नेशनल लोक अदालत में हुआ राजीनामा, 1592 में 239 प्रकरणों का हुआ निराकरण
अनूपपुरPublished: Sep 15, 2019 03:45:04 pm
तीन न्यायालय में आयोजित अदालत की 12 खण्डपीठों में 18414804 राशि हुई अवार्ड
नेशनल लोक अदालत में हुआ राजीनामा, 1592 में 239 प्रकरणों का हुआ निराकरण
अनूपपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार १4 सितम्बर को जिला मुख्यालय अनूपपुर एवं तहसील न्यायालय कोतमा व राजेन्द्रग्राम में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला न्यायालय में सुबह10.30 बजे जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर डॉ. सुभाष कुमार जैन के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामे से सौहाद्र्रपूर्ण वातावरण में करने की अपील की। लोक अदालत के लिए जिला न्यायालय अनूपपुर एवं तहसील न्यायालय कोतमा व राजेन्द्रग्राम में कुल 12 खंडपीठों का गठन किया गया था, जिसमें दांडिक, शमनीय प्रकरण, चेक अनादरण प्रकरण, बैंक वसूली प्रकरण, मोटर दुर्घटना प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण, सिविल प्रकरण एवं बिजली व पानी के बिल से संबंधित प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिला मुख्यालय, अनूपपुर, तहसील कोतमा एवं राजेन्द्रग्राम में लंबित प्रकरणों मेें से 1592 प्रकरणों को लोक अदालत मे रेफर किया गया, इनमें कुल 239 प्रकरणों का निराकरण हुआ। प्रीलिटिगेशन के 694 प्रकरण लोक अदालत में प्रस्तुत हुए, इनमें से 43 प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से हुआ। आयोजित लोक अदालत में कुल 18414804 राशि अवार्ड हुई। न्यायाधीश ने कहा आपसी सुलह एवं सामंजस्य के आधार पर स्वस्थ वातावरण में आपसी राजीनामा की कार्रवाई करके परस्परिक भाईचारा एवं सौहार्द का परिचय दिया गया। और अपने-अपने प्रकरणों का राजीनामे के आधार पर निराकरण कराया।
बॉक्स: एक हुए दम्पत्ति
जिला न्यायाधीश डॉ. सुभाष कुमार जैन के न्यायालय में पारिवारिक विवाद का निराकरण हुआ। गीता राठौर एवं राजेन्द्र प्रताप का विवाह लगभग 14 वर्ष पूर्व हुआ था। उनके 3 बच्चे हैं। गीता को उनके पति ने मारपीट कर घर से निकाल दिया था। दोनों के बीच राजीनामा होने पर अब दोनों एक साथ रहने को तैयार हुए हैं। इसी तरह उषा बाई एवं सुरेश सिंह का विवाह 2007 में हुआ था। दोनों के 2 बच्चे हैं और दोनों 2018 से अलग रह रहे थे। दोनों के बीच राजीनामा हुआ और दोनों साथ रहने को रजामंद हो गए। जबकि सुनीता एवं मनोज राठौर का 8 वर्ष पूर्व विवाह हुआ था। दोनों के 2 बच्चे हैं। पारिवारिक कलह के चलते दोनों लंबे समय से अलग रह रहे थे। दोनों के बीच राजीनामा हुआ और दोनों साथ-साथ घर गए।