अनूपपुर। २६ जुलाई की दोपहर वनविभाग में उस समय हडक़ंप मच गई, जब बदरा से किसी ग्रामीण ने बाड़ी में दो बाघ के बच्चे के होने की सूचना दी। आनन फानन में वनविभाग अमले ने मौके पर पहुंचकर क्षेत्र का निरीक्षण किया, साथ ही सूचनाकर्ता से जानकारी ली। लेकिन इस दौरान सूचनाकर्ता खुद असमंजस्य में हो गया कि उसने बाघ का बच्चा देखा या अन्य। जिसके बाद वनविभाग अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को समझाते हुए जंगली बिल्ली होने सम्भावना जताई। साथ ही सतर्कता बरतने की अपील की। उप वनमंडलाधिकारी मान सिंह मरावी ने बताया कि दोपहर दो बजे के आसपास खबर आई थी बदरा के नेशनल हाईवे 43 से लगे रिहायशी इलाके स्थित सुभाष चौधरी के घर की बाड़ी में बाघ के दो बच्चे देखे गए हैं। जिसमें एक छोटा एक बड़ा है। स्थानीय ग्रामीण विजय साहू उर्फ बाबू भाई द्वारा सूचना दिया गया। सूचना के आधार पर प्रवेश सिंह भदोरिया रेंजर कोतमा के साथ अन्य वनीय अमला मौके पर पहुंचकर आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया। लेकिन किसी प्रकार के वन्यजीव या उनके बच्चे नहीं दिखे। उन्होंने आशंका जताई कि जंगली बिल्ली के बच्चे भी हूबहू बाघ के बच्चों के स्वरूप में दिखते हैं। वन उपमंडलाधिकारी ने बताया कि यह क्षेत्र बाघ के रहवास क्षेत्र में शामिल नहीं है। और अगर बाघ की उपस्थिति रिहायशी क्षेत्र में बनती तो अब तक जनहानि को सकती थी। फिलहाल वनविभाग ने बाघ के बच्चे होने की सम्भावनाओं से इंकार किया है। वर्सन:दो बाघ के बच्चों की उपस्थिति की सूचना मिली थी, लेकिन जांच में कुछ नहीं पाया गया है। लोगों को सतर्कता बरतने की अपील की गई है। मान सिंह मरावी, उप वनमंडलाधिकारी अनूपपुर। [typography_font:18pt;” >————————————————