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भगवान भरोसे संचालित हो रहे स्वास्थ्य केन्द्र, मरीजों की परेशानियों से अंजान अधिकारी

locationअनूपपुरPublished: Aug 13, 2019 03:12:10 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

कागजों में स्वास्थ्य सुधार के फरमान, प्रशासनिक अधिकारियों ने निरीक्षण से बनाई दूरी

God trust operating health centers, officers unaware of patients' prob

भगवान भरोसे संचालित हो रहे स्वास्थ्य केन्द्र, मरीजों की परेशानियों से अंजान अधिकारी

अनूपपुर। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की कायाकल्प के लिए जिला प्रशासन द्वारा जारी प्रतिदिन भ्रमण के आदेश अब कागजों तक सीमित फरमान बनकर रह गया है। जहां प्रशासन की उदासीनता में जिले के चारों विकासखंड अनुविभागीय अधिकारियों सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने अबतक न तो स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया और ना ही अव्यवस्थाओं की जानकारी कलेक्टर को सौंपी। हालात यह है कि पूर्व की बेपटरी व्यवस्थाओं पर जिला अस्पताल सहित ७ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र १६ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और १८२ उपस्वास्थ्य केन्द्रों की दिनचर्या संचालित हो रही है। स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने वाले डॉक्टरों की अनुपस्थित और अनुपस्थिति की वास्तविक जांच नहीं हो पा रही है, साथ ही मरीजों की परेशानियों के सम्बंध में रिपोर्ट सामने नहीं आ पा रहा है। जिसके कारण आज भी मरीज जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार की बजाय शहडोल और अन्य जिलों की ओर रूख कर रहे हैं। दरअसल जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ती व्यवस्थाओं तथा मरीजों की परेशानियों पर प्रशासन ने स्थानीय अधिकारियों को प्रतिदिन क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों का भ्रमण कर सुधार के निर्देश दिए थे। इसमें अनुविभागीय अधिकारियों को प्रतिदिन क्षेत्र के अस्पताल में आने वाले डॉक्टरों सहित स्टाफों की उपस्थिति के आंकलन सहित मरीजों से चर्चा कर व्यवस्थाओं के सम्बंध में रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपा जाना निर्धारित किया था। यहीं नहीं डॉक्टरों की वास्तविक उपस्थिति के लिए प्रतिदिन सुबह ९ बजे स्वास्थ्य केन्द्र निरीक्षण का भी फरमान जारी किया गया था। लेकिन जिला प्रशासन के फरमान कागजों तक ही सीमित होकर रह गए। आलम तो यह रहा कि खुद जिला प्रशासन या अनुविभागीय प्रशासनिक अधिकारियों ने भी कभी मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को बेतहर बनाने प्रयास नहीं किए। हालात यह है कि जिला अस्पताल सहित विकासखंड कोतमा, जैतहरी, पुष्पराजगढ़ में संचालित स्वास्थ्य केन्द्र भगवान भरोसे संचालित हो रही है। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर अधिकांशत: ताले लगे हुए हैं। हालांकि इस मामले में खुद जिले के तीनों विधायक बिसाहूलाल ङ्क्षसह, सुनील सराफ और फुंदेलाल सिंह मार्को ने स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए जल्द ही अस्पतालों में डॉक्टरों की तादाद बढ़ाने तथा संसाधनों को उपलब्ध कराने के आश्वासन दिए थे। लेकिन जनप्रतिनिधियों के आश्वासन भी मौसमी फिंजाओं की भांति बदल गए।
बॉक्स: कौन करें अस्पतालों का निरीक्षण
प्रतिदिन जांच की जिम्मेदारी एसडीएम और तहसीलदार सहित अन्य प्रशासनिक विभागीय अधिकारियों को सौंपी गई थी। लेकिन दो माह बाद भी आजतक किसी प्रशासनिक अधिकारी ने स्वास्थ्य केन्द्रों का रूख नहीं किया। और ना ही किसी स्वास्थ्य केन्द्र के सम्बंध में अपनी रिपोर्ट पेश की। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा, जैतहरी, फुनगा, परासी, राजेन्द्रग्राम, करपा, बेनीबारी में डॉक्टरों व संसाधनों का अभाव है। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजुरी और अमरकंटक डॉक्टरों व संसाधनों के अभाव में सिर्फ स्वास्थ्य केन्द्र बनकर रह गए हैं।
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