हाईस्कूल परीक्षा परिणाम: लड़कियों ने मारी बाजी, जिले का 64 66 प्रतिशत रहा परीक्षा परिणाम
अनूपपुरPublished: Jul 04, 2020 09:36:16 pm
67.२0 प्रतिशत बालिकाएं, तो 61.57 प्रतिशत बालक हुए सफल
हाईस्कूल परीक्षा परिणाम: लड़कियों ने मारी बाजी, जिले का 64 66 प्रतिशत रहा परीक्षा परिणाम
अनूपपुर। माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित कक्षा १० वीं की परीक्षा परिणामों की घोषणा शनिवार 4 जुलाई की दोपहर कर दी गई है। जिसमेंं जिले से कक्षा १० वीं में प्रवीण्यता सूची टॉप थ्री में ७ छात्र-छात्राएं उत्र्तीण हुई। हालंकि प्रदेश की टॉप १० की प्रवीण्यता सूची में जिले से एक भी विद्यार्थी शामिल नहीं हो सके। वहीं इस वर्ष ५ फीसदी बढ़त के साथ घोषित हुई कक्षा१० वीं की परीक्षा परिणामों में छात्राओं का दबदबा बना रहा। घोषित परिणामों में जिले का परीक्षा परिणाम 64.66 प्रतिशत रहा। जबकि पिछले वर्ष 2018-19 में 59.20 प्रतिशत रहा था। उत्तीर्ण प्रतिशत के विषय में अनूपपुर जिला प्रदेश में 25 वें स्थान पर रहा। विभागीय जानकारी के अनुसार वर्ष २०१९-२० में जिलेभर से ९३४३ परीक्षार्थियों का नाम परीक्षा की सूची में दर्ज हुआ था, जहां ९१८८ परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित तथा १५५ परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। इसमें माशिमं ने ९१७७ परीक्षार्थियों के नामों की सूची प्रकाशित की है। जिसमें २५४९ बालक तथा ३३८५ बालिका सहित ५९३४ परीक्षार्थी उत्र्तीण हुए। घोषित परिणामों में उत्र्तीण 2549 बालकों में 1249 प्रथम श्रेणी, 1273 द्वितीय श्रेणी, 27 तृतीय श्रेणी में वहीं 3385 बालिकाओं 1691 प्रथम श्रेणी, 1663 द्वितीय श्रेणी, 31 तृतीय श्रेणी में सफलता प्राप्त की है। इस प्रकार कुल 5934 विद्यार्थी 2940 प्रथम श्रेणी, 2936 द्वितीय श्रेणी, 58 तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। जबकि इस वर्ष जिले की 67.20 प्रतिशत बालिकाओं ने एवं 61.57 प्रतिशत बालकों ने हाई स्कूल परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। परीक्षा परिणामों को लेकर छात्रों में कौतुलहता बनी रही। इस दौरान कुछ छात्रों केे चेहरे पर कम अंकों को लेकर मायूसी बनी रही तो कुछ छात्रों के चेहरे पर खुशियां बिखरी पड़ी थी।
बॉक्स: प्रदेश की प्रवीण्य सूची में नहीं एक भी छात्र
इस वर्ष हाईस्कूल के घोषित परीक्षा परिणामों में प्रदेश की प्रवीण्यता सूची में एक भी विद्यार्थी शामिल नहीं हो सके। जबकि पिछले वर्ष दो विद्यार्थियों ने टॉप १० में जगह बनाते हुए जिले और अभिभावकों का नाम रोशन किया था। हालांकि २०१९-२० की घोषित परिणामों में जिले का परिणाम ६४.६६ प्रतिशत जरूरत रहा, और प्रायवेट संस्थानों के बच्चे अब्वल आए। लेकिन इनमें शासकीय स्कूलों के परिणाम अधिक रही। शासकीय स्कूलों के परीक्षा परिणाम ६२.१० प्रतिशत तथा प्रायवेट संस्थानों का परिणाम ५५.६२ फीसदी दर्ज किया गया है।
