बेजुबान पक्षियों के संरक्षण में समाजसेवी कर रहे पहल,लगाकर बना रहे दाना पानी की व्यवस्था
पत्रिका पक्षी मित्र अभियान: दो घूंट पानी से बेजुबान पक्षियों को मिल रही नई जिदंगी
अनूपपुर
Published: May 17, 2022 09:35:21 pm
अनूपपुर। वर्तमान में ४५ डिग्री के तापमान में उमस और गर्म वातावरण से निढाल जनजीवन में दो घूंट पानी किसी के नवजीवन से कम नहीं कहा जा सकता। इसमें सबसे अधिक बेजुबान पक्षी और पशु जो पानी तलाश में भटकने के बाद भी पानी नहीं पा रहे हैं, ऐसे पशु और पक्षियों का हाल सिर्फ एहसास कर समझा जा सकता है। इसके देखते हुए पत्रिका परिवार ने पत्रिा पक्षी मित्र अभियान के तहत इन बेजुबान पक्षियों और पशुओं के लिए दाना पानी उपलब्ध कराने आम नागरिकों से सहयोग की अपील किया है। जिसमें १६ मई को बिजुरी नगर के वार्ड क्रमांक 6 में स्थानीय समाजसेवियों तथा जनप्रतिनिधियों ने वार्ड वासियों के घर की छतों पर गर्मियों के मौसम में सकोरे लगाते हुए पक्षियों के लिए दाने तथा पानी का प्रबंध किया है।
समाजसेवियों को भरोसा है कि उनके रखे इस दाना पानी से कुछ पक्षियों की जान को तो अवश्य ही बचाई जा सकती है। इस दौरान पत्रिका के इस अभियान के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 6 की पार्षद रफअत जावेद अहमद, बसपा नगर अध्यक्ष जावेद अहमद ने वार्ड वासियों के साथ मिलकर घरों के साथ अन्य कई स्थानों पर सकोरे लगाते हुए पानी और दाने का प्रबंध किया गया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गर्मियों के मौसम में पानी पिलाने से ज्यादा नेक कार्य कोई नहीं है। हम सभी को बेजुबान पक्षियों संरक्षण के लिए अपने घरों की छतों पर सकोरे लगा कर मानवता का परिचय देना चाहिए। साथ ही आसपास के लोगों को प्रेरित करते हुए उन्हें भी दाना पानी उपलब्ध कराने अपील की जा सकती है।
पत्रिका का यह अभियान सही मायने में मददगार
पत्रिका पक्षी मित्र अभियान के तहत सकोरे लगाने के दौरान बसपा के नगर अध्यक्ष जावेद अहमद एवं वार्ड क्रमांक 6 की पार्षद रफअत, सीताराम महौथ, अब्दुल नईम, सोहेल खान, प्रेमवती बैगा, आरती बैगा, अलका रानी एवं अन्य लोगों का कहना था कि जिस प्रकार से वर्तमान में लू और गर्मी का प्रकोप बना हुआ है पत्रिका का यह अभियान सही मायने में बेजुबान पक्षियों के लिए मददगार साबित बना है। जिले के अनेक स्थानों पर लोगों ने सकोरे लगाएं पानी की व्यवस्था की। पक्षियों के साथ साथ बंदर, मवेशियों के लिए भी लोगों ने पानी और दाना की व्यवस्था बनाना आरंभ कर दिया। कुछ स्थानों पर समाजसेवियों ने बंदरों के लिए भी पोस्टर लगाते हुए दाना-पानी बनाने अपील की। वहीं अधिकांश घरों के सामने पुरानी बॉल्टी, सीमेंट की नाद या टूटे गमलों पर पानी भरकर पशुओं और पक्षियों के लिए स्थान बना रखा है। जिससे मवेशी या पक्षी भी अब दूर पानी पीने भटकने के बजाय इन सकोरे और नाद पर आकर पानी पी रहे हैं।
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बेजुबान पक्षियों के संरक्षण में समाजसेवी कर रहे पहल,लगाकर बना रहे दाना पानी की व्यवस्था
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