scriptयहां करोड़ों की लागत से बनी सडक़ के नहीं बने शोल्डर, निकासी के अभाव में सडक़ पर जमा रहा बारिश का पानी | Here the shoulder of the road built at the cost of crores, rain water | Patrika News

यहां करोड़ों की लागत से बनी सडक़ के नहीं बने शोल्डर, निकासी के अभाव में सडक़ पर जमा रहा बारिश का पानी

locationअनूपपुरPublished: Jul 05, 2022 11:40:50 am

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

अभियान: इंजीनियरों की अनदेखी में सडक़ से उंची नालियों की पाइप, तीन साल बाद नहीं बनाई व्यवस्था

Here the shoulder of the road built at the cost of crores, rain water

यहां करोड़ों की लागत से बनी सडक़ के नहीं बने शोल्डर, निकासी के अभाव में सडक़ पर जमा रहा बारिश का पानी

अनूपपुर। मप्र-छत्तीसगढ़ की सीमा को जोडऩे वाली ६८ करोड़ की लागत से बनी ४० किलोमीटर लम्बी सीसी सडक़ अपने शुरूआती निर्माण स्थल अनूपपुर में ही बदहाल बनी हुई है। सडक़ निर्माण के उपरांत छह साल बाद भी नगरीय सीमा के भीतर लगभग दो किलोमीटर लम्बी सडक़ के दोनों छोर पर आज तक सोल्डर नहीं बनाए जा सके हैं। लगभग ३ फीट से अधिक चौड़ी सोल्डर जगह जगह गड्ढो और दलदल में तब्दील है, जहां मार्ग से गुजरने वाले भारी वाहनों के साइड से गुजरने के दौरान हादसों की आशंका बनी रहती है। यहीं नहीं सडक़ के दोनों किनारे संचालित व्यापारिक प्रष्ठिानों के व्यापारियों व उपभोक्ताओं को कच्ची सोल्डर के कारण रोजाना दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बारिश के सीजन में यह दोनों छोर पानी, कचरे से भरे रहते हैं। हालंाकि कुछ स्थानों पर लोगों ने अपनी सुविधा के अनुसार सोल्डर को भरकर आवागमन के लिए उपयुक्त बना लिया है। लेकिन नगरीय क्षेत्र की यह मुख्य मार्ग सोल्डर के अभाव में मौत की डगर से कम नहीं दिखती है।
उल्लेखनीय है कि नवम्बर २०१५ में तत्कालीन प्रदेश शासन लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह ने आईआरडीएफ परियोजना के तहत अनूपपुर अमरकंटक तिराहा से जैतहरी वाया वेंकटनगर तक लगभग ४०.६०० मीटर लम्बी सीसी सडक़ निर्माण की आधारशिला रखी थी। जिसमें शासन की ओर से ५७ करोड़ की राशि स्वीकृति प्रदान की गई थी। कार्य आरम्भ की तिथि २९ जनवरी २०१६ निर्धारित करते हुए कार्य समाप्ति १७ नवम्बर २०१७ तय की गई थी। लेकिन कंपनी ने सडक़ का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया। वहीं कपंनी ने शासन से कम बजट की बात कहते हुए अतिरिक्त ११ करोड़ की राशि और स्वीकृत करा ली। जिसके कारण पूरी परियोजना ५७ करोड़ की जगह ६८ करोड़ की हो गई। लेकिन इन राशियों के बाद भी सोल्डर का कार्य अधूरा रह गया।
सडक़ से उंचा नाला की पाइप लाइन, नपा ने डाला फिल्टर प्लांट पाइपलाइन
यहां इंजीनियरिंग का अजीब नमूना पेश किया गया है। सडक़ की ले आउट से ३ फीट की दूरी पर बनाया गया ४ फीच चौड़ा और गहरा नाला में बारिश का पानी नहीं उतर रहा है। यहां सडक़ से नाला में पानी गिरने लगाए गए पाइप के हिस्से कहीं उंचे तो कहीं इतनी नीचे है कि उंचे स्थान पर पानी नहीं पहुंचता और नीचे वाले स्थल पर मिट्टी का भराव हो गया है। जिसके वहीं सडक़ किनारे दुकान या आवास के कारण लोगों ने सोल्डर को मिट़्टी से भरकर उंचा कर दिया है। जिसके कारण बारिश के बाद पानी सडक़ पर बहती भर आती है। वहीं नगर पालिका ने इस सोल्डर में फिल्टर प्लांट की सर्विस पाइप लाइन को डालकर रही सही कसर पूरी कर दी है। जिसमें कभी भी फॉल्ट की समस्या बनने पर नगरपालिका सोल्डर की खुदाई कर मरम्मत कार्य कराती है। जिसमें इस खुदाई से सोल्डर की मिट्टी बार बार दलदली बन जाती है।
———————————————————
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो