खुफिया तंत्र फेल: आचार संहिता में बिना अनुमति गिरफ्तारी के विरोध में सडक़ पर उतरे प्रदर्शनकारी, सौंपा ज्ञापन
अनूपपुरPublished: Apr 01, 2019 09:29:07 pm
प्रशासन को नहीं लगी सैकड़ो लोगों के इक्टठे होने की भनक, वीडियो फुटेज के आधार होगी कार्रवाई
खुफिया तंत्र फेल: आचार संहिता में बिना अनुमति गिरफ्तारी के विरोध में सडक़ पर उतरे प्रदर्शनकारी, सौंपा ज्ञापन
अनूपपुर। फर्जी नाम पर कॉलरी में नौकरी करने तथा शिकायत के बाद पुलिस की गिरफ्त में आए नर्मदा सिंह(असली नाम रमदमन सिंह) के विरोध में सोमवार को बिजुरी नगर विकास समिति व जन अधिकार मंच ने आचार संहिता का खुला उल्लंघन करते हुए बिना प्रशासनिक अनुमति रैली निकाली और नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। सैकड़ों की तादाद में मौजूद समिति के सदस्यों (महिला व पुरूषों)ने पुलिस के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए अज्ञात नगर की गली से भ्रमण किया। जहां रैली निकलने की सूचना में आनन फानन में कोतमा एसडीएम मिलिंद नागदेव, बिजुरी नायब तहसीलदार रामखेलावन सिंह, कोतमा एसडीओपी एसएन प्रसाद, बिजुरी थाना प्रभारी राधिका द्विवेदी ने वार्ड क्रमंाक १२ में रैली को रोकते हुए आगे बढऩे से मनाही कर दी। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रदर्शनकारियों ने ७ बिन्दूओं को शामिल करते हुए वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष पुरूषोत्तम सिंह के पिता नर्मदा सिंह की गिरफ्तारी को सत्ता के कारण द्वेषपूर्ण बताते हुए राजनीतिक दवाब में पुलिस कार्रवाई बताया। ताकि वर्तमान नपा अध्यक्ष की छवि को धूमिल किया जा सके। यहीं नहीं उनके पिता के बैंक खातों होल्ड कराते हुए पेंशन सहित अन्य सुविधाओं पर भी रोक लगा दी गई। इसके अलावा वर्ष २०१७ में पुलिस अभिरक्षा के दौरान मिल्हू केवट की मौत के प्रकरण पर पुलिस ने प्रशासन ने अबतक कोई कार्रवाई नहीं की। साथ पुलिस थाना के संरक्षण में क्षेत्र में अवैध कारोबार को संचालित करते हुए कांग्रेस के पक्ष में प्रचार किया जा रहा है। वहीं उनका आरोप है कि इस सम्बंध में नगर विकास समिति व जन अधिकारी मंच द्वारा ३० मार्च को एसडीएम कोतमा को शांतिपूर्ण आमसभा करते हुए बाजार बंद करने का ज्ञापन सौंपा था। लेकिन बाद में सत्ता पक्ष के दवाब में स्थानीय पुलिस द्वारा सूचनाकर्ता व उसके सहयोगियों को डरा धमका कर आचार संहिता की धमकी देते हुए कार्यक्रम नहीं करने की बात कही जा रही है। इस सम्बंध में नायब तहसीलदार बिजुरी रामखेलावन सिंह का कहना था कि ज्ञापन सौंपना अलग बात है और अनुमति देना अलग प्रक्रिया है। जिसमें प्रदर्शनकारियों ने प्रशासनिक अधिकारियों से रैली सम्बंधित कोई अनुमति प्राप्त नहीं की थी। यहंा तक सुबह से दोपहर तक समिति के सचिव दीपक गुप्ता बार बार बुलाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे थाना या अधिकारियों से मिलने नहीं पहुंचे। जबकि सुबह से दोपहर तक बिजुरी भ्रमण कर बाजार को सामान्य दिनों की भांति संचालित व कोई आम सभा नहीं करने की चेतावनी देते हुए उनके द्वारा लगाए जा रहे टेंट को भी बिना अनुमति गड़वाने पर हटाया गया था। लेकिन शाम ५ बजे अज्ञात भवन में गुपचुप तरीके से सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ एकट्ठा कर रैली निकाली और आचार संहिता का उल्लंघन किया है। हमारे द्वारा जो वीडिया फुटेज बनाए गए हैं उसमें शामिल लोगों के खिलाफ पहचान कर मामले दर्ज किए जाएंगे। बताया जाता है कि वर्तमान बिजुरी नगरपालिका अध्यक्ष पुरूषोत्तम सिंह के पिता नर्मदा सिंह की गिरफ्तारी पर नगर विकास मंच व जन अधिकार मंच ने इसे सियासी रंग देते हुए गिरफ्तारी को गलत और द्वेषपूर्ण बताया तथा बिजुरी में बिगड़ती कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाते हुए १ अप्रैल को बिजुरी नगर बंद का आह्वान किया था। जिसमें रेलवे स्टेशन चौराहा पर शांतिपूर्ण धरना व आमसभा आयोजित कर ज्ञापन सौंपने का उल्लेखन किया था।
बाक्स: खुफिया तंत्र फेल, प्रशासन को नहीं लगी भनक
आश्चर्य की बात है कि दिन भर प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस बिजुरी नगर की खाक छानते रहे और नगर विकास समिति और जन अधिकारी मंच द्वारा गुपचुप तरीके से आयोजित की गई अज्ञात बैठक की भनक पुलिस व प्रशासन को नहीं लगी। यहां तक सुबह से ही इन सम्भावनाओं से तैयार कोतमा प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस प्रशासन बाजार खुलाए रखने में सफल हो गए, लेकिन अंत समय रैली से मात खा गए।
वर्सन:
रविवार को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन आचार संहिता के कारण हमारी तरफ से कोई अनुमति नहीं दी गई थी। एकतरफा बाजार बंद व आमसभा की सूचना पर तत्काल इसे स्थगित करवा दिया गया था। प्रदर्शनकारियों ने गुप्त तरीके से बैठक आयोजित कर रैली निकाली है। इतनी भीड़ जुटाने व आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में फुटेज के आधार पर मामला कायम किया जाएगा
मिलिंद नागदेव, एसडीएम कोतमा।