अनूपपुर. मप्र के राजपत्र घोषणा में शामिल हुई अनूपपुर जिले की तीन ग्राम पंचायतें राजनगर, डूमरकछार, और डोला को प्रशासनिक स्तर पर ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बनाने की प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है। जिसमें गुरूवार ७ दिसम्बर की सुबह तीनों ही ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों सहित शासकीय सेवकों ने प्रस्तावित नगर पंचायत के लिए वार्डो के आवंटन के लिए नक्शा तैयार कर ग्राम पंचायतों की सीमाओं का निरीक्षण किया गया। इसमें राजनगर में१ से ५ वार्ड तक वार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी की गई। इसी प्रकार डोला और डूमरकछार ग्राम पंचायतों में भी वार्डो के आवंटन की प्रक्रिया में सीमाओं की नाप हुई।
कोतमा सीएमओ तथा कार्य प्रभारी श्रीनिवासी तिवारी के अनुसार कोतमा सीएमओ, तहसीलदार तथा पटवारी की टीम में तीनों ही ग्राम पंचायतों को आबादी में विभक्त करते हुए १५-१५ वार्डो में बांटा जाएगा। जिसमेंं वर्तमान में राजनगर की ३३ हजार, डोला १५ हजार, डूमरकछार १७ हजार सहित कुल ६५ हजार की आबादी को वार्ड प्रक्रिया के तहत बांटकर नगरपंचायत बनाए जाएंगे। इसके लिए फिलहाल उनके द्वारा वार्डो की परिसिमन के तौर पर सीमाकंन कर कागजी नक्शा तैयार किया गया है, जिसे अंतिम निरीक्षण उपरांत नक्शा भेजकर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम में पुन: उसका परिसीमन तैयार कर वार्डो के गठन का कार्य किया जाएगा। विदित हो कि ग्रामीणों की मांग पर प्रदेश के मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने सितम्बर २०१६ में तीनों ही ग्राम पंचायतों को नगरपंचायत बनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद उच्च शासन भोपाल द्वारा राजपत्र (गजट)जारी करते हुए तीनों ही ग्राम पंचायतों को नगरपंचायत घोषित किया गया था। लेकिन राजपत्र की घोषणा उपरांत तीनों ही ग्राम पंचायतें सालभर से नगर पंचायत से वंचित रही।
जिम्मेदारियों से बनी रही सेवकों की दूरीसीएम की घोषणाओं को अमल लाने में लाने जिला प्रशासन सहित नगर विकास परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने जिम्मेदारियां निभाने में दूरी बनाई रखी। डूडा के तहत होने वाले कार्य में बार बार अधिकारियों को दिए जाने वाले प्रभार में अधिकारियों का तबादला होता रहा। इनमें कभी डूडा जिला प्रभारी को जिम्मेदारी सौंपी गई तो कभी अनूपपुर सीएमओ और कोतमा सीएमओ के कंधों पर नगरपंचायत बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
कॉलरी की सड़क और पानी से गुजाराअनूपपुर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली तीनों ही ग्राम पंचायतें राजनगर, डोला और डूमकछार कॉलरी परिक्षेत्र है। जिसमें तीनों ही ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को कॉलरी परिक्षेत्र के अधीन आने वाले करारनामे के तहत कुछ सुविधाएं प्राप्त हो रही है, शेष ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण विकास जैसी गतिविधियां भी सीमित दायरे में संचालित हो रही है। यही वजह है कि स्वच्छता मिशन की ओर से सुविधाघरों का निर्माण, पीएम आवास योजना, ग्रामीण सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सुविधाएं सहित अन्य जरूरतें ग्रामीणों से कोसो दूर है।
इनका कहना हैवार्ड आवंटन की प्र्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है। जिसमें तीन सदस्यों की टीम द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में निरीक्षण कर वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसे १५ दिनों में पूरा कर प्रशासन को रिपोर्ट सौंपा जाएगा।
श्रीनिवास तिवारी, सीएमओ, कोतमा।