बॉक्स: मंदाकिनी, ओम, चंद्रप्रकाश, अंकिता, संजना, अफरीन एवं राधिका रही टॉप
जिले की प्रथम तीन की प्रावीण्य सूची में 7 छात्र-छात्राओं ने जगह बनाई है। जिले में प्रथम स्थान में 4 छात्र छात्राएं रहे। मंदाकिनी पटेल ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त करते हुए 392/400 अंक प्राप्त किए। जबकि दूसरे स्थान पर ओम साहू ने 294/300 अंक, चंद्रप्रकाश प्रजापति ने 294/300 अंक एवं अंकिता प्रजापति ने २94/300 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया। जबकि द्वितीय स्थान पर संजना कुशवाहा 391/400 अंक एवं आफरीन ख़ातून 391/400 रहीं। वहीं तृतीय स्थान पर राधिका केवट ने 390/400 अंक प्राप्त किया। इस प्रकार प्रथम तीन स्थानों में भी बालिकाओं का बोलबाला रहा, प्रथम 3 में शामिल 7 विद्यार्थियों में से 5 स्थान बालिकाओं ने हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है।
बॉक्स: कोई आईएएस तो कोई एयर फोर्स अधिकारी चाहते हैं बनना
जिले में श्रेष्ठ अंकों के साथ उत्र्तीण हुई मंदाकिनी ने एयरफोर्स अधिकारी बनना चाहती है। वह वायुसेना अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहती है। वहीं ओम साहू आईआईटी के साथ आईपीएस अधिकारी बनना चाहता हूं। वह पुलिस अधिकारी बनकर समाज को अपराधियों से मुक्ति और युवाओं को पुलिस सेवा के लिए प्रेरित करना चाहता है। जबकि चंद्र प्रकाश प्रजापति सिविल सेवा के माध्यम से देश की सेवा करना चाहता है। अंकिता प्रजापति भी देश सेवा के लिए आईएएस अधिकारी बनना चाहती है। अंकिता का कहना है कि वह किसानों मजदूरों के लिए विशेष कार्ययोजनाएं तैयार कर उन्हें उन्नति के राह पर ले जाना चाहती है। इसी तरह संजना कुशवाहा डॉक्टर बनना चाहती है, मरीजों की सेवा करना चाहती है।
बॉक्स: पिता मोटर गैराज में करते है काम, पुत्री बनना चाहती है आईएएस।
अनूपपुर। ?िले की टॉप 3 में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली आफरीन खातून आईएएस बनना चाहती है। इस वर्ष हाई स्कूल की घोषित परीक्षा में आफरीन ने 391/400 अंक प्राप्त किया है। आफरीन के घर में माता पिता सहित दो भाई हैं बड़ा भाई सिविल में डिप्लोमा किए हैं। और इंजीनियरिंग की तैयारी चल रही है छोटा भाई रौनक पिछले साल जिले में टॉप किया था और उसका चयन वेल्लोर इंस्टीट्यूट में हो गया है। जहां 5 साल का उसे पढ़ाई करनी है। आफरीन घर में 8 से 9 घंटे पढ़ाई करती थी। स्कूल के साथ-साथ वह ट्यूशन भी करती थी। घर में उसके भाई का बहुत सपोर्ट मिलता था। खासकर रौनक उसे हर चीज की जानकारी और जहां भी समस्या होती थी उसे बताता था। साथ ही साथ उसकी मम्मी का बहुत सपोर्ट था। और वह हर समय उसे पढ़ाई के लिए प्रेरित करती थी। पापा कोतमा में मोटर गैरेज का काम करते हैं । उन्होंने भी अपनी बच्चे की पढ़ाई के लिए कोई कमी नहीं की। आफरीन यूपीपीएससी की तैयारी करना चाह रही है और आगे की पढ़ाई मैथ सब्जेक्ट को लेकर वह करेगी।
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