अनूपपुर

आबादी वालें क्षेत्रों से गुजर रहे भारी वाहन, सर्वें के बाद तकनीकि अड़चनों में अटका बाईपास निर्माण

बाईपास की कमी ने बिगाड़ा जिला मुख्यालय की यातायात व्यवस्था

अनूपपुरMay 02, 2019 / 12:51 pm

Rajan Kumar Gupta

आबादी वालें क्षेत्रों से गुजर रहे भारी वाहन, सर्वें के बाद तकनीकि अड़चनों में अटका बाईपास निर्माण

अनूपपुर। जिला मुख्यालय नगरीय क्षेत्र अनूपपुर के आबादी क्षेत्र से भारी वाहनोंं के प्रवेश रोकने कृषि उपज मंडी से कलेक्ट्रेट कार्यालय तक बनाई जाने वाली बाईपास मार्ग के निर्माण तकनीकि अड़चनों सहित प्रशासकीय उदासीनता का शिकार बन गई है। १०४ लाख रूपए की लागत से बननी वाली १ किलोमीटर लम्बी डामरीयुक्त सडक़ के निर्माण की टीसी पीडब्ल्यूडी विभाग ने ३ साल पूर्व अपने उच्च शाखा को भेज दी है, लेकिन सडक़ निर्माण की प्रक्रिया के लिए अबतक हरी झंडी नहीं मिल सकी है।जिसके कारण शहर में भारी वाहनों का प्रवेश जारी है। बायपास सडक़ के अभाव में भारी वाहनों के प्रवेश से यातायात व्यवस्था बिगड़ गई है। आबादी वाले क्षेत्रों में भारी भरकम वाहनों के प्रवेश से हादसों की आशंका बनी रहती है। बताया जाता है कि बायपास मार्ग निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग अनूपपुर ने दो बार सर्वे भी कराया और उसके इस्टमेट भेजे। लेकिन हर बार टीसी सेक्शन में मामला अड़ा और विभाग को रिवाईज प्रक्रिया अपनानी बनी। अंतिम प्राक्कलन जून २०१६ में की गई सर्वे प्रक्रिया के बाद दिसम्बर में भेजा गया था। पीडब्ल्यूडी विभाग की माने तो पूर्व में सडक़ निर्माण के लिए प्रशासकीय स्तर पर एसओआर पर विभाग ने कार्य कराने से मना कर दिया था। इसमें विभाग का तर्क था कि आगामी निर्माण में दर पर विवाद की स्थिति बन सकती है। इसके लिए विभाग ने प्रथम भेजी गई रिपोर्ट पर नया एसओआर बनाकर विभाग को भेजने के निर्देश दिए। वर्तमान में जिला मुख्यालय के जैतहरी, कोतमा, शहडोल व अमरकंटक जैसे स्थानों पर जाने के लिए चारों दिशाओं में अलग अलग मुख्य मार्ग बने हुए हैं। इनमें सर्वप्रथम शहडोल बाया अनूपपुर से कोतमा जोडऩे की पहल पर सर्वे कार्य कराया गया। जिसमें १३ फीट चौड़ी व एक किलोमीटर लम्बी सडक़ बनाए जाने के प्रस्ताव पर योजना बनाई गई। लेकिन अमरकंटक से कोतमा, जैतहरी से कोतमा, कोतमा से जैतहरी तथा अमरकंटक जाने वाली अन्य मुख्य मार्ग को जोडऩे के लिए बायपास सडक़ योजना पर अबतक कोई कार्ययोजना तैयार नहीं किया गया है। प्रशासन का मानना है कि शहरी विकास परियोजना के अंतर्गत अनूपपुर जिला मुख्यालय विस्तृत क्षेत्र बनता जा रहा है जहां भारी वाहनों का मार्ग के अभाव में शहरी क्षेत्र में दिनरात प्रवेश हो रहा है। इससे किसी बड़े दुर्घटना के साथ सडक़ों को भी नुकसान होने की सम्भावना बनी रहती है। जबकि कभी कभी वाहनों के बिगडऩे पर जाम स्थिति स्थिति निर्मित हो जाती है।
बॉक्स: दिनरात मौत का मंडराता साया
अनूपपुर-जैतहरी मार्ग की मुख्य नगरीय क्षेत्र का २ किलोमीटर हिस्सा प्रतिदिन मौत के साए से खौफजादा है।
नगर की अत्याधिक धनी आबादी सहित व्यापारिक प्रतिष्ठानों के साथ जिला अस्पताल, एक्सीलेंस स्कूल, तहसील कार्यालय, न्यायालय तथा कॉलेज जैसे संस्थान के बावजूद सैकड़ों की तदाद में कैप्सूल वाहन, कोयला लदा ट्रक, रेत और पत्थरों से लदा डम्फर तेज रफ्तार में दौड़ती नजर आती है। जहां थोड़ी सी चूक में दर्जनों जानें एक साथ खत्म हो जाएगी। इसके अलावा अनूपपुर सामतपुर चौराहा-कोतमा मार्ग भी खतरों से भरा मार्ग माना गया है।
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