नवीन भवन के हैंडओवर की नहीं हुई प्रक्रिया, प्रशासन ने बच्चों के शिफ्ट नहीं कराने पर प्राचार्य को भेज दिया नोटिस
अनूपपुरPublished: Feb 18, 2020 09:08:15 pm
प्राचार्य ने मौखिक आदेश में बिना लिखित आदेश नए भवन में जाने से कर दिया इंकार, सौंपा लिखित जवाब
नवीन भवन के हैंडओवर की नहीं हुई प्रक्रिया, प्रशासन ने बच्चों के शिफ्ट नहीं कराने पर प्राचार्य को भेज दिया नोटिस
अनूपपुर। अनूपपुर-जैतहरी मार्ग स्थित तिपाननदी किनारे १२ एकड़ में २७ करोड़ ४६ लाख ९४ हजार की लागत से बनाई गई शासकीय कन्या शिक्षा परिसर की नवीन बिल्डिंग लोकार्पण के माहभर बाद भी वीरान पड़ी है। इस नवीन भवन की निर्माण एजेंसी द्वारा अबतक हैंडओवर नहीं किया गया है। निर्माण एजेंसी ने १२ जनवरी को जिला प्रभारी मंत्री द्वारा किए गए लोकार्पण की प्रक्रिया के उपरांत सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग को पत्र लिखकर हैंडओवर में लिए जाने की अपील की थी। लेकिन आदिवासी विभाग द्वारा अबतक भेजे गए पत्र पर कोई जवाब नहीं दिया है। जिसके कारण निर्माण से जुड़ी एजेंसी के साथ साथ ठेकेदार भी अबतक हैंडओवर नहीं हुए नवीन भवन की व्यवस्थाओं को नियमित बनाए रखने में परेशान है। जबकि दूसरी ओर जिला प्रशासन ने हैंडओवर की प्रक्रिया से अंजान शासकीय कन्या शिक्षा परिसर प्राचार्य को नोटिस जारी कर अबतक बच्चों को नवीन भवन में शिफ्ट नहीं किए जाने पर नाराजगी जताते हुए तीन दिनों में जवाब मांगा है। जिला प्रशासन ने १४ फरवरी को यह नोटिस जारी किया था। जिसे लेकर अब स्कूल प्राचार्य और निर्माण एजेंसी से लेकर सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग तक उफापोह की स्थिति बन गई है। १४ जनवरी को कलेक्टर कार्यालय आदिवासी विकास अनूपपुर द्वारा शासकीय कन्या शिक्षा परिसर अनूपपुर आरपी शाक्यवार को विभिन्न ५ बिन्दूओं पर लापरवाही पाते हुए नोटिस जारी कर दिया है। जिसमें शासकीय कन्या शिक्षा परिसर की नवीन बिल्डिंग में अबतक बच्चों को शिफ्ट नहीं कराए जाने का मामला भी शामिल है। मामले में प्राचार्य का कहना है कि पूर्व में सहायक आयुक्त द्वारा दिए गए नोटिस पर लिखित में जवाब कार्यालय में प्रस्तुत किया गया था। इसमें बिना लिखित आदेश के बच्चों को वर्तमान शासकीय एकलव्य स्कूल परिसर से नवीन भवन शासकीय कन्या शिक्षा परिसर जैतहरी मार्ग नहीं शिफ्ट की बात कही गई थी। बावजूद जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर पुन: कारण पूछा है। विदित हो कि वर्तमान में शासकीय एकलव्य स्कूल परिसर में संचालित शासकीय कन्या शिक्षा परिसर में २२७ छात्राएंं अध्ययनरत है, जहां छात्राओं को परेशानियों के बीच शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है। कमरों के अभाव में १ बिस्तर पर वर्षो से दो छात्राएं सो रही है। कक्षाओं के अभाव में मात्र ४ कमरों में ७ कक्षाएं संचालित कराई जा रही है। इन्हीं चार कमरों की कक्षा में स्कूल प्राचार्य का कार्यालय, लाइब्रेरी, प्रयोगशालाएं जैसी व्यवस्थाएं बनी हुई है।
बॉक्स: हैंडओवर की जगह नोटिस बनी चर्चा
माहभर पूर्व २७ करोड़ ४६ लाख ९४ हजार की लागत से बनी नवीन बिल्डिंग में बच्चों को स्थानांतरित नहीं किए जाने के बाद नोटिस की प्रक्रिया अब चर्चा का विषय बन गई है। बताया जाता है कि मामले में पूर्व में सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग ने शासकीय कन्या शिक्षा परिसर के प्राचार्य को मौखिक निर्देश में भवन खाली करने तथा बच्चों को नवीन में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे, जिसमें प्राचार्य ने अधिकारी के आदेश को मानने से इंकार करते हुए लिखित आदेश में ही स्थानांतरण करने की बात कही थी। वहीं कलेक्टर ने भी २६ जनवरी तक नवीन भवन में बच्चों को शिफ्ट कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन आश्चर्य बिना हैंडओवर की प्रक्रिया पूर्ण कराए निर्माण एजेंसी कैसे भवन दे सकती है। जबकि लोकार्पण के उपरांत बिल्डिंग जिला प्रशासन या सम्बंधित विभागाधिकारी को सुपुर्द कर दिया जाता है।
वर्सन:
हमने पूर्व में आदिवासी विकास विभाग को पत्राचार कर भवन को हैंडओवर में लिए जाने की अपील की थी। लेकिन विभाग से इसपर कोई जवाब नहीं आया है। भवन की निगरानी से ठेकेदार भी परेशान हो चुका है।
रमाकांत पांडेय, कार्यपालन यंत्री पीआईयू अनूपपुर।
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