यहां दूध व पशु पालन को बढ़ावा देने सरकार ने किए ये उपाय, 10 हजार लीटर दूध होगा प्रोसेसिंग
बिजुरी में 5 हजार तो राजनगर और कोतमा में २-२ हजार लीटर क्षमता की सब यूनिट चिलिंग प्लांट की तैयारी
अनूपपुर
Published: May 06, 2022 10:59:53 pm
अनूपपुर। जिला मुख्यालय अनूपपुर में मप्र सहकारी दुुग्ध उत्पादन महासंघ सांची जबलपुर की संचालित हुई चिलिंग प्लांट के बंद होने के बाद अब पुन: दुग्ध उत्पादन को लेकर बड़ी परियोजना स्थापित की जा रही है। जिसमें अनूपपुर जिले में १० हजार लीटर दूध उत्पादन की क्षमता का लक्ष्य निर्धारित करते हुए प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए बिजुरी में ५ हजार लीटर क्षमता की बड़ी चिलिंग प्लांट स्थापित होगी, जबकि सब यूनिट के रूप में राजनगर और कोतमा में २-२ हजार लीटर दूध भंडारण व चिलिंग प्लांट संचालित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त आने वाले दूध को टेंकर के माध्यम से सीधे जबलपुर के लिए रवाना किया जाएगा। जिले के इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए शासन ने खनिज मद योजना से ४ करोड़ १४ लाख की राशि आवंटित की है। यह योजना ३ साल के लिए प्रस्तावित की गई है। जिसमें मप्र सहाकारी दुग्ध महासंघ सांची नोडल की भूमिका में निभाएगा। उपसंचालक पशु पालन एवं डेयरी विभाग वीपीएस चौहान ने बताया कि वर्तमान में जिले से लगभग १० हजार लीटर दूध उत्पादन का सर्वे आंकलन किया गया है। जिसमें ३ हजार लीटर दूध स्थानीय स्तर पर खपत होना और शेष ७ हजार लीटर दूध छत्तीसगढ़ राज्य के लिए जाना आंका गया है। दूध उत्पादन का मुख्य क्षेत्र बिजुरी, राजनगर, कोतमा, जैतहरी, पुष्पराजगढ़ के क्षेत्र हैं। लेकिन संघनित रूप में कोतमा विकासखंड का एरिया अधिक उत्पादन करता है। फिलहाल जिले में ५०० लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है, जिसे बीएमसी के माध्यम से टेंकर में डालकर केशवाही के रास्ते जबलपुर भेजा रहा है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के आरंभ से जिले में पुन: पशु पालन के साथ दुध उत्पादन को लेकर किसान उत्साहित होंगे और संघ के निर्धारित दरों पर दूध बेचने के साथ सहकारी संघ से मिलने वाली पशु और कृषि का लाभ ले सकेंगे। विदित हो कि वर्ष २००४-०५ के आसपास अनूपपुर नगरपालिका क्षेत्र के बस्ती मार्ग पर पशुपालन विभाग की छोटी बिल्डिंग में सांची दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति जबलपुर ने ५०० लीटर दूध क्षमता की चिलिंग प्लांट आरंभ किया था। काम की शुरूआत बेहतर रही, लेकिन परिवहन की कमी और किसानों की अरूचि के कारण यह प्लांट फ्लॉप हो गया, जिसके बाद संघ ने इसे बंद कर दिया था।
बॉक्स: ३० समितियों का होगा गठन, ७५० पालकों को लाभांवित करने की योजना
उपसंचालक पशु विभाग ने बताया कि बिजुरी, राजनगर और कोतमा में स्थापित होने वाले चिलिंग प्लांट में कम से कम १० हजार दूध प्रोसेसिंग करने की क्षमता होगी। वर्तमान में जितना दूध उत्पान का आंकलन एकत्रित किया गया है उसी के अनुरूप प्रोसेसिंग की क्षमता रखी गई। लेकिन प्रस्तावना के अनुसार ३ साल में ५ हजार लीटर दूध प्रोसेसिंग करते हुए जिलेभर में ३० समितियों का गठन किया जाना प्रस्तावित रखा गया है। जिसमें इन तीन साल के भीतर प्रत्येक वर्ष १०-१० समितियों का गठन अनिवार्य होगा। एक समिति में कम से कम २५ हितग्राहियों को जोड़ा जाना है।
बॉक्स: पशु पालकों को मिलेगी नि:शुल्क सेवाएं
एक ओर जहां इस परियोजना से जिले में दुध उत्पादन के पशु पालन को बढ़ावा मिलेगा। वहीं पशु पालकों को महासंघ की ओर से दी जाने वाली सुविधाएं भी नि:शुल्क मिलेगी। जिसमें पशुओं का स्वास्थ्य जांच नि:शुल्क होगा, प्रशिक्षण दिए जाएंगे। सबसे बड़ी सुविधा हितग्राही दूध संघ के साथ बैंक से भी जुड़ पाएंगे। वहीं फैट के आधार पर संघ द्वारा निर्धारित की गई दर में ५ रूपए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी प्रदाय की जाएगी। इसमें सबसे बड़ी बात यह होगी कि प्रत्येक समितियों पर रोजगार के रूप में तीन लोगों को काम उपलब्ध होगा, यानी ३० सीमित पर ९०-१०० लोगों को रोजगार मिलेंगे। दूध उठाव के लिए पूरे जिले में दो सेक्टर के रूप में बांटकर वाहनों से दूध का संग्रहण किया जाएगा और प्लांट तक पहुंचाया जाएगा।
वर्सन:
सर्वे आंकलन में १० हजार लीटर दूध उत्पादन की संभावना जताई गई है। इसमें बिजुरी में ५ हजार लीटर की सबसे बड़ी प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जाएगी। जबकि सब यूनिट के रूप में कोतमा और राजनगर में प्लांट स्थापित होगी। इससे जिले को एक बार फिर से पशुधन बढ़ाने के साथ दूध उत्पादन में बढ़ावा मिलेगा।
डॉ.वीपीएस चौहान, उपसंचालक पशु पालन एवं डेयरी विभाग अनूपपुर।
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यहां दूध व पशु पालन को बढ़ावा देने सरकार ने किए ये उपाय, 10 हजार लीटर दूध होगा प्रोसेसिंग
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