by:

shivmangal singh

अक्षय तृतीया पर जमकर हुई खरीदारी, व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर बरसी लक्ष्मी

Frozen shopping on Akshaya Tritiya, Brar Lakshmi on business establish
अक्षय तृतीया के मौक पर जमकर हुई खरीदी, माटी के गड्डो व गुडिय़ों की हुई वैवाहिक रस्में
बर्तनों से लेकर श्रृगांर दुकानों पर लगा रहा महिलाओं का तांता, आज होगी गुड्डो-गुडिय़ों की शादी
अनूपपुर। वैशाख माह के शुल्क पक्ष तृतीया को मनाए जाने वाले अक्षय तृतीया या आखा तीज के साथ परशुराम जयंती के मौके पर शहर की गली मुहल्लों से लेकर बाजार की गलियों में खुशी का माहौल बना हुआ है। स्कंद पुराण और भविष्य पुराण में उल्लेख है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को रेणुका के गर्भ से भगवान विष्णु ने परशुराम रूप में जन्म लिया। सौभाग्यवती स्त्रियां और कुवांरी कन्याएं इस दिन गौरी पूजा करके मिठाई फल और भींगे हुए चने बांटती हैं तथा गौरी-पार्वती की पूजा करके धातु या मिट्टी के कलश में जल, फल, फूल, तिल व अन्न लेकर दान करती हैं। इसी परम्परा में १८ अप्रैल को जिलेभर में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है, जहां तृतीया से पूर्व मंगलवार को ३८ डिग्री तापमान में झुलसा देने वाली गर्मी के बाद भी महिलाओं ने पर्व की तैयारियों में सुबह से खरीदी की। जबकि अक्षय तृतीया के शुभ वैवाहिक मुहूर्त होने के कारण विवाह सम्बंधी खरीदारी करने वाले सैकड़ो परिजन भी खरीदारी से अछूते नहीं रहे। इस मौके पर शहर के बाजार के अधिकांश गहनो से लेकर बर्तनों की दुकानों पर खरीददारों की भीड़ जुटी रहीं। वहीं व्यापारी व दुकानदार भी पर्व के मौके पर सुबह से ही दुकान खोलकर ग्राहकों का इंतजार करते नजर आए। माना जाता है कि जिलेभर में लगभग २०० अधिक परिवारिक विवाहिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं। जिसमें उपहार स्वरूप की गई खरीदारियों में ऑटोमोबाईल्स, कपड़े, मोबाईल्स सहित बर्तन व ज्वैलरी की खरीदारी जमकर हुई। इन समस्त व्यापार में लगभग ५० लाख से अधिक का कारोबार होने की सम्भावना जताई गई है। मुख्य बाजार क्षेत्र में अक्षय तृतीया या आखा तीजा के मौके पर विभिन्न रंगों की चूडिय़ों से श्रृगांर की दुकानें सजी थी, वहीं पीतल व कांसे बर्तन के खरीदार अपनी जरूरत के अनुसार बर्तन खरीदने में मशगूल रहें। महिलाएं आभूषण दूकानों पर सजी अभूषणों की बारीकी पढ़ती नजर आई। बर्तन व्यापारी विजय के अनुसार अक्षय तृतीया होने के कारण हमने सुबह ही दुकान खोलने की तैयारी कर ली थी। सुबह के समय के बावजूद ग्राहकों की आवाजाही बनी हुई है। वहीं चौपाटी में दुकान लगाने वाले पवन गुप्ता व दुर्गा प्रसाद का कहना है कि सुबह ११ बजे तक हमने दस से अधिक ग्राहकों को बर्तन बेच चुकें हैं। अधिकांश लोग ग्रामीण क्षेत्र से आए थे जिनके घर में बेटी की शादी है। वहीं आखा तीजा पर्व करने वाली महिलाओं का रूझान सौन्दर्य प्रसाधनों पर जमा रहा जहां महिलाएं अपने लिए चुडिय़ां, नेल पॉलिस, मेहंदी सहित अन्य जरूरत की चीजों को खरीदी की।
गौरतलब है कि अक्षय तृतीया को सबसे शुभ व मंगलमय दिन माना जाता है। अधिकांश लोग इसी दिन गहनों से लेकर नए बर्तन या अन्य घरेलू सामानों की खरीदारी करना पसन्द करते है। उनका मानना है कि इस दिन की खरीदारी से घर में घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है अर्थात घरोंं में कोई ब्याधा नहीं आती है। इसी दिन ब्राम्हण समाज में परशुराम जयंती मनाने की परम्परा है। दोनों ही शुभ मुहूर्त होने के कारण इस दिन वैवाहिक स्थितियां शुभ मानी जाती है। पौराणिक परम्परा के अनुसार गांवों में किशोरियां माटी के गड्डो व गुडिय़ों को वैवाहिक रस्मों की तरह शादी रचाने का खेल भी करती है।
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