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आईजीएनटीयू को प्रोजेक्ट का मिला अनुमोदन, किसानों के लिए बनेगा क्लाउड ऐप तथा मृदा परीक्षण किट

locationअनूपपुरPublished: May 24, 2020 07:40:43 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

भारत सरकार द्वारा प्रोजेक्ट के लिए 395 लाख रुपए का बजट का अनुमोदन

IGNTU gets approval for the project, cloud app for farmers and soil te

आईजीएनटीयू को प्रोजेक्ट का मिला अनुमोदन, किसानों के लिए बनेगा क्लाउड ऐप तथा मृदा परीक्षण किट

अनूपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में कुलपति प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजना के क्रियान्वयन की रूपरेखा पर चर्चा की गई। कुलपति ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रोजेक्ट के लिए 395 लाख रुपए का बजट एवं 31 पदों के साथ अनुमोदित इस प्रोजेक्ट में उभरती प्रौद्योगिकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और क्लाउड नेटिव कम्प्यूटिंग आधारित “किसान-एप” को भारत के किसानों के लिए लॉन्च किया जाएगा। यह “किसान-एप” कृषकों को गुणवत्ता वाले बीज की किस्मों का चयन, बीज प्रबंधन, उर्वरक प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, कीट प्रबंधन, रोग प्रबंधन, सिंचाई प्रबंधन, और कितना कीटनाशक डालना है इसे तय करने में मदद करेगा। किसानों को मौसम की जानकारी, कृषि आधारित तकनीक के विषय में जानकारी देकर किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने में सहायक होगा। इसके द्वारा किसान किसी रिसर्च सेंटर जाने के बजाए अपने मोबाइल में देखकर समझ पाएगा कि कैसे किसी फसल की अच्छी पैदावार ली जा सकती है। इसकी मदद से किसान खेती का वैज्ञानिक मॉडल समझ पाएगा। परम्परागत फसल की अच्छी पैदावार ली जा सकती है, कृषि आधारित तकनीकी उपकरणों के अभाव ने परम्परागत फसल की खेती कम होने से औषधीय गुणों से भरपूर भारत की प्राचीन अनाज जैसे- जई (घोड़ जई), जौ (बारली), क्विनोआ, रागी (मरुआ), बाजरा, टेफ, इंकॉर्न, एम्मर, बकला दाल, सावा, टवनी, कोदो, अमरनाथ, अलसी अब लुप्त होने की कगार पर है इनपर शोध करके आवश्यक उपकरण के स्टार्टअप शुरू करने का प्रबन्ध किया जाएगा। कुलपति ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में “एसना मृदा परीक्षण किट: का अनुसंधान एवं निर्माण किया जाएगा। चूंकि प्रधानमंत्री मृदा परीक्षण योजना में मिट्टी के पोषक तत्वों नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैग्निशियम एवं सल्फर, पीएच, ओसी (कार्बन), बोरान, जिंक, आयरन, मैग्नीज, कॉपर की जांच के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना भारत सरकार द्वारा लाई गई है। इस परियोजना के तहत सरकार की किसानों के लिए एक सोइल कार्ड जारी करने की योजना है, जिससे किसान को मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फसल प्राप्त करने में सहायता मिल सके। यह एसना मृदा परीक्षण किट मिट्टी के गुण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी डिजिटल सिग्नल के माध्यम से प्रदान करेगा। प्रोजेक्ट के दूसरे भाग में उद्यमिता निर्माण में मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, झारखंड, बिहार एवं छत्तीसगढ़ में आत्मनिर्भर-भारत केंद्र की स्थापना करके उद्यम शुरू करने का प्रशिक्षण की शुरूआत की जाएगी। उद्यमिता निर्माण में मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक स्टार्टअप, हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स स्टार्टअप, एग्रो मशीनरी स्टार्टअप,, हर्बल प्लांट एंड प्रोडक्ट्स स्टार्टअप, ग्लास एंड प्रिंटिंग मटेरियल स्टार्टअप, हस्तशिल्प एवं हथकरघा स्टार्टअप, हार्डवेयर प्रोडक्ट्स स्टार्टअप, बम्बू वर्क स्टार्टअप, प्लास्टिक एवं रबर प्रोडक्ट स्टार्टअप, एग्रीकल्चर स्टार्टअप, हॉर्टिकल्चर स्टार्टअप, मसाला (स्पाइसेस) उद्योग स्टार्टअप, आयल प्रोडक्शन स्टार्टअप, आईटी प्रोडक्ट्स स्टार्टअप, सोलर एनर्जी स्टार्टअप, स्टेशनरी प्रोडक्ट स्टार्टअप, ड्रिंक्स एंड बेवरेज प्रोडक्ट स्टार्टअप सहित अलग-अलग 2500 स्टार्टअप के लिए मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम इकाइयां और स्टार्ट अप श्रेणी के उद्यमों का डीपीआर तथा ईपीसी तैयार किया जाएगा। मुद्रा लोन योजना, एमएसएमई बिजनेस लोन और स्टैंड अप इंडिया लोन योजना प्रमुख सरकारी लोन योजना हैं, इसके अंतर्गत युवाओं को एक नया कारोबार शुरू करने के लिए अपने डीपीआर के अनुसार 10 लाख से लेकर 1 करोड़, 1 करोड़ से 10 करोड़, और 20 करोड़ तक का बिजनेस ऋण लिए जा सकेंगे।
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